विद्यापति स्मृति दिवस
विद्यापति स्मृति दिवस मिथिलांचल क्षेत्र में महान कवि, साहित्यकार और भक्त कवि विद्यापति की याद में मनाया जाता है. यह दिन उनकी साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान को सम्मानित करने के लिए विशेष महत्व रखता है. विद्यापति का जन्म मिथिला क्षेत्र में हुआ था, और वे अपनी मैथिली, संस्कृत और अवधी रचनाओं के लिए प्रसिद्ध थे. उनका साहित्य प्रेम, भक्ति और संस्कृति की अभिव्यक्ति है, और उन्हें मैथिल कोकिल के नाम से भी जाना जाता है.
विद्यापति स्मृति दिवस के दौरान मिथिलांचल के लोग विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिनमें उनकी कविताओं और रचनाओं का पाठ होता है, और उनके जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. यह दिन खासतौर पर बिहार, झारखंड और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में मनाया जाता है. इस मौके पर लोग उनके साहित्यिक योगदान और उनके आध्यात्मिक प्रभाव को याद करते हैं, जिसने मिथिलांचल की संस्कृति और समाज को गहरे रूप से प्रभावित किया है.
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Vidyapati Smriti Diwas
Vidyapati Smriti Diwas is celebrated in the Mithila region for the great poet, litterateur and devotee poet Vidyapati. This day holds special significance in honouring his literary and cultural contributions. Vidyapati was born in the Mithila region and was famous for his Maithili, Sanskrit and Awadhi compositions. His literature expresses love, devotion and culture, and he is also known as Maithili Kokil.
During Vidyapati Smriti Diwas, the people of Mithila organize special programs, in which his poems and compositions are recited, and cultural programs based on his life are organized. This day is especially celebrated in the Mithila region of Bihar, Jharkhand and Nepal. On this occasion, people remember his literary contributions and his spiritual influence, which has deeply influenced the culture and society of Mithila.