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लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले प्रधानमंत्री…

सत्रहवीं शताब्दी में बने लाल किले के प्राचीर से सबसे ज्यादा 17 बार तिरंगा फहराने का अवसर प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को मिला. वही उनकी पुत्री इंदिरा गाँधी को 16 बार राष्ट्रध्वज को फहराया. आजादी के बाद सबसे पहले 15 अगस्त 1947 को लाल किले से झंडा फहराया और अपना बहुचर्चित सम्बोधन दिया. आजादी के दुसरे साल से लगातार वर्तमान समय तक 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाने लगा. प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरु 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक प्रधानमन्त्री के पद पर रहे और इस अवधि में उन्होंने 17 बार ध्वजारोहण किया.

आजाद भारत के इतिहास में दो ऐसे नेता गुलजारी लाल नंदा और चन्द्रशेखर प्रधानमन्त्री तो बने पर उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने का एक मौका भी नहीं मिल सका. बताते चलें कि, प्रथम प्रधानमन्त्री के निधन के बाद 27 मई 1964 को गुलजारी लाल नंदा प्रधानमन्त्री बने लेकिन, उसी वर्ष 09 जून 1964 को वो प्रधानमन्त्री पद से हट गये और उनकी जगह लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमन्त्री बने. इसी तरह चन्द्रशेखर भी 10 नवंबर 1990 को प्रधानमन्त्री बने, लेकिन 21 जून 1991 को प्रधानमन्त्री पद से हट गए. लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद नंदा कुछ दिनों तक प्रधानमन्त्री पद पर रहे लेकिन 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने सत्ता की बागडोर संभाली. नेहरु के बाद इंदिरा ने 16 बार लाल किले के प्राचीर से ध्वजारोहण किया.

इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक 11 बार लाल किले के प्राचीर से ध्वजारोहण किया. उसके बाद दुसरे कार्यकाल में 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक पांच बार लाल किले पर झंडा फहराया. स्वतंत्रता दिवस पर सबसे कम राष्ट्रध्वज फहराने का सौभाग्य…

  1. चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980,
  2. विश्वनाथ प्रताप सिंह 02 दिसम्बर 1989 से लेकर 10 नवंबर 1990,
  3. एच० डी० देवगौड़ा 01 जून 1996 से लेकर 21 अप्रैल 1997,
  4. इंद्र कुमार गुजराल 21 अप्रैल 1997 से लेकर 28 नवंबर 1997      

ज्ञात है कि, इन सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को एक-एक बार 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से राष्ट्रध्वज फहराने का सौभाग्य मिला था.

  1. लाल बहादुर शास्त्री 09 जून 1964 से लेकर 11 जनवरी 1966,
  2. मोरारजी देसाई 24 मार्च 1977 से लेकर 28 जुलाई 1979,

आजादी के बाद के इतिहास में ये दो ऐसे प्रधानमन्त्री है जिन्हें लाल किले के प्राचीर से दो-दो  बार राष्ट्रध्वज फहराने का मौका मिला. जबकि स्वतन्त्रता दिवस पर पांच या उससे अधिक बार तिरंगा फहराने का सौभाग्य …

  1. राजीव गांधी 31 अक्टूबर 1984 से लेकर 01 दिसंबर 1989,
  2. पी० बी० नरर्सिह राव 21 जून 1991 से लेकर 10 मई 1996,

आजादी के बाद के इतिहास में ये दो ऐसे प्रधानमन्त्री है जिन्हें लाल किले के प्राचीर से पांच-पांच बार राष्ट्रध्वज फहराने का सौभाग्य मिला.

  1. अटल बिहारी वाजपेयी 19 मार्च 1998 से लेकर 22 मई 2004 के बीच प्रधानमन्त्री रहे और उन्हें 06 बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया. बताते चलें कि, इससे पहले भी वो 01 जून 1996 को प्रधानमन्त्री बने लेकिन, 21 अप्रैल 1997 को उन्हें पद छोड़ना पड़ा था.
  2. मनमोहन सिंह 22 मई 2004 से लेकर 22 मई 2009,
  3. मनमोहन सिंह 22 मई 2009 से लेकर 17 मई 2014 तक प्रधानमन्त्री रहे, इस दौरान उन्होंने 10 बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला.

सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने वाले प्रधानमंत्री: –

  1. पंडित जवाहरलाल नेहरू: 17 बार
  2. इंदिरा गांधी: 16 बार
  3. डॉ. मनमोहन सिंह: 10 बार
  4. अटल बिहारी वाजपेयी: 6 बार
  5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्ष 2014 से लगातार लाल किले पर तिरंगा फहरा रहे हैं.

कार्यवाहक प्रधानमंत्री: –

गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर जैसे कुछ कार्यवाहक प्रधानमंत्रियों को अपने कार्यकाल में 15 अगस्त नहीं होने के कारण लाल किले पर तिरंगा फहराने का अवसर नहीं मिला.

नोट: – लाल किले पर तिरंगा फहराने का अधिकार सिर्फ प्रधानमंत्री को है. इस समारोह में 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है.

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