गीता जयंती…
गीता जयंती हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों के स्मरण और सम्मान में मनाया जाता है. यह पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है.
मोक्षदा एकादशी के दिन जब भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश दिए थे. गीता जयंती मानव जीवन में धर्म, कर्म, ज्ञान और भक्ति का महत्व सिखाती है. गीता के उपदेश जीवन के हर पहलू के लिए मार्गदर्शक हैं. गीता का मुख्य संदेश “निष्काम कर्म” है, यानी बिना फल की इच्छा के अपने कर्तव्यों का पालन करना.
मोक्षदा एकादशी के दिन गीता के श्लोकों का पाठ और उनके अर्थ का अध्ययन किया जाता है. विभिन्न मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों पर गीता के उपदेशों पर प्रवचन आयोजित किए जाते हैं.इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है.गीता के आध्यात्मिक संदेशों को आत्मसात करने के लिए योग और ध्यान किया जाता है.
श्रीमद्भगवद्गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन का मार्गदर्शन करती है. यह दुनिया के सभी मनुष्यों को सत्य, धर्म, और जीवन के मूल उद्देश्यों को समझने की प्रेरणा देती है. इस दिन गीता के संदेशों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेना अत्यंत शुभ माना जाता है.
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Gita Jayanti…
Gita Jayanti is an important Hindu festival celebrated in remembrance and honour of the teachings of the Shrimad Bhagavad Gita. It is celebrated on Ekadashi Tithi of Shukla Paksha of Margashirsha month, also called Mokshada Ekadashi.
On the day of Mokshada Ekadashi when Lord Krishna gave the teachings of Shrimad Bhagavad Gita to Arjuna on the battlefield of Mahabharata. Gita Jayanti teaches the importance of Dharma, Karma, Gyan and Bhakti in human life. The teachings of Gita are guiding for every aspect of life. The main message of the Gita is “Nishkam Karma”, that is, to perform your duties without the desire for fruit.
On the day of Mokshada Ekadashi, the verses of the Ta are recited and their meaning is studied. Discourses on the teachings of the Gita are organized at various temples and spiritual places. Special worship and bhajan-kirtans are organized on this day. Yoga and meditation are done to imbibe the spiritual messages of the Gita.
Shrimad Bhagavad Gita is not just a religious text, but it guides life. It inspires all the human beings of the world to understand truth, religion, and the basic objectives of life. Taking a pledge to adopt the messages of Gita in one’s life on this day is considered extremely auspicious.