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योग भगवान द्वारा मानव सभ्यता को दिया गया एक वरदान: प्रो. पासवान

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योग संस्थान एवं केकेएम कॉलेज जमुई के संयुक्त तत्वधान में केकेएम कॉलेज में एक योग शिविर लगाया गया. योग गुरु नरेश प्रसाद सिंह तथा कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ०  मनोज कुमार व प्राध्यापकों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किया. योग शिविर में योग गुरु नरेश प्रसाद के द्वारा अनेक प्रकार के योगाभ्यास और आसन्न कराया गया.

योग गुरु नरेश प्रसाद सिंह ने योग के महत्व पर कहा कि मानव जीवन में योग का विशेष महत्व है. आज दुनिया में योग का महत्व काफी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि योग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का एक सशक्त माध्यम है. आज योग मानव जाति के लिए काफी उपादेय है. योग चिकित्सा पद्धति में जिन बीमारियों का इलाज संभव नहीं है, आज योग के माध्यम से लोग असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त कर रहे हैं. वर्तमान में योग हर व्यक्ति की आवश्यकता बन गई है. योग की दुनिया में सिर्फ आसनों का नियमित अभ्यास इंसान को सर से लेकर पैर तक केवल लाभ ही लाभ पहुंचाता है.

राजनीतिक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर सह प्रभारी प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि योग आधुनिक युग में तनाव के इलाज की कुंजी है. इससे मनुष्य  में स्फूर्ति आती है. यह तन मन को शांत, सबल और स्वस्थ रखता है. इससे अनेक रोगों का निवारण होता है.

स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. गौरी शंकर पासवान ने कहा कि योग मानव जीवन को सुदृढ़ और स्वस्थ रखने की अद्भुत कला है. यह भगवान द्वारा मानव सभ्यता को दिया गया दिया वरदान है. आज पूरी दुनिया योग की दीवानी है. वर्तमान में जितना योग का विश्व में प्रचार प्रसार हुआ है, इसके पहले कभी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्य देशों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मंजूरी मिली थी.

21 जून 2015 को संसार का पहला योग दिवस विश्व में 191 देशों द्वारा मनाया गया था. भारत में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में योग कार्यक्रम हुआ, जिसमें 80 देशों की 37 हजार लोगों ने दिल्ली में एक साथ राजपथ पर योग किया था. योग के महत्व पर कहा गया है कि- आसनं विजितं येनल जितं तेनजगत्रयं. अनेन विधिनायुक्त: प्राणायाम सदा कुरू. अर्थात जिसने आसन को जीत लिया समझो तीनों लोकों को जीत लिया. अतः नियमित एवं विधि विधान से प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए. योग वर्तमान में एक थेरेपी के रूप में विश्व के लिए उपयोगी सिद्ध हो चुका है. यहां हर एक रोग के लिए विशेष आसन है. महर्षि पतंजलि योग के प्रणेता थे.

प्रो. देवेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि आज विज्ञान के दौर में भी योग शिक्षा का महत्व बढ़ गया है. योग की महत्ता को देखते हुए विश्व भर में योग केंद्र खुल रहे हैं, जहां लोगों को योगासन सिखाया जाता है.

 हिंदी विभाग के अध्यक्ष एवं एनसीसी के केयरटेकर प्रो कैलाश पंडित ने कहा कि योग प्राचीन भारतीय परंपरा और संस्कृति की अमूल्य देन है. यह मानव को चुस्त और दुरुस्त रखने का एक साधन है. योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के यूज शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है जोड़ना और अनुशासन. योग अभ्यास से शरीर और मस्तिष्क के बीच एक संबंध बन जाता है, जिससे शरीर और मस्तिष्क अनुशासित रहता है.

अर्थशास्त्र और जूलॉजी के अध्यक्ष के प्रो. सरदार राय एवं डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि विश्व में योग की परंपरा नूतन नहीं, बल्कि पुरातन है. इसकी उत्पत्ति सबसे पहले भारत में हुई थी. आधुनिक योग के जनक महर्षि पतंजलि हैं। योग विद्या में शिव को आदि योगी और आदि गुरु माना गया है. हर व्यक्ति को योग को करना चाहिए. चुकी योग व आसान के बहुआयामी लाभ हैं.

 डॉ.अजीत कुमार भारती ने कहा कि विश्व योग दिवस मनाने का श्रेय भारत को जाता है. क्योंकि भारत के प्रयास से ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा वर्ष 2015 में की थी.

योग शिविर में कॉलेज के शिक्षक अमोद कुमार सिंह, डॉ सत्यार्थ प्रकाश, कर्मचारी  कृपाल कुमार सिंह,  रवीश कुमार सिंह, सुशील कुमार और बटेश्वर यादव,  रामचरित्र मानस, सौरभ कुमार कृष्णा गिरी साथ ही एनसीसी के दर्जनों कैडेट्स और आम लोग शामिल थे.

प्रभाकर कुमार (जमुई).

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