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मेट्रो का तोहफा…

राजधानी पटना को आखिरकार बहुप्रतीक्षित मेट्रो रेल परियोजना का तोहफा मिल गया है, जो शहर के शहरी परिदृश्य और आवागमन के तरीके को हमेशा के लिए बदलने का वादा करता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दशकों पुराने सपने के रूप में देखी जाने वाली यह परियोजना न केवल यातायात की भीड़ से राहत देगी, बल्कि पटना को देश के आधुनिक मेट्रो शहरों की लीग में भी शामिल कर देगी.

पटना मेट्रो परियोजना का उद्घाटन इसकी ब्लू लाइन (कॉरिडोर-2) के प्राथमिकता वाले खंड के साथ हुआ है. मेट्रो रेल का परिचालन फिलहाल इंटर-स्टेट बस टर्मिनल (ISBT), जीरो माइल और भूतनाथ स्टेशन के बीच लगभग 4.3 किलोमीटर के एलिवेटेड (ऊपरगामी) मार्ग पर शुरू हुआ है.आम जनता के लिए मेट्रो सेवा 7 अक्टूबर से शुरू हो गई है.मेट्रो रोज़ाना सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी. शुरुआती चरण में ट्रेनें हर 20 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होंगी.न्यूनतम किराया ₹15 (एक स्टेशन के लिए) और अधिकतम किराया ₹30 निर्धारित किया गया है.

पटना मेट्रो को केवल एक परिवहन माध्यम के रूप में नहीं, बल्कि बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में भी डिज़ाइन किया गया है.मेट्रो के कोचों को बिहार की विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग से प्रेरित डिज़ाइनों से सजाया गया है, जो राज्य की कला और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं. प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच हैं, जिनमें लगभग 138 यात्री बैठ सकते हैं और 945 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं, यानी लगभग 1080 यात्री एक यात्रा में सफर कर सकते हैं.

यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर कोच में 360° CCTV कैमरे, इमरजेंसी बटन, और ड्राइवर से सीधे संपर्क के लिए माइक्रोफोन लगाए गए हैं. साथ ही, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट तथा महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित सीटें भी उपलब्ध हैं.मेट्रो स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ियाँ (एस्केलेटर), लिफ्ट, टिकट वेंडिंग मशीनें और सुरक्षा के लिए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ प्रदान की गई हैं.

बताते चलें कि, पटना मेट्रो एक लंबी अवधि की योजना है, जिसे कई चरणों में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के पहले चरण में दो कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं.

रेड लाइन (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर): – दानापुर कैंट से खेमनीचक तक (लगभग 16.86 किलोमीटर)

ब्लू लाइन (नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर): – पटना जंक्शन से न्यू आईएसबीटी तक (लगभग 14.5 किलोमीटर).

दोनों कॉरिडोर में मिलाकर कुल 24 स्टेशन (12 ब्लू लाइन पर और 12 रेड लाइन पर) बनाए जाने हैं, जिनमें कई भूमिगत होंगे. इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत ₹13,365.77 करोड़ (भूमि अधिग्रहण लागत को छोड़कर) से अधिक है, जिसे केंद्र सरकार, बिहार सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के ऋण से वित्तपोषित किया जा रहा है.

पटना मेट्रो का शुभारंभ बिहार की राजधानी के लिए विकास और आधुनिकता के एक नए युग की शुरुआत है. यह न केवल लोगों के यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि शहर के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा. अब पटना भी देश के उन गिने-चुने शहरों में शामिल हो गया है, जहाँ के निवासियों को विश्वस्तरीय मेट्रो परिवहन की सुविधा प्राप्त है.

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