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विविधता में एकता…

ईo हेमन्त कुमार

भारतवर्ष, जिसे अक्सर भारत कहा जाता है, एक विशाल और विविधतापूर्ण राष्ट्र है जिसकी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक व्यवस्थाएँ जटिल और परस्पर जुड़ी हुई हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और एक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, लेकिन इसके साथ ही यह कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का भी सामना कर रहा है. भारत एक संसदीय लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसमें एक लिखित संविधान है जो सर्वोच्च है. सरकार का स्वरूप संघीय है, जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में शक्ति का प्रयोग करती हैं. राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं और वास्तविक कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करते हैं.

भारत में एक बहुदलीय प्रणाली है, जिसमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कई राजनीतिक दल सक्रिय हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रमुख राष्ट्रीय दल हैं. गठबंधन की राजनीति यहाँ आम है, और केंद्र तथा राज्य स्तर पर सरकारें अक्सर विभिन्न दलों के गठबंधन से बनती हैं. भारत की राजनीतिक व्यवस्था में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. चुनाव आयोग देश में चुनावों का संचालन करता है. हालांकि, भारतीय राजनीति जाति, धर्म और क्षेत्र जैसे कारकों से भी गहराई से प्रभावित होती है. भ्रष्टाचार, राजनीतिक अपराधीकरण और नीतिगत कार्यान्वयन की चुनौतियाँ भी यहाँ मौजूद हैं. पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से विकेंद्रीकरण को बढ़ावा दिया गया है, जिससे स्थानीय स्तर पर शासन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके. हालांकि, इन संस्थाओं को अभी भी अधिक स्वायत्तता और संसाधनों की आवश्यकता है.

भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है. स्वतंत्रता के बाद, भारत ने एक समाजवादी मॉडल अपनाया, लेकिन वर्ष 1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद बाजार-आधारित सुधारों को बढ़ावा दिया गया. आज, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. सेवा क्षेत्र, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं, अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. कृषि अभी भी एक बड़ा क्षेत्र है, जो देश की एक बड़ी आबादी को रोजगार प्रदान करता है, लेकिन यह कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे कि मानसून पर निर्भरता, छोटे जोत और अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा.

औद्योगिक क्षेत्र भी धीरे-धीरे विकसित हो रहा है, जिसमें विनिर्माण, ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स और कपड़ा जैसे उद्योग शामिल हैं. सरकार ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. हालांकि, भारत को अभी भी गरीबी, असमानता और बेरोजगारी जैसी महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. बुनियादी ढांचे की कमी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच की कमी भी विकास की राह में बाधाएं हैं.

भारतीय समाज अपनी अत्यधिक विविधता के लिए जाना जाता है. यहाँ विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग एक साथ रहते हैं. यह विविधता भारतीय समाज की एक बड़ी ताकत है, लेकिन यह कभी-कभी सामाजिक तनाव और संघर्ष का कारण भी बन सकती है. जाति व्यवस्था, हालांकि कानूनी रूप से समाप्त कर दी गई है, अभी भी भारतीय समाज के कुछ हिस्सों में सामाजिक स्तरीकरण और भेदभाव का एक महत्वपूर्ण आधार बनी हुई है. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को ऐतिहासिक अन्याय के कारण विशेष सुरक्षा और आरक्षण प्रदान किया गया है. धर्म भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हिंदू धर्म बहुसंख्यक धर्म है, लेकिन इस्लाम, ईसाई धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित अन्य धर्मों के भी बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. धार्मिक सहिष्णुता भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण मूल्य है, लेकिन कभी-कभी सांप्रदायिक तनाव भी उत्पन्न होते हैं.

भाषा के मामले में भी भारत अत्यंत विविध है. हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएँ हैं, लेकिन संविधान द्वारा 22 अनुसूचित भाषाओं को मान्यता दी गई है. भाषाई विविधता राष्ट्रीय एकता और पहचान के लिए चुनौतियाँ और अवसर दोनों प्रस्तुत करती है. लिंग के आधार पर असमानता भी भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मामले में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. सरकार और नागरिक समाज संगठन लिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं.

भारत का इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है. सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी शहरी सभ्यताओं में से एक थी, जो भारतीय उपमहाद्वीप में विकसित हुई. इसके बाद वैदिक काल आया, जिसने भारतीय संस्कृति और दर्शन की नींव रखी. भारत ने मौर्य, गुप्त और मुगल जैसे शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय और पतन देखा है. यह बौद्ध धर्म और जैन धर्म जैसे प्रमुख धर्मों का जन्मस्थान रहा है. मध्यकाल में, भारत विभिन्न सल्तनतों और आक्रमणों का शिकार रहा, लेकिन इसने अपनी सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि को बनाए रखा.

ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एक लंबा और कठिन संघर्ष था, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली. स्वतंत्रता के बाद, भारत ने एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और गुटनिरपेक्ष आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारत का इतिहास कला, साहित्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा हुआ है. प्राचीन विश्वविद्यालयों जैसे नालंदा और तक्षशिला ने दुनिया भर के विद्वानों को आकर्षित किया.

भारतीय संस्कृति विविधता में एकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. यहाँ विभिन्न क्षेत्रीय संस्कृतियाँ सदियों से विकसित हुई हैं, जिनमें अपनी विशिष्ट भाषाएँ, कला, संगीत, नृत्य, भोजन और रीति-रिवाज हैं. कला और वास्तुकला के क्षेत्र में भारत ने विश्व को अमूल्य धरोहर दी है. ताजमहल, खजुराहों के मंदिर, अजंता-एलोरा की गुफाएँ और दक्षिण भारत के भव्य मंदिर भारतीय कला और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं.

संगीत और नृत्य की शास्त्रीय और लोक परंपराएँ भारत की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग हैं. भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, मणिपुरी और कथकली जैसे शास्त्रीय नृत्य रूप अपनी जटिलता और सुंदरता के लिए जाने जाते हैं. विभिन्न क्षेत्रों के लोकगीत और लोक-नृत्य स्थानीय परंपराओं और जीवनशैली को दर्शाते हैं.

साहित्य और दर्शन के क्षेत्र में भारत का योगदान अद्वितीय है. वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत और भगवद गीता जैसे प्राचीन ग्रंथ भारतीय दर्शन और मूल्यों के आधार हैं. आधुनिक काल में भी भारतीय लेखकों और कवियों ने विश्व साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. भोजन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और प्रत्येक क्षेत्र की अपनी विशिष्ट पाक शैली है. मसालों का उपयोग और विभिन्न प्रकार की शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन भारतीय भोजन को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाते हैं.

भारतवर्ष एक जटिल और गतिशील राष्ट्र है जिसकी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक व्यवस्थाएँ आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं. यह एक जीवंत लोकतंत्र है जो तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है, लेकिन इसे अभी भी गरीबी, असमानता और सामाजिक विभाजन जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.अपनी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ, भारत एक बहुलतावादी समाज के रूप में विकसित हो रहा है और वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इसकी विविधता और जटिलता को समझना वैश्विक परिदृश्य को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

o हेमन्त कुमार

प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता

राष्ट्रीय लोक मोर्चा.

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