सोरायसिस दिवस
सोरायसिस दिवस हर वर्ष 29 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य सोरायसिस (Psoriasis) के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सोरायसिस से पीड़ित लोगों का समर्थन करना है. सोरायसिस एक दीर्घकालिक त्वचा रोग है जो ऑटोइम्यून प्रणाली में समस्या के कारण होता है. इस रोग में त्वचा पर खुजली, जलन, और लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
सोरायसिस दिवस की शुरुआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ सोरायसिस एसोसिएशंस (IFPA) द्वारा की गई थी ताकि लोगों को इस रोग की गंभीरता, इसके लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में जागरूक किया जा सके.
सोरायसिस के मुख्य लक्षण: –
त्वचा पर लाल, पपड़ीदार चकत्ते या स्केल्स का बनना.
खुजली या जलन महसूस होना.
नाखूनों का मोटा होना या टूटना।.
जोड़ों में सूजन या दर्द (सोरियाटिक आर्थराइटिस).
यदि परिवार में किसी को यह रोग है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली त्वचा की कोशिकाओं पर हमला करती है. तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, और ठंडा मौसम भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं.
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Psoriasis Day
Psoriasis Day is celebrated every year on 29 October. The purpose of this day is to raise awareness of psoriasis and support people suffering from psoriasis. Psoriasis is a long-term skin disease caused by a problem in the autoimmune system. Symptoms such as itching, burning, and red rashes appear on the skin in this disease.
Psoriasis Day was started by the International Federation of Psoriasis Associations (IFPA) to make people aware of the seriousness of this disease, its symptoms, causes and treatment.
Main symptoms of psoriasis: –
Formation of red, scaly rashes or scales on the skin.
The feeling of itching or burning.
Thickening or breaking of nails.
Swelling or pain in the joints (psoriatic arthritis).
If someone in the family has this disease, then its chances increase. The body’s immune system attacks the skin cells. Stress, smoking, alcohol consumption, and cold weather also increase its risk.