हरी मिर्च…
भोजन को तीखापन लाने के लिए हरी मिर्च का प्रयोग किया जाता है. हरी मिर्च का नाम सुनते ही उसके तीखापन का स्वाद मुंह में आ जाता है. अक्सर हरी मिर्च खाने के बाद “सी-सी” करते हैं. हरी मिर्च खाने के बाद कई बार तो ऐसा महसूस होता है कि कानों से धुआँ निकाल रहा हो. ज्यादा मिर्च खाने के बाद शौच के समय जलन भी महसूस होती है. मिर्च को कड़ी, आचार, चटनी और अन्य सब्जियों में मुख्य तौर पर प्रयोग किया जाता है. मिर्च में कड़वापन कैपसेसिन नाम के एक तत्व के कारण होता है, जिसे दवाइयों के तौर पर प्रयोग किया जाता है. खासतौर पर कैंसर रोधी और तुरंत दर्द दूर करने वाले तत्व पाए जाते हैं. यह खून को पतला करने और दिल की बीमारियों को रोकने में भी मदद करता है.
मिर्च कैप्सिकम वंश के एक पादप का फल है, तथा यह सोलेनसी (Solanaceae) कुल का एक सदस्य है. इसे अंग्रेजी में (Green chilli) हरी मिर्च कहते हैं. भारत में कई किस्म की मिर्च उगाई जाती है लेकिन सबसे तीखी मिर्च की खेती असम और उत्तरी पश्चिम क्षेत्रों में होती है और इस मिर्च का नाम है भूत झोलकिया. बताते चलें कि इस मिर्च को वर्ष 2007 में गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉडर्स में शामिल किया गया है. इंडिआना यूनिवर्सिटी के डेविड हॉक के नेतृत्व में शोध के अनुसार, मिर्ची के तीखापन के पीछे कैप्साईपीनोइड पदार्थ है जो मिर्ची को फंफूद से बचाता है.इसी पदार्थ के पनपने से मिर्ची में कसैलापन आता है.रिसर्च में पाया गया है कि उत्तरी क्षेत्र में मात्र 15- 20% मिर्च में ही यह तीखा पदार्थ मौजूद था. मिर्च में मौजूद कैप्सिसिन नामक कम्पापाउंड पाया जाता है. यह मिर्च के तीखेपन के लिए जिम्मेदार होता है.
कैप्सिसिन खून में सब्स ‘टेंस पी’ नामक केमिकल रिलीज करता है, जो दिमाग का जलन और गर्मी का सिग्नील देता है. कैप्सिसिन हालांकि तेज जलन पैदा करता है लेकिन ये ज्यादा डोज लेने पर भी स्थायी रूप से उत्तकों को नष्ट नहीं करता है. किसी भी मिर्च का तीखापन SHU (स्काजविले हीट यूनिट्स) से मापा जाता है. ये तीखापन मापने की इकाई है. बताते चलें कि, विल्बहर स्कारविले ने वर्ष 1912 में हयूमन टेस्टिंग पैनल के जरिए मिर्च का तीखापन मापने की यूनिट इजाद की थी. वक्त के साथ तीखापन मापने का तरीका अब बदल गया है. हयूमन पैनल की जगह अब हाइ्र प्रेशर लिक्वलड क्रोमाटोग्राफी मशीन से मिर्च का तीखापन मापा जाता है.
पोषक तत्व :- हरी मिर्च में कई पोषक तत्व जैसे- विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होता है साथ ही इसमें बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन -जॅक्सन्थिन भी पाया जाता है. हरी मिर्च की तासीर ठंडी होती है.
बताते चलें कि मिर्च का मूल स्थान मैक्सिको और दूसरे दर्जे पर गुआटेमाला माना जाता है. भारत में मिर्चें 17वीं सदी में पुर्तगालियों के द्वारा गोवा लाई गई और इसके बाद यह पूरे भारत में बड़ी तेजी से फैल गई. इसकी खेती भारत, चीन, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, कोरिया, तुर्की, श्रीलंका अफ्रीका में नाइज़ीरिया, घाना, टुनीशिया, मिस्र, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका. भारत, संसार में मिर्च पैदा करने वाले देशों में मुख्य देश हैं. इसके बाद चीन और पाकिस्तान का नाम आता है. आंध्र प्रदेश, महांराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, तामिलनाडू, बिहार, उत्तर प्रदेश और राज्यस्थान मिर्च पैदा करने वाले भारत के मुख्य राज्य हैं.
खेती :- मिर्च हल्की से भारी हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है. हल्की उपजाऊ और पानी के अच्छे निकास वाली ज़मीन जिस में नमी हो, इसके लिए अनुकूल होती है. हल्की ज़मीनें भारी ज़मीनों के मुकाबले अच्छी क्वालिटी की पैदावार देती हैं.
फायदे :-
- हरी मिर्च का तीखापन कोलेस्ट्रॉल के स्तर और प्लेटलेट्स के जमाव को नियंत्रित कर हृदय रोग और हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकता है.
- हरी मिर्च एक कारगर एंटी डायबिटिक के रूप में काम करती है. इसके पीछे कारण हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक खास तत्व का होना है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने का काम करता है . इसके अलावा, हरी मिर्च शरीर में लिपिड केटाबॉलिज्म को बढ़ाकर टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद करती है.
- हरी मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन एंटी-ओबेसिटी की तरह काम करता है, जो वजन घटाने में मदद करता है और अतिरिक्त चर्बी को जमने से रोकता है.
- हरी मिर्च में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने की क्षमता होती है.
- हरी मिर्च विटामिन-ए से भी समृद्ध होती है, जो प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर शरीर को संक्रमण से दूर रखती है.
- हरी मिर्च शरीर के विभिन्न भागों और कोशिकाओं में लिपिड केटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करती है, जिससे उच्च रक्तचाप से छुटकारा मिल सकता है.
- आखों के लिए विटामिन-ए, विटामिन-सी व विटामिन-ई प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को स्वस्थ रखते हैं जो आंखों के लिए फायदेमंद हो सकती है.
- हरी मिर्च कैल्शियम से युक्त होती है, जो हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है जो हड्डी और दांत को मजबूत करता है और उनके विकास में मदद करता है.
- हरी मिर्च फाइबर से युक्त होती है, और पाचन स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है. फाइबर मल निकासी की प्रक्रिया को सरल बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का काम करता है.
- हरी मिर्च विटामिन-सी और विटामिन-ए जैसे एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होती है, जो शरीर को बैक्टीरियल प्रभाव से मुक्त रखने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पेट के अल्सर को दूर करने में सहायक होता है. इसके अलावा, मिर्च का प्रयोग लंबे समय से पेट के कीड़ों को मारने के लिए भी किया जाता है.
- हरी मिर्च कैंसर जैसी घातक बीमारी से रोकथाम भी कर सकती है.
- हरी मिर्च तनाव से छुटकारा देने का काम भी कर सकती है. हरी मिर्च विटामिन और मिनरल्स से समृद्ध होती है, जो तनाव को दूर करने का काम करती हैं.
- शरीर में आयरन की पूर्ति के लिए हरी मिर्च का सेवन किया जा सकता है.
- हरी मिर्च विटामिन-बी6, बी12 और फोलेट से जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होती है, जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने का काम करते हैं. ये पोषक तत्व खासकर महिलाओं में याददाश्त को बेहतर करने में मदद करते हैं.
- हरी मिर्च विटामिन-सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होती है, जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए खास पोषक तत्व माना जाता है. विटामिन-सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने का काम करता है. विटामिन-सी का प्रयोग त्वचा को चमकाने, एंटी-एजिंग और सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव वाले कॉस्मेटिक उत्पादों में भी किया जाता है .
नुकसान :-
- हरी मिर्च का अत्यधिक सेवन पेट में जलन और डायरिया का कारण बन सकता है.
- बवासीर से पीड़ित मरीजों के लिए हरी मिर्च नुकसानदायक हो सकती है.
- हरी मिर्च खाने के बाद किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
======== ========== ============
Green chilies are used to bring spiciness to the food. On hearing the name of green chillies, the taste of its pungency comes in the mouth. Often after eating green chillies, they say “C-C”. Sometimes after eating green chillies, it feels like smoke is coming out of the ears. After eating too much chili, burning sensation is also felt at the time of defecation. Chilli is mainly used in curry, pickle, chutney and other vegetables. The bitterness in chillies is due to an element called capsaicin, which is used as medicine. Especially anti-carcinogenic and instant pain relieving elements are found. It also helps in thinning the blood and preventing heart diseases.
Chilli is the fruit of a plant of the genus Capsicum, and it is a member of the Solanaceae family. It is called green chili in English. Many varieties of chillies are grown in India but the hottest chillies are cultivated in Assam and North West regions and the name of this chilli is Bhoot Jholkia. Let us tell that this chilli has been included in the Guinness Book of World Records in the year 2007. According to research led by David Hawke of Indiana University, behind the pungency of chili peppers is the substance capsaipenoid, which protects chilies from mold. The growth of this substance causes astringency in chilies. Research has found that in the northern region only 15 This pungent substance was present only in 20% of the chillies. A compound called capsaicin is found in chillies. It is responsible for the pungency of chillies.
Capsaicin releases a chemical called ‘Tens P’ in the blood, which gives a signal of irritation and heat to the brain. Although capsaicin produces a strong burning sensation, it does not permanently destroy tissues even in high doses. The hotness of any chilli is measured by SHU (Skassville Heat Units). It is the unit of measurement of sharpness. Let us tell that, in the year 1912, Wilbahar Scarville had invented a unit to measure the pungency of chili through human testing panel. The method of measuring sharpness has changed with time. Instead of a human panel, the hotness of chillies is now measured with a high pressure liquid chromatography machine.
Nutrients: – Green chillies are rich in many nutrients such as Vitamin A, B6, C, Iron, Copper, Potassium, Protein and Carbohydrates, as well as beta carotene, cryptoxanthin, lutein-zeaxanthin are also found in it. Green chillies have a cooling effect.
Let’s say that the original place of chili is considered to be Mexico and on the second level is Guatemala. Chillies in India were brought to Goa by the Portuguese in the 17th century and after that it spread rapidly all over India. It is cultivated in India, China, Pakistan, Indonesia, Korea, Turkey, Sri Lanka Africa, Nigeria, Ghana, Tunisia, Egypt, Mexico and the United States. India is the main country among the chili producing countries in the world. After this comes the name of China and Pakistan. Andhra Pradesh, Maharashtra, Karnataka, Odisha, Tamil Nadu, Bihar, Uttar Pradesh and Rajasthan are the main chilli producing states of India.
Cultivation :- Chilli can be grown in all types of soil from light to heavy. Light fertile and well drained soil having moisture is favorable for this. Light soils produce better quality crops than heavy soils.
Advantages :-
- The pungency of green chilies can reduce the risk of heart disease and heart attack by controlling cholesterol levels and platelet aggregation.
- Green chilies act as an effective anti-diabetic. The reason behind this is the presence of a special element called capsaicin in green chillies, which works to control blood sugar. In addition, green chilies help reduce the risk of type 2 diabetes by increasing lipid catabolism in the body.
- The capsaicin present in green chillies acts as an anti-obesity, which helps in weight loss and prevents accumulation of excess fat.
- Green chilies have the ability to boost the immune system.
- Green chillies are also rich in Vitamin-A, which strengthens the immunity and keeps the body away from infection.
- Green chilies work to increase lipid catabolism in various parts and cells of the body, which can relieve high blood pressure.
- Vitamin-A, Vitamin-C and Vitamin-E work as effective antioxidants for the eyes. These antioxidants keep the cells healthy which can be beneficial for the eyes.
- Green chillies are rich in calcium, which is considered to be the most important nutrient for bones, which strengthens bones and teeth and helps in their development.
- Green chillies are rich in fibre, and considered to be the most important element for digestive health. Fiber simplifies the process of bowel movement and works to relieve problems like constipation.
- Green chilies are rich in antioxidants like Vitamin-C and Vitamin-A, which help in keeping the body free from bacterial effects. The antibacterial properties present in it are helpful in removing stomach ulcers. Apart from this, chili has also been used to kill stomach worms for a long time.
- Green chillies can also prevent deadly diseases like cancer.
- Green chillies can also work to get rid of stress. Green chilies are rich in vitamins and minerals, which work to relieve stress.
- Green chillies can be consumed to supply iron in the body.
- Green chillies are rich in nutrients like Vitamin-B6, B12 and folate, which work to promote brain functioning. These nutrients help in improving memory especially in women.
- Green chillies are rich in antioxidants like Vitamin-C, which is considered a special nutrient for skin health. Vitamin-C works to increase collagen in the skin. Vitamin-C is also used in skin brightening, anti-aging and sun protection cosmetic products.
Harm :-
- Excessive consumption of green chillies can cause stomach irritation and diarrhoea.
- Green chillies can be harmful for patients suffering from piles.
- In case of any problem after eating green chillies, contact the doctor immediately.