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व्यक्ति विशेष -506.

राजनीतिज्ञ आर.एन. माधोलकर

आर.एन. माधोलकर जिनका पूरा नाम रघुनाथ नरसिंहा मुधोलकर है, एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ थे. उनका जन्म 16 मई, 1857 को हुआ था और उनकी मृत्यु 13 जनवरी, 1921 को हुई थी.

माधोलकर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विभिन्न क्षमताओं में सेवा की, जिसमें वह 1918 में बॉम्बे विशेष अधिवेशन में अध्यक्ष रहे. इसके अलावा, उन्होंने वर्ष 1916 में लखनऊ में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की भी अध्यक्षता की थी. उनकी अध्यक्षता के दौरान, माधोलकर ने मुस्लिम लीग के साथ समझौते को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

माधोलकर की राजनीतिक यात्रा और उनके योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उल्लेखनीय रहे हैं. उन्होंने अपने जीवनकाल में भारतीय समाज और राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और अपने देश की सेवा की.

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राजनीतिज्ञ नटवर सिंह

भारतीय राजनीति के एक विशिष्ट व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने कैरियर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. उनका जन्म 16 मई 1929 को राजस्थान के भरतपुर में हुआ था. नटवर सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे हैं और उन्होंने 22 मई 2004 से 6 दिसम्बर 2005 तक भारत के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया.

उन्होंने अपने राजनयिक और राजनीतिक अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक “वन लाइफ इज नॉट इनफ” भी लिखी है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी सक्रियता दिखाई है, जैसे कि अफगानिस्तान में तालिबान राज पर उनकी टिप्पणियाँ.

नटवर सिंह का निधन 10 अगस्त 2014 को हुआ था. उनकी जीवनी और उनके कार्यों को और अधिक समझने के लिए उनकी पुस्तक “वन लाइफ इज नॉट इनफ” का अवलोकन किया जा सकता है, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के अनुभवों को साझा किया है.

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साहित्यकार गुलशेर ख़ाँ शानी

गुलशेर ख़ाँ शानी एक कथाकार एवं साहित्य अकादमी की पत्रिका ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ और ‘साक्षात्कार’ के संस्थापक-संपादक थे. उनका जन्म 16 मई 1933 को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, बस्तर में हुआ था. वो  हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखकों में से एक माने जाते हैं.

उन्होंने अपनी शिक्षा जगदलपुर और बाद में विक्रम विश्वविद्यालय से पूरी की. शानी ने विभिन्न नौकरियां कीं और अंततः साहित्य अकादमी में हिंदी संपादक के रूप में काम किया. वे आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख मुस्लिम लेखकों में से एक थे और उन्होंने भारतीय मुसलमानों के जीवन को अपनी रचनाओं में चित्रित किया.

शानी ने कई प्रसिद्ध उपन्यास और कहानी संग्रह लिखे, जिनमें ‘काला जल’, ‘फूल तोड़ना मना है’, और ‘साँप और सीढ़ी’ शामिल हैं. उनकी लेखनी में सामाजिक और पारिवारिक संबंधों पर गहराई से चिंतन किया गया है. उनकी कहानियाँ और उपन्यास सामाजिक यथार्थ को दर्शाते हैं और उन्होंने हिंदी साहित्य में विषयगत रूढ़ियों से हटकर नई प्रवृत्तियों की शुरुआत की. उन्होंने अपनी कृतियों में विशेष रूप से भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन का चित्रण किया, जो उन्हें विशिष्ट बनाता है. गुलशेर ख़ाँ शानी का निधन 10 फ़रवरी 1995 को हुआ था.

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अभिनेत्री सोनल चौहान

सोनल चौहान एक भारतीय अभिनेत्री, मॉडल और गायिका हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी और तेलुगु फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं. उन्होंने वर्ष 2008 में बॉलीवुड फिल्म “जन्नत” से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी. सोनल का जन्म 16 मई 1987 को दिल्ली, भारत में हुआ था. वह मिस वर्ल्ड टूरिज्म 2005 का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं, जिसे उन्होंने मलेशिया में प्राप्त किया था.

सोनल ने तेलुगू फिल्मों जैसे “रैनबो” और “लिजेंड” में भी काम किया है और वे कई अन्य भाषाओं में भी फिल्में कर चुकी हैं. उनकी कुछ प्रमुख फिल्में में “चेलुवेए निन्ने नोडलु”, “बुड्ढा होगा तेरा बाप”, “3जी”, और “डिक्टेटर” शामिल हैं. सोनल ने दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री गार्गी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की है.

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अभिनेत्री कुलराजा रंधावा

अभिनेत्री कुलराज रंधावा एक भारतीय अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम करती हैं. उनका जन्म 16 मई 1983 को देहरादून में हुआ था.

उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पंजाबी फिल्म ‘मन्नत’ से की थी. उन्होंने 2009 में फिल्म “चintu Ji” से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. कुलराज रंधावा को टीवी सीरियल “करीना करीना” में ‘करीना’ के किरदार के लिए जाना जाता है.

फ़िल्में: –  मन्नत (2006), तेरा मेरा की रिश्ता (2009), चintu Ji (2009), यमला पगला दीवाना (2011), चार दिन की चांदनी (2012), लकी कबूतर (2014), नीदी सिंह (2016), नौकर वहूटी दा (2019), लंदन कॉन्फिडेंशियल (2020), तू होवे मैं होवन (2023), अपने घर बेगाने (2024.

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साहित्यकार गोपाल चंद्र प्रहराज

गोपाल चंद्र प्रहराज एक प्रमुख उड़िया भाषा के साहित्यकार और भाषाविद् थे, जिनका जन्म 27 सितंबर 1874 को कटक में हुआ था और निधन 16 मई 1945 को हुआ था. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि उनका “पूर्णचंद ओड़िया भाषाकोश” है, जो एक विशाल शब्दकोश है और इसे लिखने में उन्होंने लगभग 25 वर्षों का समय लगाया था. इस शब्दकोश की सात खंडों में कुल 1,84,000 शब्द संग्रहीत हैं. प्रहराज ने इस शब्दकोश के लिए उड़ीसा के वनों, पहाड़ों और अन्य क्षेत्रों में घूम-घूम कर शब्दों का संग्रह किया था.

उन्होंने व्यंग्य साहित्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और सामाजिक विसंगतियों को उजागर करने के लिए अपनी रचनाओं का उपयोग किया. उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में ‘दुनिआर हालचाल’, ‘आम घरर हा​ (Sahitya Kalp)​​ हैं, जिनमें उन्होंने समाज की कुरीतियों पर प्रहार किया. उनकी लेखनी में साधारण भाषा का प्रयोग होता था, लेकिन उनके व्यंग्य अत्यंत तीक्ष्ण होते थे.

गोपाल चंद्र प्रहराज की रचनाएं उड़िया साहित्य में एक अनूठी जगह रखती हैं और उनका कार्य उड़िया भाषा और साहित्य के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है.​

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उद्योगपति रूसी मोदी

रूसी मोदी जिनका पूरा नाम होमूसजी मोदी था, एक प्रमुख भारतीय उद्योगपति थे, जो टाटा स्टील में उनके लंबे और उल्लेखनीय कार्यकाल के लिए प्रसिद्ध हैं. वे 1984 से 1993 तक टाटा स्टील के अध्यक्ष रहे.

रूसी मोदी का जन्म 17 जनवरी 1918 को हुआ था और उनकी मृत्यु 16 मई 2014 को कोलकाता में हुई थी. रूसी मोदी को उनकी उद्यमी क्षमताओं के लिए 1989 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

रूसी मोदी अपने करिश्माई व्यक्तित्व और कर्मचारियों के प्रति अपनी गहरी समझदारी के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने टाटा समूह में अपने समय के दौरान कंपनी के विकास और नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

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