गुरु नानक देव पुण्य दिवस
गुरु नानक देव पुण्य दिवस, जिसे गुरु नानक जयंती या गुरुपर्व के रूप में भी जाना जाता है, सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानक देव जी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह दिन सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की और मानवता के लिए प्रेम, करुणा, और समानता का संदेश दिया.
गुरु नानक जयंती आमतौर पर कार्तिक महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो प्रायः अक्टूबर-नवंबर के बीच आती है. गुरु नानक जयंती के अवसर पर रात में “जागो” का आयोजन किया जाता है. इसमें लोग भजन गाते हैं और रात्रि को संगठित होकर मंदिर या गुरुद्वारे की ओर जाते हैं.
इस दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में इकट्ठा होकर विशेष प्रार्थनाएं और कीर्तन करते हैं. गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है, और संगत को लंगर (सामूहिक भोजन) परोसा जाता है. इस अवसर पर लोग समाज सेवा और सहायता के कार्यों में भी भाग लेते हैं, जिससे गुरु नानक देव जी के उपदेशों का पालन हो सके.
गुरु नानक जयंती पर विभिन्न जगहों पर उत्सव, मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग मिलकर गुरु जी के जीवन और उनके संदेशों का सम्मान करते हैं. गुरु नानक देव पुण्य दिवस का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है. इस दिन लोग गुरु नानक के संदेशों को याद करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं, जैसे कि प्रेम, करुणा, समानता, और सेवा.
गुरु नानक देव का पुण्य दिवस न केवल सिखों के लिए, बल्कि सभी मानवता के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें प्रेम और एकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है.
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Guru Nanak Dev Punya Diwas
Guru Nanak Dev Punya Diwas, also known as Guru Nanak Jayanti or Gurupurab, is celebrated to commemorate the birth anniversary of the first Guru of Sikhism, Guru Nanak Dev Ji. This day is extremely important for the Sikh community, as Guru Nanak Dev Ji founded Sikhism and preached love, compassion, and equality for humanity.
Guru Nanak Jayanti is usually celebrated on the full moon day of the month of Kartik, which usually falls between October and November. On the occasion of Guru Nanak Jayanti, “Jaago” is organized at night. In this, people sing hymns and go to the temple or gurudwara in an organized manner at night.
On this day, people of the Sikh community gather in gurudwaras and perform special prayers and kirtans. Guru Granth Sahib is recited, and langar (community meal) is served to the Sangat. On this occasion, people also participate in social service and charity work, so that the teachings of Guru Nanak Dev Ji can be followed.
On Guru Nanak Jayanti, various festivals, fairs and cultural programs are organized in which people come together to honour the life and messages of the Guru. The significance of Guru Nanak Dev Punyadi is not only religious, but it also symbolizes social and cultural unity. On this day people remember the messages of Guru Nanak and pledge to adopt his ideals, such as love, compassion, equality, and service.
Guru Nanak Dev Punyadi is a source of inspiration not only for Sikhs but for all humanity, which inspires us to follow the path of love and unity.