दृश्य-श्रव्य विरासत के लिए विश्व दिवस
“दृश्य-श्रव्य विरासत के लिए विश्व दिवस” (World Day for Audiovisual Heritage) हर वर्ष 27 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसे संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी UNESCO ने वर्ष 2005 में शुरू किया था. इस दिवस का उद्देश्य ऑडियोविज़ुअल सामग्री, जैसे कि फिल्मों, रेडियो और टेलीविज़न कार्यक्रमों, ऑडियो रिकॉर्डिंग्स और डिजिटल मीडिया, की सुरक्षा, संरक्षण, और महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. ये सामग्रियां हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक, और ऐतिहासिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा होती हैं और इनमें कई महत्वपूर्ण घटनाओं, कहानियों, तथा लोगों की स्मृतियाँ संजोई गई हैं.
ऑडियोविज़ुअल सामग्री समय के साथ खराब हो सकती है, या तकनीकी विकास के कारण अप्रचलित हो सकती है. इस दिन पर लोग, संग्रहालय, अभिलेखागार और संस्थाएं अपने अपने स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं ताकि इस धरोहर को संरक्षित किया जा सके और भावी पीढ़ियों तक पहुँचाया जा सके.
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World Day for Audiovisual Heritage
“World Day for Audiovisual Heritage” is celebrated every year on 27 October. It was started by the United Nations Cultural Agency UNESCO in 2005. The purpose of this day is to raise awareness about the safety, preservation, and importance of audiovisual materials, such as films, radio and television programs, audio recordings, and digital media. These materials are an integral part of our cultural, social, and historical heritage and contain many important events, stories, and memories of people.
Audiovisual materials can deteriorate or become obsolete due to technological developments. On this day, people, museums, archives, and institutions organize various programs, exhibitions, and workshops to spread awareness at their level so that this heritage can be preserved and passed on to future generations.