News

व्यक्ति विशेष – 485.

निज़ाम नसीर-उद-दौला

नसीर-उद-दौला का जन्म 25 अप्रैल 1794 को, बीदर में हुआ था और उनकी मृत्यु 16 मई 1857 को हुआ था. निज़ाम नसीर-उद-दौला हैदराबाद के असफ जाही वंश के सदस्य थे और इस वंश के तीसरे निज़ाम के रूप में उन्होंने सेवा की थी. उनका पूरा नाम मीर अकबर अली खान सिकंदर जाह था, और उन्होंने 1803 से 1829 तक हैदराबाद की शासन की थी. नसीर-उद-दौला अपने प्रशासनिक कौशल और विशेष रूप से शहरी विकास के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने हैदराबाद को एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उनका शासनकाल ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रभाव के तहत भी आया, जिसने उनके शासन की दिशा और नीतियों पर काफी प्रभाव डाला। नसीर-उद-दौला के काल में हैदराबाद ने कई भवनों और संरचनाओं का निर्माण किया जो आज भी शहर की धरोहर के रूप में संजोये गए हैं.

==========  =========  ===========

साहित्यकार चन्द्रबली पाण्डेय

चन्द्रबली पाण्डेय एक भारतीय साहित्यकार हैं. उनका जन्म 25 अप्रैल 1904 को नसीरुद्दीनपुर, आजमगढ़ ज़िला, उत्तर प्रदेश के एक साधारण परिवार सरयूपारीण ब्राह्मण के घर हुआ था. उनके पिता किसान थे. चन्द्रबली पाण्डेय हिन्दी साहित्य में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने विभिन्न विधाओं में काम किया है जिसमें कविता, निबंध, और आलोचना शामिल हैं. उनके कार्य अक्सर भारतीय समाज और इतिहास के प्रति गहरी समझ और जागरूकता को दर्शाते हैं. चन्द्रबली पाण्डेय ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है.

उनके लेखन में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक मिलती है, और वे अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में चेतना और नवजागरण की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं. उनकी रचनाएं अक्सर प्रेरणादायक होती हैं और लोगों को आत्म-चिंतन और समाज के प्रति जिम्मेदारी के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती हैं. चन्द्रबली पाण्डेय का 24 जनवरी 1958 को हुआ था.

==========  =========  ===========

राजनीतिज्ञ हेमवती नंदन बहुगुणा

हेमवती नंदन बहुगुणा एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे वर्ष 1973 – 75 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता था और उनकी राजनीतिक कैरियर कई उपलब्धियों से भरी पड़ी थी.

बहुगुणा का जन्म 25 अप्रैल 1919 को उत्तराखंड के एक गांव में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और धीरे-धीरे भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया. उन्होंने विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर काम किया, और उनके नेतृत्व में कई विकासात्मक परियोजनाएँ शुरू की गईं.

बहुगुणा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई दलों की सदस्यता ली, लेकिन मुख्य रूप से वे कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रहे. उनके राजनीतिक कैरियर में कई उतार-चढ़ाव आए, पर वे हमेशा एक प्रभावशाली और सम्मानित नेता के रूप में रहे.

हेमवती नंदन बहुगुणा का निधन 17 मार्च 1989 को हुआ था, लेकिन उनका योगदान भारतीय राजनीति में सदैव स्मरणीय रहेगा.

==========  =========  ===========

फ़ुटबॉल खिलाड़ी आई. एम. विजयन

आई. एम. विजयन जिनका पूरा नाम इन्नाचेरी मठथाई विजयन है, भारतीय फ़ुटबॉल के सबसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं. विजयन का जन्म 25 अप्रैल 1969 को केरल के त्रिशूर जिले में हुआ था और उन्होंने भारतीय फ़ुटबॉल में अपने अद्वितीय खेल कौशल और गोल करने की क्षमता के लिए विशेष पहचान बनाई.

विजयन ने अपने कैरियर की शुरुआत बहुत ही युवा उम्र में की और जल्दी ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया. वे भारतीय नेशनल टीम के लिए 1989 -2003 तक खेले और इस दौरान उन्होंने 40 से ज्यादा इंटरनेशनल मैचों में खेलते हुए कई अहम गोल किए. विजयन की गोल करने की क्षमता और खेल के प्रति उनकी समझ को बहुत सराहा गया.

उनका क्लब कैरियर भी काफी सफल रहा, जिसमें उन्होंने मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, और जेसीटी मिल्स जैसे प्रमुख क्लबों के लिए खेला. विजयन को खासतौर पर उनके शारीरिक बल और तकनीकी कौशल के लिए जाना जाता है, जिससे वे विपक्षी खिलाड़ियों को पराजित करने में सक्षम थे.

विजयन को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो भारतीय खेलों में उनकी महानता को दर्शाता है. आज भी उन्हें भारतीय फुटबॉल के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है.

==========  =========  ===========

निर्देशक करण राजदान

करण राजदान एक भारतीय फिल्म निर्देशक, लेखक और अभिनेता हैं जिन्होंने बॉलीवुड में कई भूमिकाएं निभाई हैं. वह अधिकतर अपने निर्देशन के लिए जाने जाते हैं, जिसमें उन्होंने कई प्रकार की फिल्में बनाई हैं. उनका जन्म 25 अप्रैल 1961 को हुआ था. राजदान की फिल्मों में आमतौर पर सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, और वह अक्सर ऐसे विषयों का चयन करते हैं जो भारतीय समाज में चर्चा और विचार-विमर्श को प्रेरित करते हैं.

उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में “हवस” (2004), “उमर” (2006), और “मिट्टी” (2001) शामिल हैं. इन फिल्मों में, राजदान ने विवादास्पद और जटिल विषयों को छूने की कोशिश की है, जैसे कि व्यक्तिगत संबंधों और सामाजिक तब्बू. उनके काम में दिखाई देने वाली गहराई और यथार्थवाद उन्हें अपने दर्शकों के साथ एक मजबूत संवाद स्थापित करने में मदद करती है.

करण राजदान की फिल्में उनके दृष्टिकोण और संवेदनशीलता का प्रतिबिंब होती हैं, जो उन्हें बॉलीवुड में एक विशेष स्थान प्रदान करती हैं.

==========  =========  ===========

शास्त्रीय गायक बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ

बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक प्रतिष्ठित गायक थे, जिन्हें खासतौर पर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के ख़याल और ठुमरी शैलियों में उनके अद्वितीय योगदान के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 2 अप्रैल 1902 को पंजाब के लाहौर में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब पाकिस्तान में है.

बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ को उनकी गायकी की गहराई और भावपूर्ण शैली के लिए सराहा जाता था. उन्होंने अपने संगीत में बेहद सूक्ष्म और जटिल रागदारियों का उपयोग किया, जिससे उनकी प्रस्तुतियाँ अत्यधिक आकर्षक और मोहक बन जाती थीं. उनकी आवाज़ में एक खास तरह की गर्मी और मिठास थी, जो श्रोताओं को गहराई से प्रभावित करती थी.

उनके कैरियर में कई उल्लेखनीय प्रस्तुतियाँ रहीं, और वे न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध थे. उन्होंने संगीत के कई महान गुरुओं के साथ काम किया और उन्हें खासतौर पर पटियाला घराने का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है.

बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ ने अपनी संगीतमय विरासत को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाया, और उनके शिष्यों ने भी संगीत की दुनिया में उनकी शैली को जारी रखा. उनकी मृत्यु 25 अप्रैल 1968 को हुई, लेकिन उनका संगीत आज भी उनके प्रशंसकों और शास्त्रीय संगीत के जानकारों द्वारा संजोया जाता है.

==========  =========  ===========

क्रांतिकारी उज्ज्वला मजूमदार

उज्ज्वला मजूमदार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक क्रांतिकारी नेता थीं, जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए विशेष पहचान बनाई. उन्होंने विशेष रूप से महिला क्रांतिकारियों की एक महत्वपूर्ण पीढ़ी का नेतृत्व किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को मजबूती प्रदान की. उनका जन्म 21 नवंबर 1914 को ढाका, बांग्ला देश में हुआ था और उनका निधन 25 अप्रैल 1992 को हुआ. 

उज्ज्वला मजूमदार की जीवनी और कार्य सार्वजनिक रूप से उतने प्रसिद्ध नहीं हैं जितने कि कुछ अन्य क्रांतिकारी नेताओं के हैं, लेकिन उनका योगदान निश्चित रूप से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में महत्वपूर्ण है. उनकी गतिविधियां और विद्रोही कार्यक्रम उस समय के राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को प्रतिबिंबित करते हैं.

==========  =========  ===========

शास्त्रीय गायक राजन मिश्रा

राजन मिश्रा भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक थे, जो बनारस घराने से संबंधित थे. उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने 2021 में अपनी मृत्यु तक भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपना गहरा योगदान दिया. राजन मिश्रा अपने भाई, साजन मिश्रा के साथ मिलकर गाते थे और दोनों भाइयों की जोड़ी बहुत प्रसिद्ध थी. उनकी गायन शैली में ख्याल और भजन शामिल हैं, जिसमें उन्होंने गहराई और भावनात्मकता के साथ रागों को विकसित किया.

राजन मिश्रा ने अपने संगीत के माध्यम से कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुतियाँ दीं और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण भी शामिल है. उनके संगीत में उनकी गहरी साधना और बनारस घराने की परंपरा की झलक मिलती है. उनकी कला आज भी उनके श्रोताओं और छात्रों के द्वारा संजोई जाती है और उनके संगीत की गहराई नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती रहेगी.

:

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button