
पासवान समाज को आत्म मंथन कर दशा और दिशा सुधार की जरूरत: प्रो. गौरी शंकर
सोमवार को जमुई के श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय पासवान महा सम्मेलन में शरीक होने के लिए रांची से चलकर जमुई के जेनेक्स ब्रिज होटल में पहुंची मिस यूनिवर्स इंडिया परी पासवान के साथ वर्तमान दशा और दिशा पर “चाय पर चर्चा” हुई. परिचर्चा में अनुसूचित जाति/ जनजाति नेता नेता सुभाष पासवान एवं केकेएम कॉलेज के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरी शंकर पासवान तथा अन्य कई लोग शामिल थे.
मिस यूनिवर्स इंडिया परी पासवान ने कहा कि पासवान समाज की बेटियां अब न केवल शिक्षा में बल्कि फैशन और मॉडलिंग में भी झंडा गाड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि मैं आधी आबादी की आवाज बनकर महिलाओं, युवाओं और वंचितों का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं. उन्होंने युवक एवं युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया. उनका संदेश है कि सुंदरता के साथ संस्कार जरूरी है. संघर्ष से संवरती है पहचान, परी जैसी बेटियों से चमकता है देश और समाज. परी पासवान ने कहा कि मैं झारखंड में चुनाव लड़कर पहला कदम उठाया था. अब बिहार की धरती से नई शुरुआत का विचार है. अभी चुनाव क्षेत्र का चयन नहीं किया है, लेकिन मैं सेवा और संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार हूं उन्होंने कहा कि जमुई की जनता से जुड़कर जो आत्मीयता मिला उसने दिल छू लिया है. मेरे लिए राजनीति मंच नहीं, मिशन है. सेवा, समर्पण और सशक्तिकरण मेरा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि जब बेटियां बोलती हैं, तब समाज की आत्मा जागती है. महिला सशक्तिकरण में पासवान समाज की बेटियां अहम भूमिका निभाएं. पंचायत से संसद तक पासवान समाज की बेटियों की राजनीतिक भागीदारी जरूरी है.
प्रो. गौरी शंकर पासवान ने कहा समाज को आत्म मंथन कर पासवान समाज की दशा और दिशा में सुधार करने की आवश्यकता है. श्रमिक और कृषक पासवान समाज की ताकत हैं. पासवान समाज को विज्ञान, तकनीक, स्टार्ट-अप्स तथा नवाचार से जुड़ना होगा. उन्होंने पासवान समाज से अपील की कि ज्ञान ही पावर व अस्त्र है. यही परिवर्तन का माध्यम बन सकता है. पासवान समाज सदियों से संघर्ष किया है, लेकिन हर दौर में आत्मविश्वास और साहस से आगे बढ़ा है. संघर्ष व मेहनत की मिसाल है पासवान जाति का गौरवशाली अतीत. पासवान समाज का सच इतिहास में दबा है. इसीलिए इस समाज के नायकों की खोज जरूरी है. जो अपने समाज और पूर्वजों को भूल जाता है, इतिहास उन्हें भी भूल जाता है. पासवान समाज भारत के विकास की रचना में एक मजबूत ईंट है. यदि हिंदुस्तान एक महल है, तो पासवान समाज उसकी मजबूत दीवार है. उन्होंने कहा कि आज लाठी नहीं, लैपटॉप को हथियार बनाओ, संघर्ष नहीं सृजन का रास्ता बनाओ. इतिहास याद करने का ही नहीं, बल्कि नया इतिहास रचने का समय है.
अनुसूचित जाति/ जनजाति नेता सुभाष पासवान ने कहा कि पासवान समाज देश का रक्षक होता है. पासवान समाज की एकता और स्वाभिमान ही उसके स्वर्णिम भविष्य की आधारशिला है. जब हम संगठित होंगे तभी समाज सुरक्षित होगा. इस जाति ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी कुर्बानियां दी हैं. समाज रक्षा और देश निर्माण में भी इनकी भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. मौके पर कई लोग उपस्थित थे.
प्रभाकर कुमार (जमुई).