डेटा संरक्षण दिवस…
डेटा संरक्षण दिवस (Data Protection Day) हर वर्ष 28 जनवरी को मनाया जाता है. इसे डेटा प्राइवेसी दिवस (Data Privacy Day) के रूप में भी जाना जाता है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा, गोपनीयता के अधिकार, और डेटा प्रबंधन के महत्व के प्रति जागरूक करना है.
डेटा संरक्षण दिवस की शुरुआत वर्ष 2006 में यूरोपियन काउंसिल द्वारा की गई थी. इस दिन को मनाने का उद्देश्य वर्ष 1981 में हस्ताक्षरित कन्वेंशन 108 की वर्षगांठ का जश्न मनाना था. कन्वेंशन 108 दुनिया की पहली कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि थी, जिसमें व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश दिए गए थे. बाद में यह दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों द्वारा अपनाया गया.
हर व्यक्ति को यह अधिकार है कि उसकी जानकारी कैसे एकत्र की जाती है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है. साइबर हमलों और डेटा चोरी से बचने के लिए उचित सुरक्षा उपाय अपनाने का प्रोत्साहन. कंपनियों और संगठनों को उनकी नीतियों में पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी का एहसास कराना.
आज के डिजिटल युग में, डेटा सबसे कीमती संपत्तियों में से एक बन गया है. डेटा चोरी, हैकिंग, और गोपनीय जानकारी के दुरुपयोग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत डेटा साझा करने के बढ़ते चलन ने डेटा संरक्षण को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है.
भारत में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर कई कदम उठाए गए हैं.
डिजिटल सेवाओं और डेटा प्रबंधन के लिए भारत सरकार ने कई नीतियां लागू की हैं. भारत सरकार ने डेटा संरक्षण और गोपनीयता के लिए ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल’ 2023 पेश किया. इस कानून का उद्देश्य है व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित करना और डेटा के दुरुपयोग को रोकना. आधार जैसे कार्यक्रमों में बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा को लेकर विशेष कदम उठाए गए हैं. जैसे: – डेटा सुरक्षा के लिए सुझाव, सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें, डेटा साझा करते समय सतर्क रहें, दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें, साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करें, अनावश्यक रूप से व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें.
डेटा संरक्षण दिवस अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है. यह दिवस हमें डेटा गोपनीयता और डिजिटल दुनिया में हमारे अधिकारों की सुरक्षा का महत्व समझने के लिए प्रेरित करता है. डेटा संरक्षण दिवस हमें याद दिलाता है कि डिजिटल युग में डेटा की सुरक्षा केवल सरकार और संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति को इसके लिए सतर्क और जागरूक रहना चाहिए. सुरक्षित और गोपनीय डेटा प्रबंधन से न केवल हमारी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहती है, बल्कि एक भरोसेमंद डिजिटल समाज का निर्माण भी होता है.
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Data Protection Day
Data Protection Day, also known as Data Privacy Day, is celebrated every year on 28 January. The main objective of this day is to raise awareness of the protection of personal data, the right to privacy, and the importance of data management.
Data Protection Day was started by the European Council in 2006. Its purpose was to celebrate the anniversary of Convention 108, signed in 1981. Convention 108 was the world’s first legally binding treaty, providing guidelines for the protection of personal data. Later, this day was adopted by various countries internationally.
Every person has the right to choose how his information is collected and how it is used. Encouragement to adopt appropriate security measures to avoid cyber attacks and data theft. To make companies and organizations realize the responsibility of ensuring transparency and data security in their policies.
Data has become one of the most valuable assets in today’s digital age. Incidents of data theft, hacking, and misuse of confidential information are increasing rapidly. The growing trend of sharing personal data on social media, e-commerce, and digital platforms has made data protection even more important.
Many steps have been taken regarding data security and privacy in India.
The Government of India has implemented several policies for digital services and data management. The Government of India introduced the ‘Digital Personal Data Protection Bill’ 2023 for data protection and privacy. The purpose of this law is to secure personal data and prevent misuse of data. Special steps have been taken to protect biometric data in programs like Adhura. Such as: – Tips for data protection, using secure passwords, being cautious while sharing data, using two-factor authentication, using cyber security software, avoid sharing personal information unnecessarily.
Data Protection Day has now become a global movement. This day inspires us to understand the importance of data privacy and the protection of our rights in the digital world. Data Protection Day reminds us that in the digital age, data security is not only the responsibility of the government and organizations, but every individual should be cautious and aware of it. Secure and confidential data management not only keeps our personal information safe but also creates a trustworthy digital society.