
व्यक्ति विशेष -604.
सोंभु मित्रा
सोंभु मित्रा एक प्रसिद्ध भारतीय रंगमंच और फिल्म अभिनेता, निर्देशक और नाटककार थे. उन्हें विशेष रूप से बंगाली थिएटर में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 22 अगस्त 1915 को हुआ था और उनका निधन 19 मई 1997 को हुआ.
सोंभु मित्रा ने कई नाटकों का निर्देशन और लेखन किया, जिनमें प्रसिद्ध है- रक्तकरबी (Raktakarabi) और चाँद बनिकेर पाला (Chand Baniker Pala). उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया, जैसे “धरती के लाल” (1946) और “जागते रहो” (1956)। “जागते रहो” फिल्म का निर्देशन उन्होंने अमित मोइत्रा के साथ मिलकर किया था.
सोंभु मित्रा के उनके कलात्मक योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था, जिनमें से प्रमुख हैं – पद्म भूषण (1970), रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (1976), संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप (1966).
सोंभु मित्रा न केवल एक अभिनेता थे, बल्कि एक निर्देशक, निर्माता, नाटककार, लेखक और विचारक भी थे.
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कवि एवं नाटककार गिरिजाकुमार माथुर
गिरिजाकुमार माथुर हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध कवि और नाटककार थे. उनका जन्म 22 अगस्त, 1919 को मध्य प्रदेश के अशोकनगर में हुआ था. गिरिजाकुमार माथुर को प्रगतिशील कविता के प्रमुख कवियों में से एक माना जाता है. उन्हें ‘मैं वक्त के हूँ सामने’ कविता संग्रह के लिए वर्ष 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
गिरिजाकुमार माथुर की रचनाओं में प्रेम, सौंदर्य, और जीवन के यथार्थ का सुंदर चित्रण मिलता है. उनकी कुछ प्रमुख कृतियाँ इस प्रकार हैं –
कविता संग्रह: – ‘नाश और निर्माण’, ‘धूप के धान’, ‘शिलापंख चमकीले’, ‘जो बँध नहीं सका’, ‘साक्षी रहे वर्तमान’, और ‘मैं वक्त के हूँ सामने’.
नाटक: – ‘अंधा युग’, ‘कल्पतरु’ (ये नाटककार के रूप में उनकी पहचान बनाते हैं).
अन्य रचनाएँ: – उन्होंने उपन्यास, निबंध और आलोचना के क्षेत्र में भी काम किया.
गिरिजाकुमार माथुर का निधन 10 जनवरी 1994 को नई दिल्ली में हुआ था. उनकी कविताओं में भाषा की सरलता और भावनाओं की गहराई दोनों देखने को मिलती है. उन्होंने अपनी रचनाओं में खड़ी बोली हिंदी का प्रयोग किया और गीतों में संगीत के तत्वों को भी शामिल किया.
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लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई
हरिशंकर परसाई हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध व्यंग्यकार और लेखक थे. उनका जन्म 22 अगस्त 1924 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में हुआ था. उन्हें हिंदी में व्यंग्य विधा का जनक माना जाता है. उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज, राजनीति और जीवन की विसंगतियों पर तीखा प्रहार किया. परसाई जी ने अपनी रचनाओं में सामाजिक कुरीतियों, भ्रष्टाचार और पाखंड पर गहरी चोट की.
प्रमुख रचनाएँ: –
व्यंग्य संग्रह: – ‘हँसते हैं रोते हैं’, ‘जैसे उनके दिन फिरे’, ‘सदाचार का तावीज़’, ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’.
निबंध संग्रह: – ‘भूत के पाँव पीछे’, ‘बेईमानी की परत’, ‘पगडंडियों का ज़माना’.
उपन्यास: – ‘रानी नागफनी की कहानी’, ‘तट की खोज’.
कहानी संग्रह: – ‘सदाचार का ताबीज’.
हरिशंकर परसाई की लेखन शैली बहुत ही सरल और प्रभावी थी. उनके व्यंग्य में गहरा अर्थ छिपा होता था. उन्होंने अपनी रचनाओं में हास्य और व्यंग्य का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत किया. उनके व्यंग्य केवल हँसाते नहीं थे, बल्कि सोचने पर मजबूर भी करते थे. हरिशंकर परसाई का निधन 10 अगस्त 1995 को जबलपुर, मध्य प्रदेश में हुआ था.
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अभिनेता चिरंजीवी
चिरंजीवी, जिनका असली नाम कोनिडेला शिव शंकर वर प्रसाद है, भारतीय सिनेमा के एक प्रसिद्ध अभिनेता, फिल्म निर्माता और पूर्व राजनेता हैं. उन्हें तेलुगु सिनेमा में ‘मेगास्टार’ के नाम से जाना जाता है.
चिरंजीवी का जन्म 22 अगस्त 1955 को पश्चिम गोदावरी के नरसापुर के पास एक गाँव मोगलथुर में हुआ था. उनके पिता एक कांस्टेबल के रूप में काम करते थे और उनका ट्रांसफर होता रहता था. जिससे उन्होंने अपना बचपन अपने दादा-दादी के साथ अपने पैतृक गांव में बिताया. चिरंजीवी के छोटे भाई, नागेंद्र बाबू, एक फिल्म निर्माता और अभिनेता हैं. उनके सबसे छोटे भाई, पवन कल्याण टॉलीवुड में एक अभिनेता हैं, जिन्होंने क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी जन सेना पार्टी की स्थापना की. चिरंजीवी अभिनेता अल्लू अर्जुन, अल्लू सिरिश, वरुण तेज, निहारिका और साई धर्म तेज के चाचा हैं.
चिरंजीवी ने अपनी स्कूली शिक्षा निदादावोलु, गुरजला, बापटला, पोन्नुरु, मंगलगिरि और मोगल्थुर में की. वह एक एनसीसी कैडेट थे और 70 के दशक की शुरुआत में नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया था. उन्हें छोटी उम्र से ही अभिनय में दिलचस्पी थी. उन्होंने ओन्गोले के सी एस आर सरमा कॉलेज में अपना इंटरमीडिएट किया. नरसापुर के श्री वाई एन कॉलेज से वाणिज्य में ग्रेजुएशन करने के बाद, चिरंजीवी चेन्नई चले गए और वर्ष 1976 में अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए मद्रास फिल्म संस्थान से जुड़ गए.
वर्ष 1980 को, चिरंजीवी ने तेलुगु हास्य अभिनेता अल्लू रामलिंगैया की बेटी सुरेखा से शादी की. उनकी दो बेटियाँ हैं, सुष्मिता और श्रीजा और एक बेटा, राम चरण तेजा, जो खुद टॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता हैं. चिरंजीवी ने 150 से अधिक फिल्मों में काम किया है.
फिल्में: – खैदी (Khaidi), इंद्रा (Indra), गैंग लीडर (Gang Leader), टैगोर (Tagore), सई रा नरसिम्हा रेड्डी (Sye Raa Narasimha Reddy), वालटेयर वीरय्या (Waltair Veerayya).
चिरंजीवी ने अपने 45 साल के लंबे करियर में कई पुरस्कार और सम्मान हासिल किए जिनमें पद्म विभूषण (2024), पद्म भूषण (2006), साहित्य अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्मफेयर अवार्ड्स साउथ और गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स.
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अभिनेता पेंटल
पेंटल एक भारतीय अभिनेता और हास्य अभिनेता हैं. जिनका पूरा नाम कंवरजीत सिंह पेंटल है. उन्होंने कई हिंदी फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया है. गुफी पेंटल ने महाभारत धारावाहिक में शकुनि मामा का किरदार निभाया था, जो बहुत ही प्रसिद्ध हुआ. उनके द्वारा निभाए गए इस किरदार ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई.
पेंटल का जन्म 22 अगस्त 1948 को पंजाब में हुआ था. गुफी पेंटल ने अपने कैरियर की शुरुआत एक शिक्षाविद के रूप में की थी और वे किसी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाते थे. इसके बाद उन्होंने मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा था.
पेंटल ने करीब 200 से भी ज्यादा फिल्मों में अपनी अभिनय प्रतिभा दिखाई है. उन्होंने बॉलीवुड के तमाम बड़े कलाकारों के साथ काम किया है. उनकी प्रमुख फिल्में – ‘जवानी दीवानी’, ‘रफू चक्कर’, ‘बावर्ची’, ‘पिया का घर’, ‘जंगल में मंगल’, ‘परिचय’, ‘हीरा पन्ना’, ‘सिक्के’, ‘सत्ते पे सत्ता’ जैसी कई खास फिल्मों में काम किया है.
गुफी पेंटल का जीवन इस बात का उदाहरण है कि इंसान अपने जुनून और कड़ी मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है. उनकी कहानी प्रेरणादायक है और यह दर्शाती है कि शिक्षा और कला का संगम कैसे अद्वितीय परिणाम ला सकता है.
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अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्जी
देवोलीना भट्टाचार्जी एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री और प्रशिक्षित भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं. वह मुख्य रूप से स्टार प्लस के लोकप्रिय शो ‘साथ निभाना साथिया’ में गोपी मोदी की भूमिका के लिए जानी जाती हैं.
देवोलीना भट्टाचार्जी का जन्म 22 अगस्त 1985 को असम में एक असमिया-बंगाली परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गोधुला ब्राउन मेमोरियल इंग्लिश हाई स्कूल, शिवसागर, असम से और उच्च शिक्षा राष्ट्रीय फैशन और प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली से प्राप्त की.
देवोलीना भट्टाचार्जी अभिनेत्री बनने से पूर्व उन्होंने एक आभूषण डिजाइनर के रूप में काम किया. उन्होंने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत वर्ष 2011 में एनडीटीवी इमेजिन के धारावाहिक ‘संवारे सबके सपने प्रीतो’ से की थी. वर्ष 2012 में, उन्होंने ‘साथ निभाना साथिया’ में गोपी बहू की भूमिका के लिए जिया मानेक की जगह ली, जो उनके कैरियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ. उन्होंने ‘बिग बॉस 13’, ‘बिग बॉस 14’ और ‘बिग बॉस 15’ जैसे रियलिटी शो में भी एक प्रतियोगी के रूप में भाग ले चुकी हैं.
देवोलीना ने 14 दिसंबर 2022 को अपने जिम ट्रेनर शाहनवाज शेख से शादी की.