भगवान शिव…
।वेदो शिवम शिवो वेदम।।
हिन्दू धर्म में त्रिदेव का वर्णन आता है. त्रिदेव का संधि होता है त्रि + देव. त्रि का अर्थ होता है तीन और देव का अर्थ है देवता. ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) ये तीनों देवताओं को त्रिदेव कहा जाता है. वेद के अनुसार शिव को रूद्र भी कहा जाता है या यूँ कहें कि, जो चेतना के अन्तर्यामी है. वास्तव में शिव को योगी के रूप में देखे जाते हैं जिनके गले में नाग, हाथ में डमरू और त्रिशूल लिए रहते हैं और इनका निवास स्थान कैलाश है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार शिव को संहार का देवता भी माना जाता है. ज्ञात है कि, भगवान शिव को सौम्य और रौद्र रूप के लिए विख्यात है. इन्हें सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति व संहार के अधिपति भी कहे जाते हैं. भगवान शिव को कल्याणकारी देवता कहा गया है लेकिन, वे हमेशा लय व प्रलय दोनों को अपने अधीन किये हुए हैं. वास्तविक में शिव सभी जीवों को समान दृष्टि से देखते हैं इसीलिए इन्हें महादेव भी कहा जाता है. भगवान शिव के बारे में कहा जाता हाई कि, ज्योतिष शास्त्र में वारों (दिन) के रचयिता भी हैं. इनकी पूजा व अराधना मूर्ति और विग्रह या यूँ कहे कि, लिंग स्वरूप में भी की जाती है. इनके कई स्वरूप हैं और इन्ही रूपों के आधार पर इनके कई नाम हैं. आइये जानते हैं भगवान शिव के नाम….
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1. | शिव | कल्याण स्वरूप. |
2. | महेश्वर | माया के अधीश्वर. |
3. | शम्भू | आनंद स्वरूप वाले. |
4. | पिनाकी | पिनाक धनुष धारण करने वाले. |
5. | शशिशेखर | चंद्रमा धारण करने वाले. |
6. | वामदेव | अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले. |
7. | विरूपाक्ष | विचित्र अथवा तीन आंख वाले. |
8. | कपर्दी | जटा धारण करने वाले. |
9. | नीललोहित | नीले और लाल रंग वाले. |
10. | शंकर | सबका कल्याण करने वाले. |
11. | शूलपाणी | हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले. |
12. | खटवांगी | खटिया का एक पाया रखने वाले. |
13. | विष्णुवल्लभ | भगवान विष्णु के अति प्रिय. |
14. | शिपिविष्ट | सितुहा में प्रवेश करने वाले. |
15. | अंबिकानाथ | देवी भगवती के पति. |
16. | श्रीकण्ठ | सुंदर कण्ठ वाले. |
17. | भक्तवत्सल | भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले. |
18. | भव | संसार के रूप में प्रकट होने वाले. |
19. | शर्व | कष्टों को नष्ट करने वाले. |
20. | त्रिलोकेश | तीनों लोकों के स्वामी. |
21. | शितिकण्ठ | सफेद कण्ठ वाले. |
22. | शिवाप्रिय | पार्वती के प्रिय. |
23. | उग्र | अत्यंत उग्र रूप वाले. |
24. | कपाली | कपाल धारण करने वाले. |
25. | कामारी | कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले. |
26. | सुरसूदन | अंधक दैत्य को मारने वाले. |
27. | गंगाधर | गंगा को जटाओं में धारण करने वाले. |
28. | ललाटाक्ष | माथे पर आंख धारण किए हुए. |
29. | महाकाल | कालों के भी काल. |
30. | कृपानिधि | करुणा की खान. |
31. | भीम | भयंकर या रुद्र रूप वाले. |
32. | परशुहस्त | हाथ में फरसा धारण करने वाले. |
33. | मृगपाणी | हाथ में हिरण धारण करने वाले. |
34. | जटाधर | जटा रखने वाले. |
35. | कैलाशवासी | कैलाश पर निवास करने वाले. |
36. | कवची | कवच धारण करने वाले. |
37. | कठोर | अत्यंत मजबूत देह वाले. |
38. | त्रिपुरांतक | त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले. |
39. | वृषांक | बैल-चिह्न की ध्वजा वाले. |
40. | वृषभारूढ़ | बैल पर सवार होने वाले. |
41. | भस्मोद्धूलितविग्रह | भस्म लगाने वाले. |
42. | सामप्रिय | सामगान से प्रेम करने वाले. |
43. | स्वरमयी | सातों स्वरों में निवास करने वाले. |
44. | त्रयीमूर्ति | वेद रूपी विग्रह करने वाले. |
45 | अनीश्वर | जो स्वयं ही सबके स्वामी है. |
46. | सर्वज्ञ | सब कुछ जानने वाले. |
47. | परमात्मा | सब आत्माओं में सर्वोच्च. |
48. | सोमसूर्याग्निलोचन | चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले. |
49. | हवि | आहुति रूपी द्रव्य वाले. |
50. | यज्ञमय | यज्ञ स्वरूप वाले. |
51. | सोम | उमा के सहित रूप वाले. |
52. | पंचवक्त्र | पांच मुख वाले. |
53. | सदाशिव | नित्य कल्याण रूप वाले. |
54. | विश्वेश्वर | विश्व के ईश्वर. |
55. | वीरभद्र | वीर तथा शांत स्वरूप वाले. |
56. | गणनाथ | गणों के स्वामी. |
57. | प्रजापति | प्रजा का पालन- पोषण करने वाले. |
58. | हिरण्यरेता | स्वर्ण तेज वाले. |
59. | दुर्धुर्ष | किसी से न हारने वाले. |
60. | गिरीश | पर्वतों के स्वामी. |
61. | गिरिश्वर | कैलाश पर्वत पर रहने वाले. |
62. | अनघ | पापरहित या पुण्य आत्मा. |
63. | भुजंगभूषण | सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले. |
64. | भर्ग | पापों का नाश करने वाले. |
65. | गिरिधन्वा | मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले. |
66. | गिरिप्रिय | पर्वत को प्रेम करने वाले. |
67. | कृत्तिवासा | गजचर्म पहनने वाले. |
68. | पुराराति | पुरों का नाश करने वाले. |
69. | भगवान् | सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न. |
70. | प्रमथाधिप | प्रथम गणों के अधिपति. |
71. | मृत्युंजय | मृत्यु को जीतने वाले. |
72. | सूक्ष्मतनु | सूक्ष्म शरीर वाले. |
73. | जगद्व्यापी | जगत में व्याप्त होकर रहने वाले. |
74. | जगद्गुरू | जगत के गुरु. |
75. | व्योमकेश | आकाश रूपी बाल वाले. |
76. | महासेनजनक | कार्तिकेय के पिता. |
77. | चारुविक्रम | सुन्दर पराक्रम वाले. |
78. | रूद्र | उग्र रूप वाले. |
79. | भूतपति | भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी. |
80. | स्थाणु | स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले. |
81. | अहिर्बुध्न्य | कुण्डलिनी- धारण करने वाले. |
82. | दिगम्बर | नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले. |
83. | अष्टमूर्ति | आठ रूप वाले. |
84. | अनेकात्मा | अनेक आत्मा वाले. |
85. | सात्त्विक | सत्व गुण वाले. |
86. | शुद्धविग्रह | दिव्यमूर्ति वाले. |
87. | शाश्वत | नित्य रहने वाले. |
88. | खण्डपरशु | टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले. |
89. | अज | जन्म रहित. |
90. | पाशविमोचन | बंधन से छुड़ाने वाले. |
91. | मृड | सुखस्वरूप वाले. |
92. | पशुपति | पशुओं के स्वामी. |
93. | देव | स्वयं प्रकाश रूप. |
94. | महादेव | देवों के देव. |
95. | अव्यय | खर्च होने पर भी न घटने वाले. |
96. | हरि | विष्णु समरूपी. |
97. | पूषदन्तभित् | पूषा के दांत उखाड़ने वाले. |
98. | अव्यग्र | व्यथित न होने वाले. |
99. | दक्षाध्वरहर | दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले. |
100. | हर | पापों को हरने वाले. |
101. | भगनेत्रभिद् | भग देवता की आंख फोड़ने वाले. |
102. | अव्यक्त | इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले. |
103. | सहस्राक्ष | अनंत आँख वाले. |
104. | सहस्रपाद | अनंत पैर वाले. |
105. | अपवर्गप्रद | मोक्ष देने वाले. |
106. | अनंत | देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित |
107. | तारक | तारने वाले. |
108. | परमेश्वर | प्रथम ईश्वर. |