Health

फलों की रानी…

अंगूर की खेती का प्रारंभ आज से करीब 5000-8000 साल पहले भारत में हुआ था. इसे संस्कृत  में द्राक्षा, हिंदी में अंगूर, अंग्रेजी में ग्रेप और इसका बोटेनिकल नाम है विटियस. अंगूर एक ऐसा फल है जिसे आप साबुत खा सकते हैं. इनसे न तो छिलका उतारने का झंझट और न ही बीज निकालने का, शायद आपको पता ना हो कि अंगूर को “फलों की रानी “ भी कहा जाता है. बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि अंगूर में मां के दूध के बराबर पोषक तत्व पाए जाते हैं. फलों में अंगूर को सर्वोत्तम माना जाता है. ये अंगूर की बेलों पर बड़े-बड़े गुच्छों में उगता है. अंगूर सीधे ही खाया  जाता है, या फिर उससे अंगूरी शराब (अंगूर के रस को खमीर बनाकर) बनायी जाती है. अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल होता है. बहुत से ऎसे रोग होते हैं, जिसमें रोगी को कोई पदार्थ खाने को नहीं दिया जाता है, उस वक्त भी उसे भी अंगूर का फल दिया जा सकता है. अंगूरी चिकित्सा को एम्पिलोथेरेपी (प्राचीन ग्रीक “एम्फ़ीलोस” यानि “वाइन”) के नाम से भी जाना जाता है. यह नैसर्गिक चिकित्सा या वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप होता है, जिसमें अंगूरों का बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है, इसमें अंगूर के बीज, फल और पत्तियों का भी  उपयोग किया जाता है.

पका हुआ अंगूर का तासीर में ठंडा, मीठा और दस्तावर होता है. यह स्पर को शुद्ध बनाता है, और आँखों के लिए फायदेमंद होता है. अंगूर वीर्यवर्घक, रक्त साफ करने वाला, रक्त बढाने वाला तथा तरावट देने वाला फल है. अंगूर में जल, शर्करा, सोडियम, पोटेशियम, साइट्रिक एसिड, फलोराइड, पोटेशियम सल्फेट, मैगनेशियम और लौह तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अंगूर हृदय की दुर्बलता को दूर करने में सहायक होता है, हृदय रोगी को नियमित रूप से अंगूर खाने चाहिएं. अंगूर के सेवन से फेफडों में जमा हुआ कफ निकल जाता है, इससे खाँसी में भी आराम होता है. अंगूर जी मिचलाना, घबराहट, चक्कर आने वाली बीमारियों में भी लाभदायक होता है. श्वास रोग  व वायु रोगों में भी अंगूर का प्रयोग लाभदायक होता है. नकसीर एवं पेशाब में होने वाली रूकावट में भी फायदेमंद होता है. अंगूर का शरबत तो “अमृत तुल्य” होता है, शरीर के किसी भी भाग से रक्त स्राव होने पर अंगूर का एक गिलास रस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है. अंगूर के गूदा में “ग्लूकोज व शर्करा युक्त” होता है. अंगूर में विटामिन “ए” पर्याप्त मात्रा में होने से ” भूख ” बढाता है, पाचन शक्ति ठीक रखता है, आँखों, बालों एवं त्वचा को चमकदार बनाता है.

  1. हार्ट-अटैक से बचने के लिए बैंगनी (काले) अंगूर का रस “एसप्रिन” की गोली के समान कारगर है. चुकीं “एसप्रिन” खून के थक्के नहीं बनने देती है.
  2. बैंगनी (काले) अंगूर के रस में “फलोवोनाइडस” नामक तत्व होता है,जिससे खून के थक्के नहीं बनने देती है.
  3. पोटेशियम की कमी से बाल बहुत टूटते हैं, दाँत हिलने लगते हैं, त्वचा ढीली व निस्तेज हो जाती है, जोडों में दर्द व जकडन होने लगती है. इन सभी बिमारियों को अंगूर दूर रखता है.
  4. अंगूर फोडे-फुन्सियों एवं मुहासों को सुखाने में मदद करता है. अंगूर के रस से गरारे करने पर मुँह के घावों एवं छालों में राहत मिलती है.
  5. एनीमिया के लिए अंगूर से बढकर कोई दवा नहीं होती है.
  6. उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोडा नमक व काली मिर्च डालकर खाना चाहिए.
  7. पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर को रात को पानी में भिगों दे, तथा सुबह मसल कर निचोडें और इस रस में थोडी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए.
  8. गठिया रोग में अंगूर का सेवन करना चाहिए, इसका सेवन बहुत लाभप्रद होता है, क्योंकि यह शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है, जिसके कारण गठिया होता है.
  9. अंगूर के सेवन से हडि्डयाँ मजबूत होती हैं.
  10. अंगूर के पत्तों का रस पानी में उबालकर काले नमक के साथ मिलाकर पीने से गुर्दो के दर्द में भी बहुत लाभ होता है.
  11. भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है, और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है.
  12. अंगूर के रस को दो-तीन बूंद नाक में डालने से नकसीर बंद हो जाती है.

=========== ============== ==============

Queen of fruits…

The cultivation of grapes was started in India about 5000-8000 years ago. It is known as Draksha in Sanskrit, Angoor in Hindi, and Grape in English and its botanical name is Vitius. Grapes are such a fruit that you can eat whole. Neither the hassle of peeling nor removing the seeds from them, you may not know that grapes are also called the “Queen of Fruits”. Elders say that nutrients equal to mother’s milk are found in grapes. Grapes are considered the best fruits. It grows in large clusters on grape vines. Grapes are eaten directly, or it is used to make wine (by fermenting grape juice). Grapes are a powerful and beautifying fruit. There are many such diseases, in which the patient is not given any food, at that time also he can be given the fruit of grapes. Grapes therapy is also known as ampilotherapy (from the ancient Greek “amphilos” meaning “wine”). It is a form of naturopathy or alternative medicine, in which grapes are used in large quantities, in which the seeds, fruits, and leaves of grapes are also used.

Ripe grapes are cool, sweet, and astringent in effect. It purifies the spur and is beneficial for the eyes. Grapes are seminal, blood purifiers, blood enhancers, and refreshing fruit. Water, sugar, sodium, potassium, citric acid, fluoride, potassium sulfate, magnesium, and iron elements are found in abundance in grapes. Grapes are helpful in removing weakness in the heart, heart patients should eat grapes regularly. Consuming grapes removes phlegm accumulated in the lungs, it also provides relief for cough. Grapes are also beneficial in diseases like nausea, nervousness, and dizziness. The use of grapes is also beneficial for respiratory diseases and air diseases. It is also beneficial in hemorrhage and obstruction in urine. The grape syrup is like “nectar”. If there is bleeding from any part of the body, drinking a glass of grape juice mixed with two teaspoons of honey can cure anemia. The grape pulp contains “glucose and Contains “sugary”. Vitamin “A” in grapes increases “appetite” due to sufficient quantity, keeps digestion power right, and makes eyes, hair, and skin shiny.

  1. Purple (black) grape juice is as effective as “an aspirin” tablet to avoid a heart attack. Aspirin does not allow blood clots to form.
  2. Purple (black) grape juice contains an element called “flavonoids”, which does not allow blood clots to form.
  3. Due to the deficiency of potassium, hair breaks a lot, teeth start shaking, skin becomes loose and dull, and pain and stiffness start in the joints. Grapes keep all these diseases away.
  4. Grapes help in drying boils and pimples. Gargling with grape juice provides relief for mouth sores and ulcers.
  5. There is no better medicine for anemia than grapes.
  6. In case of vomiting and nausea, grapes should be eaten by adding some salt and black pepper.
  7. To calm the heat of the stomach, soak 20-25 grapes in water at night, and in the morning squeeze them after crushing and drink this juice after adding some sugar.
  8. Grapes should be consumed in arthritis, their consumption is very beneficial, because it removes those elements from the body, due to which arthritis occurs.
  9. Bones become strong by consuming grapes.
  10. Drinking the juice of grape leaves after boiling it in water and mixing it with black salt is very beneficial in kidney pain.
  11. Drinking grape juice after half an hour of a meal increases blood, and within a few days, one gets relief from diseases like flatulence, indigestion, etc.
  12. By putting two to three drops of grape juice in the nose, the hemorrhage stops.
Rate this post
:

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!