कपूर…
भारतीय घरों में कपूर का इस्तेमाल पौराणिक काल से ही हो रहा है, इसका प्रयोग पूजा-पाठ के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी होता है. कपूर अपने सुगंधित और औषधिय गुणों के कारण ही वातावरण को स्वच्छ रखने में साथ ही नाकारात्मक उर्जा को दूर करने में प्रयोग किया जाता है. कपूर दो प्रकार के होते है एक प्राकृतिक और कृत्रिम. कपूर उड़नशील वानस्पतिक द्रव्य होता है जो देखने में सफेद रंग का मोम की तरह का पदार्थ होता है. कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफ़ूर और अंग्रेजी में कैंफ़र कहते हैं.
कपूर के वृक्ष का वानस्पतिक नाम (Cinnamomum Camphora) सिनामोमम कैम्फोरा है. यह एक सदाबहार वृक्ष होता है इसकी पत्तियां चिकनी व चमकदार होती है जिसे मसलने पर कपूर की खुशबु आती है. वसंत मौसम में इस वृक्ष पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे फूल गुच्छों में लगते है. कपूर के पेड़ की अधिकतम आयु 50 वर्ष से अधिक होती है. कपूर का वृक्ष मुख्यतः चीन में पाया जाता था जहाँ से यह ताइवान, जापान, कोरिया, वियतनाम और दुनिया के बाकी देशों में पहुंचा. भारत में कपूर के वृक्ष देहरादून, मैसूर, सहारनपुर, नीलगिरी में पाया जाता है.
प्राकृतिक कपूर या यूँ कहें कि, देसी कपूर को कई नामों से जाना जाता है जैसे :- भीमसेनी कपूर या जापानी कपूर. बताते चलें कि, भीमसेनी कपूर को पानी में डालने पर यह नीचे बैठ जाता है. कपूर वृक्ष के पत्ती, छाल और लकड़ी से आसवन विधि द्वारा सफ़ेद रंग के क्रिस्टल के रूप में प्राप्त किया जाता है जबकि, कृत्रिम कपूर को बनाने के लिए तारपीन के तेल को बहुत सी केमिकल मिलाने के बाद ही प्राप्त होता है. कृत्रिम कपूर का रासायनिक फार्मूला होता है (C10H160) जो पानी में अघुलनशील होता है जबकि, अल्कोहल में घुलनशील होता है.
कपूर शरीर की कई बीमारियों से दूर करने के साथ साथ त्वचा एंव बाल से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिये उपयोगी होता है. कपूर उत्तम वातहर होता है साथ ही त्वचा और फुफ्फुस के द्वारा उत्सर्जित होने के कारण यह स्वेदजनक और कफ नाशक होता है.
कपूर के फायदे :-
नारियल का तेल और कपूर मिलाकर रख लें. इसे रोज पिंपल्स, जले या चोट के दाग पर लगाएंगे तो कुछ ही दिनों में यह निशान मिट जाएंगे. नारियल के तेल को कपूर के साथ मिलाकर इसे गुनगुना करके सिर की मालिश करें और फिर एक घंटे बाद सिर को धो लें. इससे डैंड्रफ या यु कहें कि रुसी तो खत्म ही जाएगा साथ ही बाल भी मजबूत होगे. जोड़ों के दर्द की शिकायत होने पर दर्द वाली जगह पर कपूर के तेल की मालिश करें आपको जल्द से जल्द राहत मिलेगी. रात को सोने से पहले कच्चे दूध में थोड़ा-सा कपूर का पाउडर मिलाएं और रूई की मदद से इसे चेहरे पर लगाएं और पांच मिनट के बाद चेहरा धो लें. इससे त्वचा हेल्दी बनेगा साथ ही आपका चेहरा आकर्षक भी हो जायेगा.
कपूर में एंटीबायोटिक क्षमता होती है चोट लगने, कट जाने या घाव वाली जगह पर कपूर मिला पानी लगाने से जल्द ही आराम मिलता हैं. अगर आपके मुंह में छाले हों जाएं तो आप कपूर को देसी घी के साथ मिलाकर छालों पर लगाएं, मुंह के छाले जल्द ही ठीक हो जाएंगे. अगर आपके चेहरे पर दाग व धब्बे हों तो आपको कपूर का तेल लगाना चाहिए जिस से दाग धब्बे कम होंगे और आपका साफ सुथरा और आकर्षक हो जायेगा.
कपूर खाने के नुक्सान :-
कपूर खाने से कई तरह हैल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं वहीं, बच्चों के लिए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता हैं. कपूर की अधिक मात्रा पेट में जाने से होंठ सूखने, स्किन रैशेज जैसी समस्याएं होने लगती हैं साथ ही नर्वस सिस्टम और किडनी को भी नुकसान पहुंचता है. कपूर खाने से पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है क्योंकि ये आपके गैस्ट्रोइन्टेसटाइन को पूरी तरह से ब्लॉक कर सकता है.
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Kapoor/ Camphor…
Camphor has been used in Indian homes since ancient times, it is used in worship as well as in the field of medicine. Due to its aromatic and medicinal properties, camphor is used to keep the environment clean and also to remove negative energy. There are two types of camphor, natural and artificial. Camphor is a volatile botanical substance that appears to be a white wax-like substance. Camphor is called Karpoor in Sanskrit, Kapoor in Persian and Camphor in English.
The botanical name of the camphor tree (Cinnamomum camphora) is Cinnamomum camphor. It is an evergreen tree, its leaves are smooth and shiny, which when crushed give off the aroma of camphor. In the spring season, small white flowers appear in clusters on this tree. The maximum age of a camphor tree is more than 50 years. The camphor tree was mainly found in China from where it reached Taiwan, Japan, Korea, Vietnam and other countries of the world. In India, the camphor tree is found in Dehradun, Mysore, Saharanpur, and Nilgiris.
Natural camphor or desi camphor is known by many names like: – Bhimseni camphor or Japanese camphor. Let us tell you that when Bhimseni camphor is put in water, it settles down. Camphor is obtained in the form of white-colored crystals by distillation from the leaves, bark and wood of the tree, whereas, to make artificial camphor, is obtained only after mixing many chemicals with turpentine oil. The chemical formula of artificial camphor is (C10H160) which is insoluble in water whereas, it is soluble in alcohol.
Camphor is useful in curing many diseases of the body as well as in removing problems related to skin and hair. Camphor is an excellent carminative and as it is excreted through the skin and lungs, it is diaphoretic and anti-phagic.
Benefits of camphor: –
Mix coconut oil and camphor and keep it aside. If you apply it daily on pimples, burns or injury marks, these marks will disappear within a few days. Mix coconut oil with camphor, massage it lukewarm, and then wash the head after an hour. This will not only eliminate dandruff or dandruff but will also strengthen your hair. If you complain of joint pain, massage camphor oil on the painful area, and you will get relief as soon as possible. Before sleeping at night, mix a little camphor powder in raw milk, apply it on the face with the help of cotton, and wash the face after five minutes. This will make your skin healthy, and your face will also become attractive.
Camphor has antibiotic properties. Applying water mixed with camphor on the injured, cut or wound area provides quick relief. If you have mouth ulcers, then mix camphor with desi ghee and apply it to the ulcers, the mouth ulcers will heal soon. If there are blemishes and spots on your face, then you should apply camphor oil, which will reduce the blemishes and make your face clean and attractive.
Disadvantages of eating camphor:-
Consuming camphor can cause many health problems; it can even prove fatal for children. Excessive amount of camphor in the stomach causes problems like dry lips, and skin rashes and also causes damage to the nervous system and kidneys. Consuming camphor weakens the digestive system because it can completely block your gastrointestinal tract.