श्रीकृष्ण का संपूर्ण जीवन प्रेम, कर्तव्य और धर्म के आदर्शों का समन्वय
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर “श्रीकृष्ण के दर्शन, उपदेश और विचारों का महत्व” विषय पर नगर परिषद जमुई मुख्यालय में एक सिंपोजियम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षक सह प्रधानाध्यापक श्री दिनेश मंडल ने की की.
इस मौके पर उपस्थित मुख्य वक्ता के बतौर बोलते हुए केकेएम कॉलेज के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर पासवान ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का व्यक्तित्व बहुआयामी था. उनका उपदेश और लीलाओं ने भारतीय संस्कृति और धर्म को गहराई से प्रभावित किया. श्री कृष्ण अवतारी पुरुष थे . उनका संपूर्ण जीवन प्रेम, कर्तव्य और धर्म के आदर्शों का समन्वय है. श्री कृष्ण प्रेम, धर्म और न्याय के प्रतीक थे. वे एक दार्शनिक, योद्धा, प्रेमी, मित्र, उपदेशक और मार्गदर्शक के रूप में अद्वितीय एवं विश्व प्रसिद्ध हैं. श्री कृष्ण के विचार न केवल उनके जमाने में बल्कि आज भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. उनका जीवन और उपदेश संसार के लोगों को एक समृद्ध , नैतिक व संतुलित जीवन की प्रेरणा देते हैं. कृष्ण ने हर पहलू में संतुलन बनाए रखने की शिक्षा दी है. उन्होने ‘ सत्यम- शिवम- सुंदरम’ के सिद्धांतों को अपनाने की शिक्षा दी है. कृष्ण की महिमा को शब्दों में समेटना बहुत कठिन है, क्योंकि वे असीम हैं.
प्रो. पासवान ने कहा कि श्री कृष्ण ने प्रकृति और मानव जीवन के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता को भी महत्व दिया है. आज के पर्यावणीय संकट के समय में उनका यह विचार प्रासंगिक है. क्योंकि यह विचार हमें प्राकृतिक और पर्यावरण सुरक्षा के साथ प्रति जागरूक करता है. हमें श्री कृष्ण के जीवन आदर्श और बताएं रास्ते पर चलना चाहिए. उनके विचारों और आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए. उनके उपदेश तथा विचारों को अपने जीवन में आत्मसात भी करना चाहिए.
अपने अध्यक्षीय प्रबोधन में दिनेश मंडल ने कहा कि श्री कृष्ण हिंदू धर्म के लोकप्रिय देवता थे. उनका जन्म कंस के कारागार में हुआ था. वे कंस के विनाश के लिए अवतरित हुए थे. चुकी वह अत्याचारी राजा था. प्रजा उससे काफी दु:खी रहती थीं. कृष्ण 16 कलाओं से संपूर्ण थे. कहते हैं कि ‘राम ने हंसकर सब सुख त्यागे, कृष्ण ने प्रीत की रीत सिखाई.’भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए उपदेश ग्राह्य है. उनके विचार आज भी प्रासंगिक व उपादेय हैं.
एस.ए.ई. डिग्री कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. निरंजन कुमार दुबे ने कहा कि श्री कृष्ण भगवान के रूप में पूजनीय हैं. उनके जीवन और शिक्षाओं का भारतीय संस्कृति, साहित्य और धर्म पर प्रभाव पड़ा है. श्री कृष्ण विष्णु के अवतार के रूप में पूजनीय हैं. उनका बाल काल वृंदावन और गोकुल में बीता था, जहां उन्होंने कई अद्भुत लीलाएं की. महाभारत युद्ध के दौरान कृष्णा ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. उनका उपदेश जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन देता है.
अधिवक्ता प्रभात कुमार भगत और रामचंद्र रवि ने कहा कि श्री कृष्ण ने सकारात्मक सोच और आत्म नियंत्रण के महत्व पर बल दिया है. उनके विचार हमें विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं, जो आज के तनाव पूर्ण जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. कुल मिलाकर श्री कृष्णा न्याय और समानता के भी परिचायक हैं.
इस मौके पर प्रो देवेंद्र कुमार गोयल, प्रो सरदार राम, प्रो आनंद कुमार सिंह, प्रो संजीव कुमार सिंह, कार्यालय सहायक रवीश कुमार सिंह, दीपक कुमार, विपुल कुमार, अतुल कुमार आदि ने कृष्ण को विश्व का सबसे बड़ा उपदेशक और मार्गदर्शक बताया तथा उनके विचार और सिद्धांत को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक बताया.
प्रभाकर कुमार (जमुई).
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Shri Krishna’s entire life combines the ideals of love, duty and religion.
On the auspicious occasion of Shri Krishna Janmotsav, a symposium was organized at the Municipal Council Jamui headquarters on the topic “Importance of Shri Krishna’s philosophy, teachings and thoughts”, which was chaired by senior teacher cum headmaster Shri Dinesh Mandal.
Speaking as the keynote speaker, Dr. Gaurishankar Paswan, Head of the Department of Postgraduate Economics, KKM College, said that Lord Shri Krishna’s personality was multifaceted. His teachings and pastimes deeply influenced Indian culture and religion. Shri Krishna was an incarnate man. His entire life combines the ideals of love, duty and religion. Shri Krishna was a symbol of love, religion and justice. He is unique and world-famous as a philosopher, warrior, lover, friend, preacher and guide. Shri Krishna’s thoughts are extremely important not only in his time but even today. His life and teachings inspire the people of the world to have a prosperous, moral and balanced life. Krishna has taught me to maintain balance in every aspect. He has taught us to adopt the principles of ‘Satyam- Shivam- Sundaram’. It is very difficult to put Krishna’s glory into words because he is infinite.
Prof. Paswan said that Shri Krishna has also given importance to respect and sensitivity towards nature and human life. In today’s time of environmental crisis, this idea of his is relevant. Because this idea makes us aware of natural and environmental protection. We should follow the life ideals and the path shown by Shri Krishna. We should imbibe his thoughts and ideals. We should also imbibe his teachings and thoughts in our lives.
In his presidential address, Dinesh Mandal said that Shri Krishna was a popular deity of the Hindu religion. He was born in Kansa’s prison. He was incarnated to destroy Kansa. Since he was an oppressive king, the people were very unhappy with him. Krishna was complete in 16 arts. It is said that ‘Ram gave up all happiness with a smile, Krishna taught the way of love.’ The teachings given by Lord Shri Krishna are acceptable. His thoughts are relevant and useful even today.
Dr. Niranjan Kumar Dubey, Chairman of the History Department of S.A.E. Degree College, said that Shri Krishna is revered as God. His life and teachings have influenced Indian culture, literature and religion. Shri Krishna is revered as the incarnation of Vishnu. His childhood was spent in Vrindavan and Gokul, where he performed many wonderful deeds. During the Mahabharata war, Krishna preached the Gita to Arjun. His teachings guide us in every aspect of life.
Advocates Prabhat Kumar Bhagat and Ramchandra Ravi said that Shri Krishna has emphasized the importance of positive thinking and self-control. His thoughts inspire us to maintain a positive attitude even in adverse circumstances, which is very important in today’s stressful life. Overall, Shri Krishna is also a symbol of justice and equality.
On this occasion, Prof Devendra Kumar Goyal, Prof Sardar Ram, Prof Anand Kumar Singh, Prof Sanjeev Kumar Singh, Office Assistant Ravish Kumar Singh, Deepak Kumar, Vipul Kumar, Atul Kumar etc. called Krishna the greatest preacher and guide of the world and said that his thoughts and principles are relevant in the present context.
Prabhakar Kumar (Jamui).