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हरियाली अमावस्या

हरियाली अमावस्या सनातनधर्मियों का एक प्रमुख त्योहार है जो अमावस्या के दिन श्रावण (सावन) महीने में मनाया जाता है. यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मनाया जाता है. हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है. इस दिन लोग विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं.

हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है. इस दिन लोग पेड़ लगाते हैं और उनकी देखभाल करने का संकल्प लेते हैं. विभिन्न धार्मिक स्थलों, गांवों और शहरों में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हरियाली अमावस्या के दिन लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में भाग लेते हैं साथ ही वे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितरों का तर्पण करते हैं और पवित्र नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं.

हरियाली अमावस्या का पर्व विशेष रूप से किसान समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होता है. यह पर्व वर्षा ऋतु का स्वागत करने और अच्छी फसल की कामना के लिए मनाया जाता है. किसान इस दिन खेतों में काम नहीं करते और खेतों की पूजा करते हैं. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. लोग इन मेलों में भाग लेते हैं, स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेते हैं, और पारंपरिक खेलों में हिस्सा लेते हैं. हरियाली अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व भी है. इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं. यह दिन आध्यात्मिक साधना और ध्यान के लिए भी उत्तम माना जाता है.

हरियाली अमावस्या पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है. यह दिन हमें पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है और हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहने के लिए प्रेरित करता है.

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Hariyali Amavasya

Hariyali Amavasya is a major festival of Sanatan Dharmis which is celebrated on the day of Amavasya in the month of Shravan (Sawan). This festival is especially celebrated in North India, Rajasthan, Madhya Pradesh and Maharashtra. The main objective of Hariyali Amavasya is to promote environmental conservation and tree plantation. On this day people participate in various religious and cultural activities.

The main objective of Hariyali Amavasya is to promote environmental conservation and tree plantation. On this day people plant trees and take a pledge to take care of them. Tree plantation programs are organized in various religious places, villages and cities. On the day of Hariyali Amavasya, people participate in various religious rituals and worship as well as perform Tarpan to the ancestors for the peace of the soul of their ancestors and take baths in holy rivers and ponds.

The festival of Hariyali Amavasya is especially important for the farmer community. This festival is celebrated to welcome the rainy season and wish for a good harvest. Farmers do not work in the fields on this day and worship the fields. Fairs and cultural programs are organized at various places on this occasion. People attend these fairs, enjoy local cuisine, and participate in traditional games. Hariyali Amavasya also has spiritual significance. On this day people worship Lord Shiva and Goddess Parvati and seek their blessings. This day is also considered good for spiritual practice and meditation.

Hariyali Amavasya is an important festival of environmental conservation and worship of nature. This day reminds us of our responsibilities towards the environment and inspires us to live in harmony with nature.

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