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भारतीय क्रिकेट के पितामह

भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी घरेलू सीरीज – रणजी ट्रॉफी नाम तो सुना ही होगा ,आप लोगो ने। आइये जानते है कौन है रणजीत सिंह जडेजा और इन्हें क्यों भारतीय क्रिकेट का पितामहः कहा जाता है रणजीत सिंह जडेजा ( पूरा नाम -महामहिम महाराज जाम, सर रणजीतसिंह विभाजी जडेजा नवानगर के जाम साहब  का जन्म 10 सितम्बर 1872 सदोदर, काठियावाड़ में एक राजपूत परिवार में हुआ , आप पहले भारतीय थे जिन्होंने क्रिकेट खेलने की शुरुआत की ,मजेदार बात यह हैं  कि तब भारत की कोई क्रिकेट टीम भी नहीं बनी थी रणजीत सिंह के पास क्रिकेट खेलने की एक अलग ही शैली थी और अपने विशेष आक्रामक अंदाज के कारण वो ब्रिटेन में चर्चा के विषय बन चुके थे इनका चयन इंग्लैंड की टीम में हुआ, इस बात पर बहुत बवाल हुआ कि रणजीत सिंह का जन्म इंग्लैंड में नहीं हुआ है फिर भी इनका चयन इंग्लैंड क्रिकेट टीम में कैसे हो गया लेकिन कई विवादों के वावजूद वो इंग्लैंड की तरफ से खेले और उन्होंने अपना पहला मैच – 16 जुलाई 1896 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला  – पहली पारी में ही उन्होंने 62 रनों की पारी खेली और दूसरी पारी में शानदार शतक (154) जड़ दिया।उपाधि और सम्मान 1896 में, खेल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण, उन्हें विस्डेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर द्वारा वर्ष 1897 के लिए नामांकित किया गया था।

रणजीत सिंह जडेजा, कि गिनती सभी समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। नेविल कार्डस ने  उन्हें ‘द मिडसमर नाइट्स ड्रीम ऑफ़ क्रिकेट’ भी कहा था ।आप ने अपने पूरे मैच आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले , सन 1904 में आप भारत लौटकर आये और भारत मे क्रिकेट का विस्तार किया। वर्ष 1934 में भारत मे रणजीत सिंह जडेजा के नाम से रणजी ट्रॉफी की शुरुआत हुई ।

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