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न्यूटन की गति के नियम

सर आइजेक न्यूटन ने सबसे पहले वर्ष 1687 में अपनी पुस्तक प्रिंसीपिया (Principia) में गति के नियमो (Law of Motion) को प्रतिपादित किया है, इसलिए इस वैज्ञानिक के सम्मान में गति के नियमों को न्यूटन के नियम कहा जाता है.

1. गति का प्रथम नियम – (जडत्व का नियम– Law of inertia)

यदि कोई बस्तु विरामावस्था में है तो, वह तब तक विराम की अवस्था में ही रहेगी, जब तक उस पर बाहरी बल लगाकर गतिशील नहीं किया जायेगा, और यदि कोई वस्तु गतिशील है तो उस पर बाहरी बल लगाकर ही विरामावस्था में पहुँचाया जा सकता है. न्यूटन के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम (Law Of Inertia) भी कहा जाता है.

उदाहरण:-

·         रूकी हुई गाड़ी के अचानक चलने पर उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाते है.

·         पेड़ को हिलाने से उसके फल टूटकर नीचे गिर जाते है.

2. गति का दूसरा नियम–(संवेग का नियम– Law of Momentum)

वस्तु के संवेग (Momentum) में परिवर्तन की दर उस पर लगाये गये बल के अनुक्रमानुपाती (Directly Prepotional) होती है, तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में ही होता है.

उदाहरण:-

·         क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को गेंद के वेग को कम करने के लिए पीछे की ओर खींच लेता है, ताकि उसे चोट ना लगे.

3. गति का तीसरा नियम –(क्रिया– प्रतिक्रिया का नियम Rule of Action and Reaction)

इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है. इस नियम को क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम भी कहा जाता है.

·         बन्दूक से गोली छोड़ते समय पीछे की ओर झटका लगना.

·         राकेट का आगे बढ़ना.

 

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