आश्विन महीने की शुरुआत होते ही नवरात्रि की चर्चा और तैयारी शुरू हो जाती है. वैदिक साहित्य में भी नौ रात्रियों का सुंदर वर्णन किया गया है. नवरात्रि का संधि होता है, नव + रात्रि . जिसमें नव का अर्थ होता है नया और रात्रि का अर्थ है अंधकार. अंधकार से प्रकाश में लाने की क्रिया को ही जागरण कहा जाता है. जागरण का अभिप्राय यह है कि जो मानव जागरूक रहता है उसके यहां रात्रि कोई वस्तु नहीं होती है. रात्रि तो उनके लिये होती हैं जो जागरूक नहीं रहते हैं.
संकलन: – ज्ञानसागरटाइम्स टीम
Video Link: – https://youtu.be/zIVwj1eQpjg