चार दिवसीय महापर्व छठ के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी के दिन में प्रसाद बनाया जाता है. प्रसाद के रूप में ठेकुआ, जिसे कुछ भागों में “टिकरी” के अलावा चावल के लड्डू, जिसे लड़ुआ भी कहा जाता है. शाम को पूरी तैयारी और व्यवस्था कर बाँस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार तथा पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य के साथ छठी मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की जाती है. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हुए…
संकलन:- ज्ञानसागरटाइम्स टीम.
Video Link: – https://youtu.be/p9mDeql33d8