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व्यक्ति विशेष -613.

महाराजा दलीप सिंह

दलीप सिंह, जिन्हें महाराजा दलीप सिंह के नाम से भी जाना जाता है, सिख साम्राज्य के अंतिम महाराजा थे. उनका जन्म 6 सितंबर 1838 को लाहौर में हुआ था और वे महाराजा रणजीत सिंह के सबसे छोटे बेटे थे. उनका शासनकाल बहुत छोटा था, क्योंकि वे सिर्फ पाँच साल की उम्र में वर्ष 1843 में महाराजा बने थे, अपने बड़े भाई, महाराजा शेर सिंह की हत्या के बाद. उनकी मां, रानी जिंद कौर, ने उनके राज-प्रतिनिधि के रूप में काम किया।

उनके शासनकाल के दौरान, सिख साम्राज्य को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (वर्ष 1845-46) के बाद, साम्राज्य कमजोर हो गया और लाहौर संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर होना पड़ा. वर्ष 1849 में, दूसरे आंग्ल-सिख युद्ध के बाद, अंग्रेजों ने पूरे पंजाब पर कब्जा कर लिया और दलीप सिंह को सिंहासन से हटा दिया गया.

इसके बाद, उन्हें भारत से इंग्लैंड भेज दिया गया, जहाँ उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया और रानी विक्टोरिया की देखरेख में रखा गया. उन्हें अक्सर “ब्रिटेन की रानी का वार्ड” कहा जाता था. उन्होंने अपना बाकी जीवन इंग्लैंड में बिताया, जहाँ उन्होंने अपनी विरासत और सिख पहचान को फिर से हासिल करने की कोशिश की, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए. उनकी मृत्यु 22 अक्टूबर 1893 को पेरिस में हुई.

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फ़िल्म निर्माता यश जौहर

यश जौहर भारतीय फिल्म उद्योग के एक निर्माता थे, जो धर्मा प्रोडक्शंस के संस्थापक थे. उनका योगदान भारतीय सिनेमा में अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्होंने कई सफल और प्रतिष्ठित फिल्मों का निर्माण किया है. यश जौहर का जन्म 6 सितंबर 1929 को लाहौर, ब्रिटिश इंडिया (अब पाकिस्तान) में हुआ था.

फिल्म निर्माण में आने से पहले, यश जौहर ने एक फोटोग्राफर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था और बाद में मुंबई आकर फिल्म उद्योग में काम करना शुरू किया. वर्ष 1976 में, यश जौहर ने धर्मा प्रोडक्शंस की स्थापना की. इस प्रोडक्शन हाउस ने भारतीय सिनेमा में कई महत्वपूर्ण और सफल फिल्में दी हैं.

प्रमुख फिल्में: –

‘दोस्ताना’ (1980):  – यह धर्मा प्रोडक्शंस की पहली फिल्म थी, जिसमें अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई.

‘अग्निपथ’ (1990):  – अमिताभ बच्चन अभिनीत इस फिल्म को आज भी एक क्लासिक माना जाता है.

‘कुछ कुछ होता है’ (1998): – करण जौहर द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा में नया मील का पत्थर स्थापित किया और कई पुरस्कार जीते.

‘कभी खुशी कभी गम’ (2001):  – यह फिल्म भी करण जौहर द्वारा निर्देशित थी और इसे बहुत बड़ी सफलता मिली.

यश जौहर के पुत्र करण जौहर एक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, निर्माता और टेलीविजन व्यक्तित्व हैं. करण ने अपने पिता की विरासत को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है.  यश जौहर का निधन 26 जून 2004 को कैंसर के कारण हुआ था. 

यश जौहर ने अपने जीवनकाल में भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया और उनकी बनाई हुई फिल्में आज भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं. उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और धर्मा प्रोडक्शंस के माध्यम से उनकी विरासत जीवित है.

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अभिनेत्री शरगुन मेहता

शरगुन मेहता एक अभिनेत्री, मॉडल और टेलीविजन होस्ट हैं. उन्होंने मुख्य रूप से हिंदी टीवी धारावाहिकों और पंजाबी फिल्मों में काम किया है. सरगुन मेहता का जन्म 06 सितंबर 1988 को चंडीगढ़ में हुआ था. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में थिएटर में अभिनय करना शुरू किया. सरगुन ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत वर्ष 2009 में जी टीवी के शो “12/24 करोल बाग” से की थी.

कलर्स टीवी के शो “फुलवा” से उनके करियर को एक महत्वपूर्ण मोड़ मिला. वो “बालिका वधु” और “क्या हुआ तेरा वादा” जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में भी नजर आईं. सरगुन ने वर्ष 2015 में पंजाबी फिल्म “अंगरेज” से अपना फिल्मी कैरियर शुरू किया, जो उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पंजाबी फिल्मों में से एक थी. उन्होंने “लव पंजाब” (2016), “लाहौरिए” (2017), और “किस्मत” (2018) जैसी कई सफल पंजाबी फिल्मों में काम किया.

पंजाबी सिनेमा में उनके काम के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पीटीसी पंजाबी फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार पंजाबी शामिल हैं. सरगुन मेहता ने वर्ष 2013 में अभिनेता रवि दुबे से शादी की थी. सरगुन और उनके पति रवि दुबे ने मिलकर “ड्रीमियाटा एंटरटेनमेंट” नामक एक प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत की है. उन्होंने “उडारियां” जैसे कई सफल पंजाबी टेलीविजन शो का निर्माण किया है.

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अभिनेत्री ऐश्वर्या लक्ष्मी

ऐश्वर्या लक्ष्मी एक अभिनेत्री, मॉडल और निर्माता हैं, जो मुख्य रूप से मलयालम और तमिल फिल्मों में काम करती हैं. उनका जन्म 6 सितंबर 1990 को तिरुवनंतपुरम, केरल में हुआ था.

ऐश्वर्या लक्ष्मी ने वर्ष  2017 में मलयालम फिल्म “Njandukalude Nattil Oridavela” से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्हें कई सफल फिल्मों में देखा गया, जिनमें “Mayaanadhi”, “Varathan” और मणिरत्नम की ऐतिहासिक फिल्म “Ponniyin Selvan: I” और “Ponniyin Selvan: II” शामिल हैं, जिसमें उन्होंने पूंगुजली की भूमिका निभाई थी.

फिल्में: – “Jagame Thandhiram”, “Gatta Kusthi”, “King of Kotha”, “Kumari”.

अभिनय के अलावा, ऐश्वर्या ने वर्ष 2022 की फिल्म “Gargi” के साथ एक निर्माता के रूप में भी अपनी शुरुआत की. उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें एक फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण और तीन SIIMA पुरस्कार शामिल हैं.

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राजकुमारी इंदिरा राजे

राजकुमारी इंदिरा राजे भारतीय राजघराने की एक प्रमुख सदस्य थीं, जिन्होंने बड़ौदा के गायकवाड़ राजवंश और कूच बिहार के राजवंश के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किया था. उनका जन्म 19 फरवरी 1892 को बड़ौदा राज्य में हुआ था. वो बड़ौदा के महाराजा सयाजी राव गायकवाड़ III की बेटी थीं और उनका विवाह कूच बिहार के महाराजा जितेंद्र नारायण से हुआ था. इंदिरा राजे को उनकी सौंदर्य, बुद्धिमत्ता और सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता था.

इंदिरा राजे की शादी से उन्हें कूच बिहार की महारानी का दर्जा प्राप्त हुआ और वे इस क्षेत्र के विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने लगीं. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और महिला अधिकारों के क्षेत्र में कई पहल कीं. उनकी सामाजिक सेवा और परोपकारी कार्यों ने उन्हें जनता के बीच एक प्रिय व्यक्तित्व बना दिया.

राजकुमारी इंदिरा राजे की सबसे उल्लेखनीय संतान उनकी बेटी, महारानी गायत्री देवी थीं, जो जयपुर की महारानी बनीं और विश्वभर में अपनी सौंदर्य, शैली और सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध हुईं. गायत्री देवी ने भारतीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वे एक सम्मानित राजनीतिज्ञ के रूप में उभरीं.

राजकुमारी इंदिरा राजे का जीवन और कार्य भारतीय राजघरानों के इतिहास में एक रोचक अध्याय का निर्माण करते हैं, जिसमें उनकी विरासत आज भी उनके परिवार और उनके द्वारा सेवा किए गए समुदायों में जीवित है. राजकुमारी इंदिरा राजे का निधन 06सितंबर 1968 को हुआ था.

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