संकष्टी चतुर्थी व्रत…
गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्रत है. इसे हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. यह व्रत खासतौर पर उन लोगों द्वारा किया जाता है जो भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं.
व्रत के विधि: –
व्रती सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें. उसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. एक साफ स्थान पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. उसके बाद भगवन गणेश को फूल, चावल, दूर्वा, चंदन, धूप, दीपक, और नैवेद्य अर्पित करें, भगवान गणेश के 108 नामों का जाप करें व गणेश चालीसा या गणेश स्तोत्र का पाठ करें.
व्रत कथा: –
एक समय की बात है, एक नगर में सुमित्र नामक एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था. वे दोनों बहुत ही धार्मिक और भगवान गणेश के भक्त थे. सुमित्र की पत्नी प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी का व्रत करती थी. लेकिन उनके जीवन में कई कठिनाइयाँ थीं और संतान की प्राप्ति नहीं हो पा रही थी.
एक दिन सुमित्र की पत्नी ने भगवान गणेश से प्रार्थना की और अपने दुःखों को दूर करने की विनती की. उसी रात भगवान गणेश ने उसे स्वप्न में दर्शन दिए और कहा, “हे देवी, तुमने मेरे संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन बहुत श्रद्धा और भक्ति से किया है. अब तुम सच्चे मन से गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत करो, तुम्हारी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी.”
सुमित्र की पत्नी ने अगले संकष्टी चतुर्थी के दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत किया और विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की. उसने पूरी श्रद्धा से व्रत कथा का पाठ किया और भगवान गणेश से संतान की प्राप्ति की प्रार्थना की.
कुछ समय बाद सुमित्र की पत्नी गर्भवती हुई और नौ माह के बाद उसने एक सुंदर और बुद्धिमान पुत्र को जन्म दिया. उस दिन से सुमित्र और उसकी पत्नी नियमित रूप से गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने लगे. उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास हो गया.
ध्यान दें: – पूरे दिन निराहार या एक समय फलाहार ग्रहण करें. रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करें. भगवान गणेश को जल अर्पित करें और प्रसाद ग्रहण करें.
व्रत के लाभ: –
भगवान गणेश की कृपा से सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं.
व्रती को बुद्धि, विवेक, और समृद्धि प्राप्त होती है.
संतान प्राप्ति एवं अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
भगवान गणेश की भक्ति और संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करने से सभी कष्ट और बाधाएँ दूर होती हैं. भगवान गणेश अपने भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
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Gajanan Sankashti Chaturthi Vrat
Gajanan Sankashti Chaturthi Vrat is an important religious fast dedicated to Lord Ganesha. It is observed on Chaturthi Tithi of Krishna Paksha of every month. This fast is especially observed by those who want to get the blessings of Lord Ganesha.
Method of fasting: –
The fasting person should wake up before sunrise, take a bath, and wear clean clothes. After that, take a vow of fasting while meditating on Lord Ganesha. Install an idol or picture of Lord Ganesha in a clean place. After that, offer flowers, rice, durva, sandalwood, incense, lamp, and naivedya to Lord Ganesha, chant 108 names of Lord Ganesha, and recite Ganesh Chalisa or Ganesh Stotra.
Vrat Katha: –
Once upon a time, a Brahmin named Sumitra lived with his wife in a city. Both of them were very religious and devotees of Lord Ganesha. Sumitra’s wife used to fast on every Sankashti Chaturthi. But there were many difficulties in their life and they were unable to have a child.
One day Sumitra’s wife prayed to Lord Ganesha and requested him to remove her sorrows. That very night Lord Ganesha appeared in her dream and said, “O Goddess, you have observed my Sankashti Chaturthi fast with great devotion and faith. Now you observe Gajanan Sankashti Chaturthi fast with a true heart, all your wishes will be fulfilled.”
Sumitra’s wife observed Gajanan Sankashti Chaturthi fast on the next Sankashti Chaturthi day and worshipped Lord Ganesha as per the rituals. She recited the Vrat Katha with full devotion and prayed to Lord Ganesha to be blessed with a child.
After some time Sumitra’s wife became pregnant and after nine months she gave birth to a beautiful and intelligent son. From that day onwards Sumitra and his wife started observing Gajanan Sankashti Chaturthi fast regularly. Happiness, prosperity, and peace prevailed in their lives.
Note: – Fast for the whole day or eat fruits once a day. Break the fast after seeing the moon at night. Offer water to Lord Ganesha and take Prasad.
Benefits of fasting:-
All obstacles and hindrances are removed by the grace of Lord Ganesha.
The person observing the fast gains wisdom, prudence, and prosperity.
Children are born and other wishes are fulfilled.
By worshipping Lord Ganesha and observing Sankashti Chaturthi fast, all troubles and obstacles are removed. Lord Ganesha fulfills the wishes of his devotees and blesses them with happiness and prosperity.