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व्यक्ति विशेष

भाग – 147.

राजमाता महारानी गायत्री देवी

राजमाता महारानी गायत्री देवी भारतीय इतिहास में एक विशिष्ट और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में प्रसिद्ध हैं. उनका विवाह महाराजा सवाई मान सिंह II के साथ हुआ था, जो जयपुर के महाराजा थे. . उन्हें वोग मैगज़ीन ने दुनिया की दस सबसे सुंदर महिलाओं में से एक के रूप में नामित किया था.

गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को हुआ था और उनका निधन 29 जुलाई 2009 को हुआ था. राजमाता गायत्री देवी ने न केवल रॉयल्टी के रूप में अपनी भूमिका निभाई, बल्कि उन्होंने सामाजिक और शैक्षणिक सुधारों में भी गहरी दिलचस्पी ली. उन्होंने जयपुर में महिलाओं की शिक्षा के लिए कई स्कूलों की स्थापना की और महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया.

राजनीति में उनका योगदान भी महत्वपूर्ण था. उन्होंने 1962 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता और उसके बाद दो बार और चुनी गईं. उनका राजनीतिक कैरियर भी सफल रहा, और उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई पहल की.

उनकी मृत्यु के बाद भी, उनकी विरासत भारतीय समाज में एक प्रेरणास्रोत के रूप में जारी है. उनके जीवन और योगदान को याद करने के लिए अनेक सामाजिक और शैक्षणिक संस्थान उनके नाम से जुड़े हुए हैं.

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साहित्यकार अन्नाराम सुदामा

साहित्यकार अन्नाराम सुदामा राजस्थानी और हिंदी साहित्य में अपने अनूठे योगदान के लिए जाने जाते हैं. उनका जन्म 23 मई 1937 को राजस्थान के बारां जिले में हुआ और उनका निधन 2 जनवरी 2014 को हुआ था.  उन्होंने राजस्थानी भाषा को समृद्ध करने के लिए अपने साहित्यिक कौशल का उपयोग किया। उनके लेखन में राजस्थानी समाज की विविधता और सांस्कृतिक पहचान को बड़ी ही सूक्ष्मता से चित्रित किया गया है.

अन्नाराम सुदामा की रचनाएं मुख्य रूप से राजस्थान के ग्रामीण जीवन और उसकी सामाजिक व्यवस्था पर केंद्रित हैं. उन्होंने कई कविताएं, कहानियां, नाटक और उपन्यास लिखे हैं जिनमें राजस्थानी समाज की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का वर्णन मिलता है. उनकी लेखनी में लोकधर्मी शैली प्रमुख रूप से देखने को मिलती है, जिसमें वे सामाजिक समस्याओं को उजागर करते हैं.

उनकी प्रसिद्ध कृतियों में ‘ठेठ राजस्थानी नाटक’, ‘कंकुवा री कोर’ और ‘दो आधा पागल’ शामिल हैं. उन्हें उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से भी नवाजा गया है.

अन्नाराम सुदामा की साहित्यिक विरासत राजस्थानी भाषा और साहित्य के प्रसार और संवर्धन में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में आज भी जारी है.

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अभिनेता समीर कोचर

समीर कोचर एक भारतीय अभिनेता और टेलीविजन प्रेजेंटर हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा और टीवी इंडस्ट्री में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं. समीर का जन्म 23 मई 1980 को नई दिल्ली में हुआ था.   

समीर कोचर ने अपने कैरियर की शुरुआत 2003 में फिल्म “ज़हर” से की थी. समीर कोचर को उनकी विविध भूमिकाओं और विशेष रूप से क्रिकेट कमेंट्री और प्रेजेंटेशन के लिए भी जाना जाता है. वे भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) में एक प्रसिद्ध चेहरा हैं और उन्होंने कई सीज़न में एंकरिंग और होस्टिंग की है.

समीर ने टेलीविजन पर भी कई सफल शोज की मेजबानी की है, जिनमें “सुपरस्टार बज” और “एक्स्ट्रा इनिंग्स T20” शामिल हैं. फिल्मों में उन्होंने “आइलैंड सिटी” और “हाउसफुल 3” जैसी फिल्मों में काम किया है, जिसमें उनकी अभिनय क्षमता की सराहना की गई है.

वे वेब सीरीज में भी सक्रिय हैं, और उन्होंने “सैक्रेड गेम्स” में एक पुलिस अफसर की भूमिका निभाई है, जो कि बहुत ही लोकप्रिय हुई. उनका यह किरदार दर्शकों के बीच काफी पसंद किया गया.

समीर कोचर के कैरियर में उनकी वर्सेटिलिटी और विविध जॉनर्स में उनकी क्षमता का पता चलता है, चाहे वह फिल्म हो, टीवी शो हो या वेब सीरीज। उनका योगदान और प्रभाव इंडियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काफी महत्वपूर्ण है.

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अभिनेत्री शम्मा कासिम

शम्मा कासिम जिन्हें शम्मा सिकंदर के नाम से भी जाना जाता है. शम्मा सिकंदर एक भारतीय अभिनेत्री हैं जिन्होंने टेलीविज़न, फ़िल्मों और वेब सीरीज़ में काम किया है. उनका जन्म 4 अगस्त 1981 को राजस्थान के मकराना में हुआ था. शम्मा की सबसे बड़ी पहचान टीवी धारावाहिक “ये मेरी लाइफ है” से मिली, जिसमें उन्होंने पूजा मेहता की मुख्य भूमिका निभाई थी. इस शो के लिए उन्हें बहुत सराहना मिली और उन्हें कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए.

शम्मा ने कई फिल्मों में भी काम किया है, जिनमें “प्रेम अगन,” “मन” और “अनश: द डेडली पार्ट” शामिल हैं. वे विभिन्न म्यूजिक वीडियोस में भी नजर आ चुकी हैं और उन्होंने विभिन्न रियलिटी शोज़ में भाग लिया है जैसे कि “बिग बॉस” और “जोर का झटका: टोटल वाइपआउट.”

हाल के वर्षों में, शम्मा सिकंदर ने वेब सीरीज़ में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने “माया: स्लेव ऑफ हर डिज़ायर्स” में मुख्य भूमिका निभाई, जो कि एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर वेब सीरीज़ है. इस सीरीज़ में उनके अभिनय की काफी प्रशंसा हुई.

शम्मा ने अपने कैरियर में न केवल विविध भूमिकाएं निभाई हैं, बल्कि वह अपनी बोल्ड और अभिनय पसंद के लिए भी जानी जाती हैं. वे अपने अभिनय और फैशन सेंस के लिए युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

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कानू सान्याल

कानू सान्याल भारतीय नक्सली आंदोलन के प्रमुख जनकों में से एक थे. उनका जन्म 1932 में पश्चिम बंगाल के कुसमुंडी गांव में हुआ था. कानू सान्याल ने अपनी शिक्षा कोलकाता में पूरी की और उसके बाद वे राजनीति में सक्रिय हो गए. उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल होने के बाद जल्द ही चरण सिंह और चारु मजुमदार के साथ मिलकर नक्सलबाड़ी विद्रोह का नेतृत्व किया.

1967 में नक्सलबाड़ी में एक किसान विद्रोह शुरू हुआ, जिसे कानू सान्याल ने संगठित किया. इस विद्रोह का मुख्य उद्देश्य जमींदारी प्रथा के खिलाफ लड़ना और किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाना था. विद्रोह की इस घटना ने भारतीय नक्सली आंदोलन की नींव रखी, जिसने बाद में देश के कई हिस्सों में फैल गया.

कानू सान्याल ने 1969 में चारु मजुमदार के साथ मिलकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) की स्थापना की. उन्होंने इस पार्टी के माध्यम से कई वर्षों तक नक्सली आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें वे आदिवासी और निम्न वर्ग के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे.

उनके जीवन के अंतिम वर्षों में, कानू सान्याल ने नक्सली आंदोलन की हिंसक प्रवृत्तियों की आलोचना की और वे एक शांतिपूर्ण और वैधानिक राजनीतिक संघर्ष की वकालत करते रहे. कानू सान्याल का निधन 23 मार्च  2010 को हुआ था , जिसके बाद  भारतीय राजनीति और नक्सली आंदोलन में उनके योगदान का एक युग समाप्त हुआ.

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