News

मकर संक्रांति-2023

भारतीय हिन्दू व सिक्ख संस्कृति मे ‘मकर संक्रांति’ पर्व शुभ मंगलकार्य निष्पादन के लिए अनुकूल स्थिति का आरंभ के उपलक्ष्य मे देश के राज्यों में भिन्न -भिन्न नामो व पुजा विधि के साथ बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है अधिकांश आमजनो मे एक स्थाई धारणा बनी हुई है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को होती है /पड़ती है, पर यह निश्चित नहीं है, चुंकी नौ ग्रहों मे सूर्य की धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश समय पर निर्भर करता है,इस वर्ष मकर संक्रांति निम्नानुसार है सूर्य देव अपने मित्र गुरु /बृहस्पति की राशि धनु से अपने पुत्र शत्रु शनि देव की पहली राशि ‘मकर’ मे 14 जनवरी रात्रि 08:59 बजे करेंगे प्रवेश, जहां 13 फरवरी प्रात: 07:36 तक एक माह पुत्र शत्रु शनि के साथ गोचरीय संचरण करते रहेंगे, यह स्थिति (मकर मे सूर्य -शनि युति) विगत /पिछले 30 साल बाद वर्ष 2021 व दूसरी बार 2022 मे बन रही है प्रमुख पंचांगो के आधार पर सुर्य की मकर राशि में संक्रांति रात में अर्की होने से विशेष पुण्यकाल -स्नान दान दूसरे दिन 15 जनवरी को सूर्योदय से दोपहर 12:59 तक रहेगा! जो कि वर्तमान चल रही ‘आनंद’ नाम संवत्सर रहेगा मकर संक्रांति से भगवान सूर्य उत्तरायण की यात्रा पर रहेंगे मकर संक्रांति पर्व मे ‘तील गुड़ की लड्डू ‘ का दान यथाशक्ति करना चाहिए साथ ही इष्ट मित्रों पिता व पितातुल्य को ‘तील गुड़ की लड्डू ‘ भेट देकर आशीर्वाद लेना चाहिए! सूर्य की मकर राशि में गोचर (अवधि 15 जनवरी से 12 फरवरी तक) अनुकुल व उन्नतिकारक पर तनावपूर्ण स्थिति रहते निम्न जन्म राशि के जातको को प्रभावित करेगी  – वृश्चिक राशि :पराक्रम बढेगी,! सिंह राशि : रोग ऋण शत्रु का दमन करने मे सक्षम, ! मीन राशि : विविध लाभ, शत्रुओं से भी लाभ होगी.प्रतिकूल /विपरीत प्रभाव वाले राशि के जातक – मिथुन राशि :यात्रा सुचना संचार संबंधित विपरीत फल दु:ख, संकट का संकेतक है!,  कुम्भ राशि – न्यायिक मामले, साझेदारी, जीवनसाथी (विवाहित), ब्यापार विदेशी ब्यापार संबंध विषयों मे सावधानी बरतें, तनाव विवादपूर्ण व्यय का संकेत है! शेष राशि के जातको के लिए मकर राशि में सूर्य का गोचर फल सामान्य जाएगी.

सूर्य की यह स्थिति /अवधि मे भारत सरकार की आक्रामकता साझेदारी, न्यायिक मामलो, विदेशी संबंध, विदेशी ब्यापार विषयो पर रहेगी!

प्रभाकर कुमार. 

Rate this post
:

Related Articles

Check Also
Close
Back to top button