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जादूगर’ अब्दुस समद

1930 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम एशिया की सबसे धारदार टीमों में से एक थी। उन्हीं दिनों भारत XI की टीम इंडोनेशिया XI से एक मैच खेल रही थी। मैच के आखिरी कुछ मिनट बचे थे, तब तक दोनों टीम कोई भी गोल नहीं कर सकी थी।मैच ड्रा की तरफ बढ़ ही रहा था, कि 6 फीट ऊँचे एक खिलाड़ी ने लगातार एक के बाद एक तीन शॉट दागे, लेकिन तीनों बार ही गेंद गोल पोस्ट के लोहे से टकरा कर वापस मैदान में आ गयी। फुटबॉल में इस तरह की घटना को बहुत आम माना जाता है इसलिये बाकी खिलाड़ियों ने खेल जारी रखा, लेकिन शॉट मारने वाले खिलाड़ी ने ना सिर्फ मैच रोक दिया बल्कि रेफरी से गोल पोस्ट की ऊंचाई कम होने का दावा ठोक दिया। एक खिलाड़ी द्वारा दी गई इस चुनौती से सभी खिलाड़ी और मैच के अधिकारी सन्न रह गए।बहरहाल, उस खिलाड़ी की ज़िद पर गोल पोस्ट की ऊंचाई मापी गई और रिजल्ट चौंकाने वाला था। खिलाड़ी का दावा सही साबित हुआ। गोल पोस्ट निर्धारित नियम से करीब डेढ़ इंच छोटी पाई गई। उस खिलाड़ी के तीनों शॉट्स को सही माना गया और इस तरह भारत XI ने इंडोनेशिया XI को 3-0 से मात दे दी।उस खिलाड़ी का नाम सैयद अब्दुस समद (Syed Abdus Samad) था, जिसे लोग ‘जादूगर’ अब्दुस समद के नाम से जानते हैं। सैयद अब्दुस समद का जन्म 1895 में पूर्णिया के भूरी गांव में हुआ। उन्होंने शुरुआती शिक्षा पूर्णिया जिला विद्यालय में प्राप्त की। उस समय भारत अंग्रेजी हुकूमत के चंगुल में था। उन दिनों पूर्णिया ईस्ट इंडिया का एक अहम डिवीजन हुआ करता था।

प्रभाकर कुमार.

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