श्रावण का महीना चल रहा है और इस महीने में सम्पूर्ण भारतवर्ष में भगवान् भोलेनाथ , औघड़नाथ, भोले भंडारी की पूजा -आराधना बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को पुरे भारतवर्ष में नाग पंचमी का पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है वहीं, अयोध्या में नाग पंचमी से झूलोत्सव की भी शुरुआत हो चुकी है.
श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी से शुरू होकर पूर्णिमा को झूलोत्सव समाप्त हो जाता है. इस अवसर पर भगवान् के विग्रह को झूला झुलाते हुए कजरी गाया जाता है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, संजीवनी बूटी लाते समय भगवान हनुमान से गिरा यह पर्वत अयोध्या में स्थित है, और यही मणि पर्वत कहलाता है. यहीं पर हर वर्ष झूलोत्सव के अवसर पर भगवान श्रीराम और माता सीता को स्वर्ण व रजत झूले में झुलाया जाता है.
झूलोत्सव के अवसर पर मंदिरों से पालकियों में सीताराम के विग्रह मणि पर्वत तक गाजे-बाजे के साथ लाए जाते हैं और शाम को मंदिरों में वापस ले जाकर झूले पर विराजमान किया जाता है. झूलोत्सव का पर्व पारिवारिक मेल-जोल, आस्था की अभिव्यक्ति और भारतीय संस्कृति के रंगों को जीवंत करने का एक माध्यम है.
संकलन : – ज्ञानसागरटाइम्स टीम.
Video Link: – https://youtu.be/udtnmiGnbUQ