विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह की स्मृति में मनाया जाता है. यह पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. विवाह पंचमी विशेष रूप से उत्तर भारत, नेपाल और मिथिला क्षेत्र में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है.
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह जनकपुर (मिथिला) में संपन्न हुआ था. राजा जनक ने अपनी कन्या सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था. भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़कर स्वयंवर की शर्त पूरी की और सीता से विवाह किया. इस पावन दिन को भगवान राम और माता सीता के दिव्य मिलन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.
नेपाल के जनकपुर में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसे मिथिला क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. इस दिन राम-सीता विवाह की झांकियां और शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. विवाह पंचमी का मुख्य संदेश है धर्म, कर्तव्य और आदर्शों पर आधारित दांपत्य जीवन. यह पर्व पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को मजबूत करने और समर्पण, प्रेम, और विश्वास की महत्ता को दर्शाता है.
, संकलन: – वाल व्यास सुमन और निर्मल (अयोध्या धाम)
Video Link: – https://youtu.be/1kaNmSTviMc