
व्यक्ति विशेष -495.
तीसरे गुरु अमरदास
गुरु अमरदास जी सिख धर्म के तीसरे गुरु थे, जिन्होंने समाज सुधार और धार्मिक प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनका जन्म 5 अप्रैल 1479 को बसरका गाँव, अमृतसर में हुआ था. वे गुरु अंगद देव के शिष्य थे और उनकी सेवा में 11 वर्षों तक समर्पित रहे. 26 मार्च 1552 को उन्हें सिखों का तीसरा गुरु नियुक्त किया गया.
गुरु अमरदास जी ने गुरुगद्दी संभालने के बाद सिख धर्म के प्रचार और संगठन को नई दिशा दी. उन्होंने, गुरु नानक देव जी द्वारा शुरू की गई लंगर प्रथा को और अधिक व्यवस्थित और व्यापक बनाया. उन्होंने यह नियम अनिवार्य कर दिया कि गुरु के दर्शन के लिए आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पहले लंगर में भोजन करना होगा, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति का हो. इस प्रथा ने समाज में व्याप्त जातिवाद और भेदभाव को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समता के सिद्धांत को मजबूत किया.
सिख धर्म के संदेश को दूर-दूर तक पहुँचाने और संगत (धार्मिक सभा) को सुव्यवस्थित करने के लिए गुरु अमरदास जी ने ‘मंजी’ प्रणाली की स्थापना की. उन्होंने पूरे क्षेत्र को 22 मंजियों (धार्मिक क्षेत्रों) में विभाजित किया और प्रत्येक मंजी का प्रमुख एक समर्पित और योग्य सिख को नियुक्त किया, जिसे ‘मंजीदार’ कहा जाता था. ये मंजीदार अपने-अपने क्षेत्रों में सिख धर्म का प्रचार करते थे, संगत का आयोजन करते थे और गुरु को चढ़ावा पहुँचाते थे. इस प्रणाली ने सिख धर्म के संगठन को मजबूत किया और इसके विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
गुरु अमरदास जी ने सिखों के लिए बैसाखी और दीवाली के त्योहारों को सामूहिक रूप से मनाने की परंपरा शुरू की. उन्होंने सिखों को इन अवसरों पर गुरु दरबार में एकत्रित होने और धार्मिक चर्चाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. इससे सिख समुदाय के बीच एकता और भाईचारे की भावना मजबूत हुई.
गुरु अमरदास जी ने गोइंदवाल में एक पवित्र बावली (कुआँ) का निर्माण करवाया, जिसे बाउली साहिब के नाम से जाना जाता है. इस बावली में 84 सीढ़ियाँ हैं और यह माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भक्ति भाव से इन सीढ़ियों पर जप करते हुए उतरता है, उसे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है. बाउली साहिब सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान बन गया.
गुरु अमरदास जी ने अपने पूर्ववर्ती गुरुओं और अपनी वाणी को लिपिबद्ध करने का कार्य शुरू करवाया, जो बाद में गुरु अर्जुन देव जी द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब के संकलन का आधार बना. उनकी वाणी में आध्यात्मिक ज्ञान, भक्ति और नैतिक शिक्षाओं का समावेश है.
गुरु अमरदास जी का 1 सितंबर 1574 को निधन हुआ. उनके उत्तराधिकारी गुरु रामदास बने, जिन्होंने सिख धर्म को आगे बढ़ाया.
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पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह
ज्ञानी ज़ैल सिंह भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, जिन्होंने वर्ष 1982 – 87 तक इस पद पर कार्य किया. उनका जन्म 5 मई 1916 को फरीदकोट ज़िले (पंजाब) के संधवा नामक गांव में हुआ था और उनकी मृत्यु 25 दिसम्बर 1994 को हुई थी. उनका वास्तविक नाम जरनैल सिंह था. अंग्रेजों द्वारा कृपाण पर रोक लगाने के विरोध में ज़ैल सिंह को भी जेल जाना पड़ा था और उन्होंने अपना नाम जैल सिंह लिखवा दिया। जेल से छूटने के बाद उनका नाम ज़ैल सिंह प्रसिद्ध हो गया.
ज्ञानी ज़ैल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे और वे पहले सिख थे जो भारत के राष्ट्रपति बने. उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे कि ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख दंगे हुए थे. उन्हें उनकी सादगी और विनम्रता के लिए भी जाना जाता है.
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साहित्यकार आबिद सुरती
आबिद सुरती एक भारतीय लेखक, कलाकार, और कार्टूनिस्ट हैं. उनका जन्म 05 मई 1935 को हुआ था और वे मुंबई में पले-बढ़े. आबिद सुरती ने हिंदी और उर्दू में विभिन्न विधाओं में लेखन किया है, जिसमें कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और बाल साहित्य शामिल हैं. उनके कार्यों में गहरी भावनात्मक गहराई और सामाजिक जागरूकता का संयोजन देखने को मिलता है.
सुरती ने कई प्रमुख पुरस्कार जीते हैं और उनके द्वारा रचित ‘बहादुर’ जैसी कॉमिक श्रृंखलाएँ बहुत लोकप्रिय रही हैं. वे अपने व्यंग्य और हास्य के लिए भी जाने जाते हैं. सुरती ने अपने कलात्मक कौशल का उपयोग करते हुए कई किताबों के लिए चित्र भी बनाए हैं.
उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं में ‘मुसलमान’, ‘दस्तक’, और ‘टीस’ शामिल हैं. उनके लेखन में व्यक्तिगत अनुभवों और सामाजिक सरोकारों की झलक मिलती है, जो पाठकों के दिलों को छू जाती है.
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मेजर होशियार सिंह
मेजर होशियार सिंह एक भारतीय सैन्य अधिकारी थे जिन्हें भारतीय इतिहास में उनकी वीरता और साहस के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया है. उन्हें वर्ष1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान उनके असाधारण साहस और नेतृत्व के लिए भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
मेजर होशियार सिंह का जन्म 5 मई 1936 को हरियाणा के सिसाना गाँव में हुआ था. उन्होंने अपनी मिलिटरी ट्रेनिंग इंडियन मिलिटरी अकादमी से पूरी की और ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त किया. वर्ष 1962 के युद्ध में उन्होंने सिक्किम सेक्टर में सर्वोच्च वीरता और नेतृत्व का प्रदर्शन किया, जिसके लिए उन्हें परम वीर चक्र से नवाजा गया.
मेजर होशियार सिंह का निधन 6 दिसम्बर, 1998 को हुआ था. उनकी वीरता की कहानियाँ भारतीय सेना में आज भी प्रेरणादायक मानी जाती हैं, और उन्हें एक आदर्श सैन्य नेता के रूप में याद किया जाता है.
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अभिनेत्री राय लक्ष्मी
राय लक्ष्मी एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से तमिल, तेलुगु, और मलयालम फिल्म उद्योग में काम करती हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया है. उनका असली नाम लक्ष्मी राय है, लक्ष्मी राय का जन्म 05 मई 1989 को बेंगलुरु, कर्नाटक के राम राय और मंजुला राय के यहां हुआ था. लेकिन पेशेवर रूप से वह राय लक्ष्मी के नाम से जानी जाती हैं. उन्होंने वर्ष 2005 में तमिल फिल्म “करका कसादारा” से अपनी फिल्मी कैरियर की शुरुआत की थी और तब से वह कई हिट फिल्मों में नज़र आई हैं.
राय लक्ष्मी को उनके ग्लैमरस अवतार और शक्तिशाली अभिनय के लिए पहचाना जाता है. उन्होंने न केवल व्यावसायिक सिनेमा में बल्कि कुछ सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों में भी काम किया है, जिससे उनकी अभिनय क्षमता की गहराई का पता चलता है. उन्हें अपने विविध और चुनौतीपूर्ण रोल्स के लिए काफी सराहा गया है.
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राजनीतिज्ञ मनोहर लाल खट्टर
मनोहर लाल खट्टर एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर चुके हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और हरियाणा की राजनीति में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है.
मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई 1954 को हरियाणा के निंदाना गाँव में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा में ही प्राप्त की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली चले गए. खट्टर ने अपना राजनीतिक कैरियर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में एक प्रचारक के रूप में शुरू किया और धीरे-धीरे बीजेपी में उच्च पदों तक पहुँचे.
2014 में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित हुए और उसके बाद उन्होंने विकास और प्रशासनिक सुधारों पर काफी जोर दिया. उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं और नीतियां लागू की गईं, जिसमें कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल हैं.
मनोहर लाल खट्टर की राजनीतिक यात्रा में उनकी विनम्रता और कड़ी मेहनत की विशेषताएं प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं, और वे आज भी हरियाणा की राजनीति में एक सक्रिय और प्रभावशाली व्यक्ति हैं.
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निशानेबाज़ समरेश जंग
समरेश जंग एक भारतीय निशानेबाज हैं, जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट निशानेबाजी कौशल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. उन्हें खास तौर पर 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है, जहाँ उन्होंने पांच स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता था. इस प्रदर्शन के लिए उन्हें “गोल्डन जग” के उपनाम से भी जाना जाता है.
समरेश जंग का जन्म 5 मई 1970 को भारत में हुआ था. वे न केवल एक उत्कृष्ट निशानेबाज हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय निशानेबाजी को विकसित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनकी विशेषज्ञता मुख्य रूप से पिस्टल शूटिंग में है, और उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पदक जीते हैं.
समरेश जंग की सफलता ने भारत में निशानेबाजी के खेल को नई पहचान दी है और युवा निशानेबाजों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हैं. उनके द्वारा प्राप्त उपलब्धियां और निशानेबाजी के प्रति उनका समर्पण भारतीय खेलों में उनके योगदान को अमूल्य बनाता है.
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पहले वित्त मंत्री आर. के. शनमुखम चेट्टी
आर. के. शनमुखम चेट्टी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता और अर्थशास्त्री थे. उनका जन्म 17 अक्टूबर 1892 को हुआ था और उनका निधन 5 मई 1953 को हुआ था.
शनमुखम चेट्टी भारत के पहले वित्त मंत्री थे और उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण आर्थिक नीतियों का निर्माण किया. वे एक उच्च शिक्षित व्यक्ति थे और उन्होंने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी योग्यता और समर्पण ने उन्हें एक प्रसिद्ध और सम्मानित व्यक्तित्व बनाया.
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गणितज्ञ गोरख प्रसाद
गोरख प्रसाद एक प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे, जिन्होंने मुख्य रूप से वास्तविक संख्या सिद्धांत और गणितीय विश्लेषण में योगदान दिया था. उनका जन्म 28 मार्च 1896 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था और उनका निधन 5 मई 1961 को हुआ था.
गोरख प्रसाद ने अपनी शिक्षा भारत में पूरी की और बाद में वे प्रोफेसर और शोधकर्ता के रूप में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किए. उन्होंने भारत में गणित शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अनेक युवा गणितज्ञों को प्रेरित किया.
गोरख प्रसाद ने भारतीय गणितीय संस्थानों में गणित शिक्षा और शोध को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. वे विशेष रूप से प्रेरणादायी शिक्षक माने जाते थे और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई गणितज्ञों को प्रशिक्षित किया था. उनके काम ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गणितीय विचारों के विकास में मदद की.
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संगीतकार नौशाद अली
नौशाद अली भारतीय सिनेमा के एक संगीतकार थे, जिन्होंने हिंदी फिल्म संगीत को एक नई पहचान दी. उनका जन्म 25 दिसंबर, 1919 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था और उनका निधन 5 मई, 2006 को हुआ था.
नौशाद ने अपने कैरियर में कई महान फिल्मों के लिए संगीत दिया, जिनमें ‘मुगल-ए-आज़म’, ‘बैजू बावरा’, और ‘मदर इंडिया’ शामिल हैं. उनका संगीत शास्त्रीय भारतीय संगीत की परंपराओं पर आधारित था, और उन्होंने इसे फिल्मी संगीत के साथ सफलतापूर्वक मिलाया.
नौशाद के संगीत में उनकी गहरी समझ और शास्त्रीय संगीत के प्रति उनका प्रेम स्पष्ट रूप से झलकता था, जिसने उन्हें भारतीय संगीतकारों में एक विशेष स्थान दिलाया.
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प्रथम महिला न्यायाधीश लीला सेठ
लीला सेठ भारतीय न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं. वह भारतीय उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश थीं. उन्होंने वर्ष 1978 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में यह उपलब्धि हासिल की. लीला सेठ ने अपने न्यायिक कैरियर में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए और लिंग न्याय और समानता के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया.
लीला सेठ का जन्म 20 अक्टूबर 1930 को लखनऊ में हुआ था और उनकी मृत्यु 05 मई 2017 को हुआ. उनकी विद्वता और न्याय के प्रति समर्पण ने उन्हें न्यायिक समुदाय में विशेष स्थान दिलाया. लीला सेठ ने न केवल न्यायाधीश के रूप में अपने कार्य के लिए, बल्कि अपनी लेखनी के माध्यम से भी समाज में बदलाव लाने की कोशिश की. वे विक्रम सेठ, प्रसिद्ध लेखक की माँ भी थीं, जिन्होंने अपने लेखन में कई बार अपनी माँ की उपलब्धियों का उल्लेख किया है.