Health

विश्व कुष्ठ रोग दिवस

विश्व कुष्ठ रोग दिवस हर साल जनवरी के आखिरी रविवार को मनाया जाता है. इसे पहली बार 1954 में फ्रांसीसी समाजसेवी राउल फोलरो (Raoul Follereau) द्वारा शुरू किया गया था. भारत में, यह हर वर्ष 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के साथ मनाया जाता है.

कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. यह त्वचा, नसों और अन्य अंगों को प्रभावित करता है, जिससे त्वचा पर दाग, सुन्नता और अंगों में विकृति हो सकती है. यह स्पर्श से नहीं फैलता, बल्कि लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने से फैल सकता है.

यह दिन कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करने के लिए मनाया जाता है. कुष्ठ रोग एक प्राचीन बीमारी है जो कि जीवाणु संक्रमण के कारण होती है. यह बीमारी त्वचा, नसों, आंखों और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकती है.

कुष्ठ रोग को अब आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसके बारे में अभी भी कई गलत धारणाएं और सामाजिक कलंक मौजूद हैं. इस कारण से, कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को अक्सर भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है.

विश्व कुष्ठ रोग दिवस पर, विभिन्न संगठन और सरकारें कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इन कार्यक्रमों में कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी प्रदान करना, कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के अनुभवों को साझा करना और कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ एकजुटता दिखाना शामिल है.

विश्व कुष्ठ रोग दिवस का उद्देश्य लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में सही जानकारी देना और इस बीमारी से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करना है. यह दिन कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने और उनके साथ एकजुटता दिखाने का भी एक अवसर है.

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World Leprosy Day

World Leprosy Day is celebrated every year on the last Sunday of January. It was first started in 1954 by French social worker Raoul Follereau. In India, it is celebrated every year on 30 January, coinciding with the death anniversary of Mahatma Gandhi.

Leprosy is an infectious disease caused by bacteria called Mycobacterium leprae. It affects the skin, nerves and other organs, causing scars on the skin, numbness and deformity in the limbs. It does not spread by touch but can spread by being in contact with an infected person for a long time.

This day is celebrated to raise awareness about leprosy and remove the social stigma associated with this disease. Leprosy is an ancient disease caused by bacterial infection. This disease can affect the skin, nerves, eyes and other organs.

Leprosy can now be easily cured, but there are still many misconceptions and social stigmas about it. For this reason, people suffering from leprosy often face discrimination and social exclusion.

On World Leprosy Day, various organizations and governments organize several programs to raise awareness about leprosy and remove the social stigma associated with this disease. These programs include providing information about leprosy, sharing the experiences of people suffering from leprosy, and showing solidarity with people suffering from leprosy.

The aim of World Leprosy Day is to give people the right information about leprosy and remove the social stigma associated with this disease. This day is also an opportunity to reiterate our commitment to people suffering from leprosy and show solidarity with them.

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