धूप जलाने के फायदे…
‘…गन्धाक्षतम्, पुष्पाणि, धूपम्, दीपम्, नैवेद्यम् समर्पयामि.’
धूप, दीप, चंदन, कुमकुम, अष्टगंध, जल, अगर, कर्पूर, घृत, गुड़, घी, पुष्प, फल, पंचामृत, पंचगव्य, नैवेद्य, हवन, शंख, घंटा, रंगोली, मांडना, आंगन-अलंकरण, तुलसी, तिलक, मौली (कलाई पर बांधे जाने वाला नाड़ा), स्वस्तिक, ओम, पीपल, आम और कैले के पत्तों का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। तंत्रसार के अनुसार अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागरमाथा, चंदन, इलाइची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गुल ये सोलह प्रकार के धूप माने गए हैं, इसे षोडशांग धूप भी कहते हैं. मदरत्न के अनुसार चंदन, कुष्ठ, नखल, राल, गुड़, शर्करा, नखगंध, जटामांसी, लघु और क्षौद्र सभी को समान मात्रा में मिलाकर जलाने से उत्तम धूप बनती है, इसे दशांग धूप कहते हैं. इसके अलावा भी अन्य मिश्रणों का भी उल्लेख मिलता है, जैसे- छह भाग कुष्ठ, दो भाग गुड़, तीन भाग लाक्षा, पांचवां भाग नखला, हरीतकी, राल समान अंश में, दपै एक भाग, शिलाजय तीन लव जिनता, नागरमोथा चार भाग, गुग्गुल एक भाग लेने से अति उत्तम धूप तैयार होती है. रुहिकाख्य, कण, दारुसिहृक, अगर, सित, शंख, जातीफल, श्रीश ये धूपों में श्रेष्ठ माने जाते हैं.
लाभ :– धूप देने से मन, शरीर और घर में शांति की स्थापना होती है, रोग व शोक दूर होते हैं तथा गृहकलह और आकस्मिक घटना-दुर्घटना नहीं होती है. घर के भीतर व्याप्त सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा भी बाहर निकलकर घर का वास्तुदोष दूर हो जाता है, साथ ही ग्रह-नक्षत्रों से होने वाले छिटपुट बुरे असर भी धूप देने से दूर हो जाते हैं. श्राद्धपक्ष में 16 दिन ही दी जाने वाली धूप से पितृ तृप्त होकर मुक्त हो जाते हैं, तथा पितृदोष का समाधान होकर पितृयज्ञ भी पूर्ण हो जाता है. धूप और दीप देने की परंपरा प्राचीनकाल से ही चली आ रही है, धूप देने से मन में शांति और प्रसन्नता का विकास होता है, साथ ही मानसिक तनाव में इससे बहुत लाभ मिलता है.
कर्पूर की धूप :- कर्पूर अति सुगंधित पदार्थ होता है,तथा इसके दहन से वातावरण सुगंधित हो जाता है. कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है. प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर जरूर जलाना चाहिए. हिन्दू धर्म में संध्यावंदन, आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेने की परंपरा है. घर के वास्तुदोष को मिटाने में कर्पूर का अधिक महत्व होता है. यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं, तो सभी जगह 1-1 कर्पूर का टिक्की रख दें, वहां रखा हुआ कर्पूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा. रात्रि में सोने से पहले पीतल के बर्तन में घी से भीगा हुआ कर्पूर जला दें, इससे तनाव दूर होगा, और गहरी नींद आएगी.
गुग्गुल की धूप :- गुग्गुल का उपयोग सुगंध, इत्र व औषधि में भी किया जाता है. इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुंगध से भर जाता है. गुग्गल की सुगंध से जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोग दूर होते हैं, वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है. घर में साफ-सफाई रखते हुए पीपल के पत्ते से 7 दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारें एवं तत्पश्चात शुद्ध गुग्गल की धूप जला दें, इससे घर में किसी ने कुछ कर रखा होगा तो, वह दूर हो जाएगा और सभी के मस्तिष्क शांत रहेंगे. हफ्ते में 1 बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गल की धूनी देने से गृहकलह शांत होता है.
लोबान की धूप :- लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है, लोबान का इस्तेमाल अक्सर दरगाह या मजार जैसी जगह पर होता है. लोबान को जलाने के नियम होते हैं, इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है. अत: लोबान को घर में जलाने से पहले किसी विशेषज्ञ से पूछकर हीं जलाना चाहिए. गुरुवार के दिन किसी समाधि विशेष पर लोबान जलाने से पारलौकिक मदद मिलना शुरू हो जाती है.
गुड़-घी की धूप :- इसे अग्निहोत्र सुगंध भी कहा जाता हैं. गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं, चाहे तो इसमें पके चावल भी मिला सकते हैं. इससे जो सुगंधित वातावरण निर्मित होगा, वह आपके मन और मस्तिष्क के तनाव को शांत कर देगा. जहां शांति होती है, वहां गृहकलह नहीं होता है, और जहां गृहकलह नहीं होता है, वहीं लक्ष्मी निवास करती हैं. गुड़-घी की धूप विशेष दिनों में देने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है. घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आता है, लेकिन यह धूप देवताओं के निमित्त ही देनी चाहिए.
नकारात्मकता शक्तियों को भगाने के लिए :– पीली सरसों, गुगल, लोबान, गौघृत को मिलाकर इसकी धूप बना लें, और गोधुली बेला में पहले उपले (कंडे) जलाकर यह सभी मिश्रित सामग्री उस पर डाल दें, और उसका धुआं संपूर्ण घर में फैलाएं, ऐसा 21 दिन तक करने से घर के सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है.
किया-कराया समाप्त करने के लिए :– अगर आपको लगता है कि, आपके घर में किसी ने कुछ तंत्र कर रखा है, तो जावित्री, गायत्री और केसर लाकर उसे कूटकर मिला लें, इसके बाद उसमें उचित मात्रा में गुग्गल भी मिला दे, अब इस मिश्रण को प्रतिदिन शाम में धुप 21 दिनों तक देने से तांत्रिक अभिकर्म दूर हो जाएगा.
कर्ज उतारने के लिए :– यदि आपको उपर किसी तरह का कर्ज है, या कोई संकट आ खड़ा हुआ है तो, आटे के पांच दिए बनाकर एक-एक दिए को बड के अलग-अलग पत्ते पर रखें, और उन्हें हनुमान मंदिर में ले जाकर हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष दिए को जला दें, और वहीं बैठकर हनुमानजी से अपने संकट और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें. ऐसा पांच मंगलवार तक करें, और इस दौरान मौन रहें.
अक्सर आपने देखा होगा कि, महिलाएं पीपल या बड के एक पत्ते पर आटे का दीपक बानाकर उसे जलाकर, उसे किसी बहती नदी में बहा देती है, ऐसा प्राय: छठ या किसी विशेष पूजा के अवसर पर किया जाता है, ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि की बृद्धि होती है.
धन समृद्धि हेतु :– प्रति शनिवार की शाम को पीपल की पूजा करके धूप और दीप जलाना चाहिए, जीवन में धन और समृद्दि के मार्ग खुल जातें हैं और शनिदोष भी समाप्त हो जाता है.
अग्निहोत्र कर्म करें :– अग्निहोत्र करने से भी बहुत बरकत होती है. अग्निहोत्र का मतलब होता है, जब भी भोजन करें, उससे पहले उसे अग्नि को अर्पित करें. चुकिं अग्नि द्वारा पकाए गए अन्न पर सबसे पहला अधिकार अग्नि का ही होता है.
वास्तु शुद्धि हेतु :– घर में सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जलानी चाहिए, इससे जहां एक और सभी तरह के जीवाणु नष्ट हो जातेन हैं, वहीं वास्तुदोष भी दूर हो जाता है.
देवी के समक्ष धूप :- मुकदमे या कर्जे की समस्या हो तो, नौ दिन देवी के समक्ष गुग्गुल की धूप जलाना चाहिए. सामान्य रूप से गुप्त नवरात्रि में देवी की कृपा के लिए नौ दिन देवी के सामने अखंड दीपक जलाएं व दुर्गा सप्तशती या देवी के मन्त्रों का जाप करना चाहिए.
लक्ष्मी बंधन :– यदि आपको ऐसा लगता है कि, किसी ने लक्ष्मी को बांध रखी है तो, माता कालीका को प्रतिदिन दो लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं. प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें और माता से प्रार्थना करें कि, हर तरह के बंधन को काट दें.
========== =========== ========== ===========
Incense, lamp, sandalwood, kumkum, ashtagandha, water, agar, camphor, aloe, jaggery, ghee, flowers, fruits, panchamrit, panchagavya, naivedya, havan, conch, bell, rangoli, Mandana, courtyard-decoration, basil, tilak, Mauli (Nada tied on the wrist), Swastik, Om, Peepal, Mango and Banana leaves have great importance in Hinduism. According to Tantrasar, Agar, Tagar, Kushtha, Shailaj, Sugar, Nagarmatha, Sandalwood, Cardamom, Taj, Nakhankhi, Mushir, Jatamansi, Karpur, Tali, Sadlan, and Guggul are considered sixteen types of incense, it is also called Shodshang incense. According to Madaratna, mixing sandalwood, leprosy, nakhal, resin, jaggery, sugar, nail smell, Jatamansi, Laghu, and Kshaudra in equal quantity makes the best incense, is called Dashang Dhoop. Apart from this, other mixtures are also mentioned, such as six parts leprosy, two parts jaggery, three parts laksha, fifth part nakhala, haritaki, the resin in equal parts, two parts one part, shilajay three parts lav jinta, nagarmotha four parts, guggul. Excellent incense is prepared by taking one part. Ruhikakhya, Kan, Darusihrik, Agar, Sit, Conch, Jatifal, Shrish are considered best among incense.
Benefits: – By offering incense, peace is established in the mind, body, and home, diseases, and sorrows go away and domestic disputes and accidental incidents do not happen. All kinds of negative energy prevailing inside the house also goes away and Vastu defects of the house go away, as well as sporadic bad effects caused by planets and constellations also go away by giving sunlight. The ancestors are freed after being satisfied with the incense given for 16 days in the Shraddhapaksha, and the Pitriyagya also gets completed after the Pitrudosh is resolved. The tradition of giving incense and lamp is going on since ancient times, giving incense develops peace and happiness in the mind, as well as gives a lot of benefits in mental stress.
Camphor incense: – Camphor is a very fragrant substance, and its combustion makes the atmosphere fragrant. By burning camphor, there is a cure for Dev Dosh and Pitridosh. Camphor must be burnt every morning and evening at the time of Sandhyavandan at home. In the Hindu religion, there is a tradition of lighting camphor and taking its aarti after sandhyavandan, aarti, or prayer. Camphor is more important in removing Vastudosh from the house. If the stairs, toilets, or doors have been built in any wrong direction, then keep 1-1 tikki of camphor everywhere, the camphor kept there will miraculously remove Vastu dosh. Burn camphor soaked in ghee in a brass utensil before going to bed at night, this will relieve stress and lead to sound sleep.
Incense of Guggul: – Guggul is also used in fragrance, perfume, and medicine. Its smell is sweet and when put in the fire, that place is filled with fragrance. While the pain of your brain and related diseases go away from the aroma of Guggal, it is also considered beneficial in heart pain. Keeping cleanliness in the house, sprinkling cow urine in the house for 7 days with Peepal leaves, and then burning pure Guggal incense, if someone has done something in the house, it will go away and everyone’s mind will remain calm. . Guggal’s dhuni by burning coals in the house 1 time in a week on any day calms the domestic dispute.
Incense of frankincense: – Frankincense is burnt by placing it on smoldering embers or embers, frankincense is often used in places like Dargah or Mazar. There are rules for burning frankincense, burning it attracts supernatural powers. Therefore, before burning frankincense at home, it should be burnt only after asking an expert. By burning frankincense on a special tomb on Thursday, supernatural help starts coming.
Incense of jaggery and ghee: – It is also called Agnihotra fragrance. On Thursday and Sunday, mix jaggery and ghee and burn it on the stove, if you want, you can also add cooked rice to it. The aromatic atmosphere that will be created by this will calm the tension in your mind and brain. Where there is peace, there is no domestic strife, and where there is no domestic strife, Lakshmi resides there. By giving jaggery-ghee incense on special days, Devdosh and Pitridosh are cured. There is no crisis of any kind in the house, but this incense should be given only to the deities.
To ward off negativity: – Mix yellow mustard, Google, Frankincense, and Gaughrit and make incense, put all these mixed ingredients on it, and spread its smoke throughout the whole house, after burning the cow dung cakes in the twilight. By doing this for 21 days, all kinds of negative energies go away from the house.
To end the work done: – If you feel that someone has done some tantra in your house, then bring mace, Gayatri, and saffron and grind it and mix it, after that mix the appropriate amount of guggul in it, now By giving this mixture to incense every day in the evening for 21 days, the tantric reaction will go away.
To repay the debt: – If you have any kind of debt, or any crisis has arisen, then make five lamps of flour and place each lamp on a different leaf of bud, and take them to the Hanuman temple. Light a lamp in front of Hanumanji’s statue, and sit there and pray to Hanumanji to get rid of your troubles and debts. Do this for five Tuesdays, and remain silent during this.
Often you must have seen that women make a lamp of flour on a leaf of Peepal or Bud, light it, and flow it into a flowing river, this is often done on the occasion of Chhath or any special worship, by doing this in the house Happiness, peace, and prosperity increases.
For Wealth & Prosperity: – On every Saturday evening, incense and lamps should be lit after worshiping Peepal, the path of wealth and prosperity opens in life and Shanidosh also ends.
Perform Agnihotra Karma: – Performing Agnihotra also brings a lot of blessings. Agnihotra means, whenever you eat food, offer it to fire before that. Because fire has the first right to the food cooked by fire.
For Vastu purification: – Neem leaves should be burnt in the house once or twice a week, this destroys one and all other types of bacteria, and Vastudosh also goes away.
Incense in front of Goddess: – If there is a problem of litigation or debt, the incense of Guggul should be burnt in front of Goddess for nine days. Generally, for the blessings of the Goddess during Gupta Navratri, for nine days, unbroken lamps should be lit in front of the Goddess and Durga Saptashati or the mantras of the Goddess should be chanted.
Lakshmi Bandhan: – If you feel that someone has tied up Lakshmi, then put two wooden (not bamboo) incense sticks or one incense stick daily to Mata Kalika. Worship Kali every Friday by going to the temple and praying to the mother to cut off all kinds of bondage.
Raja Babu Johri (Pamist),
Kaushik Chandan Sharan (Astrologer Visharad),
(Indian Council of Astrological Science, Chennai),
Khazanchi Road, Patna-4.