राजकुमारी अमृत कौर…
स्वतंत्रता सेनानी राजकुमारी अमृत कौर, जिनका जन्म 2 फ़रवरी, 1889 में हुआ था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख उद्यमियों में से एक थीं. उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सक्रिय हिस्सा लिया और अपने संघर्षों में बहुत ही साहसी और समर्पित धैर्य दिखाया.
अमृत कौर ने कांग्रेस से जुड़कर स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख महात्मा गांधी के नेतृत्व में भाग लिया और उनके साथ असहमति के बावजूद उनके आलोचकों को समझाने का काम किया. वे नॉन-कोपरेशन और सत्याग्रह आंदोलनों में भी भाग लिया और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बार कैद में रहकर अपने संघर्ष को जारी रखा.
अमृत कौर का योगदान स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है. अमृत कौर बाल विवाह और महिलाओं की अशिक्षा को दूर करने पर निरंतर ज़ोर देती रही थीं. उन्होंने विवाह नहीं किया था.
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मोटूरि सत्यनारायण
मोटूरि सत्यनारायण, जिनका जन्म 2 फ़रवरी, 1902 को आंध्र प्रदेश में कृष्णा ज़िले के दोण्डपाडू नामक गांव में हुआ था और मृत्यु 6 मार्च, 1995 को हुई, एक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उद्यमी और स्वतंत्रता सेनानी थे. वे आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के एक छोटे से गांव मोटूरि के निवासी थे.
मोटूरि सत्यनारायण ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भाग लिया और स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्थन दिया. उन्होंने नमक सत्याग्रह, खिलाफत आंदोलन, और विभाजन नहीं आंदोलन जैसे गांधीजी के आंदोलनों में भाग लिया और जेल जाने का भी अनुभव किया.
मोटूरि सत्यनारायण का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है, और उन्होंने अपने जीवन को स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित किया। उनकी साहसिकता और प्रतिबद्धता को सलामी दी जाती है, और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सफलता में अपना योगदान दिया.
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मोहिंदर सिंह रंधावा
मोहिंदर सिंह रंधावा एक प्रमुख भारतीय सिआसी नेता और किसान आंदोलन के प्रमुख आवाज़ थे. उनका जन्म 2 फ़रवरी, 1909 को हुआ था. मोहिंदर सिंह रंधावा का पूरा नाम “मोहिंदर सिंह रंधावा” है और वे पंजाब के मानसा जिले के मांसा शहर के गांव मोटा बाबरिया में पैदा हुए थे.
मोहिंदर सिंह रंधावा का नाम खासकर उनके भूमिहीन किसानों के लिए पंजाब के किसान आंदोलन के साथ जुड़ा है. उन्होंने अपनी भूमिहीन किसानों की मुद्दों को सामाजिक और सिआसी मंचों पर उठाया और उनकी आवाज़ को नेतृत्व किया. वे पंजाब किसान संगठन “भरतीय किसान यूनियन (एक्सटेंडेड)” के प्रमुख रूप से प्रसिद्ध हुए थे.
मोहिंदर सिंह रंधावा ने किसानों के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए कई आंदोलन और प्रदर्शन का आयोजन किया और उन्होंने उनकी मांगों के लिए जूझने का संकल्प दिखाया.
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खुशवंत सिंह
खुशवंत सिंह एक प्रमुख भारतीय लेखक, पत्रकार, और साहित्यिक थे. उनका जन्म 2 फरवरी 1915 को हुआ था और मृत्यु 20 मार्च 2014 को हुई. वे भारतीय साहित्य के विशेषज्ञ और एक प्रसिद्ध कॉलमनिस्ट भी थे.
खुशवंत सिंह की लिखी गई कई पुस्तकें हैं, जिनमें “त्वरित अन्धाधुंध” (Train to Pakistan) और “खुशवंत सिंह का हिन्दुस्तान” (The Company of Women) आदि शामिल हैं. उनकी लेखनी विविध विषयों पर आधारित थी, जैसे कि समाज, राजनीति, साहित्य, और धर्म.
खुशवंत सिंह का लेखन उनकी व्यक्तिगत शैली और उनके विचारों की अल्पकालिक व्यापकता के लिए प्रसिद्ध था. उन्होंने अपने काम के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए और उन्हें भारतीय साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में मान्यता गई.
खुशवंत सिंह के लेखन और विचारों का महत्वपूर्ण स्थान है भारतीय साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में और उन्हें भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण लेखकों में से एक के रूप में याद किया जाता है.
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अभिनेत्री शमिता शेट्टी
शमिता शेट्टी एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। उनका जन्म 2 फ़रवरी 1979 को मंगलोर, कर्नाटक में हुआ था.
शमिता शेट्टी ने बॉलीवुड में अपने कैरियर की शुरुआत यशराज फिल्म्स की फिल्म मोहब्बतें से की थीं. उन्हें इस फिल्म के आइफा बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
अन्य हिंदी फ़िल्में: – मेरे यार की शादी है , ज़हर और फरेब.
शमिता शेट्टी के अलावा, उन्होंने भारतीय टेलीविजन के रियलिटी शो “बिग बॉस 3” में भी प्रतिभाग किया था, जिसमें वे एक प्रमुख प्रतियोगी रहीं. बॉलीवुड की एक महत्वपूर्ण और प्रमुख अभिनेत्री के रूप में जानी जाती हैं.
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आचार्य चतुरसेन शास्त्री
आचार्य चतुरसेन शास्त्री एक प्रमुख हिंदी उपन्यासकार थे। उनका जन्म 26 अगस्त, 1891 को चांदोख ज़िला बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश में हुआ था हुआ था और उनकी मृत्यु 2 फ़रवरी, 1960 को हुई थी.
आचार्य चतुरसेन शास्त्री ने अपने जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण हिंदी उपन्यास लिखे, जिनमें वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षाम, सोमनाथ, मन्दिर की नर्तकी, रक्त की प्यास शामिल हैं. उनके उपन्यास धार्मिक और ऐतिहासिक विषयों पर आधारित थे और वे अपने लेखन में विशेष रूप से भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति अपनी गहरी रुचि को प्रकट करते थे.
आचार्य चतुरसेन शास्त्री के उपन्यास भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उन्होंने हिंदी भाषा को एक नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया. उनके काम को हिंदी साहित्य के अनमोल रत्नों में से एक के रूप में माना जाता है.
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अभिनेता विजय अरोड़ा
विजय अरोड़ा 70-80 के दशक के चॉकलेटी बॉय के नाम से जाने जाते थे. उनका जन्म 27 दिसंबर 1944 को अमृतसर में हुआ था और उनकी मृत्यु 2 फरवरी 2007 को मुंबई में हुई थी. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म यादों की बारात से अपना डेब्यू किया था.
फ़िल्में : –
राखी और हथकड़ी, सबसे बड़ा सुख, फागुन, इंसाफ, कादंबरी, ‘रोटी‘, ‘सरगम‘, ‘बड़े दिलवाला‘, ‘जीना तेरे नाम‘ और ‘इंडियन बाबू‘ .
विजय अरोड़ा की जितनी लोकप्रियता बड़े पर्दे पर थी उससे कहीं ज्यादा लोकप्रियता छोटे पर्दे पर मिली. विजय अरोड़ा ने 1987 में प्रसारित हुए टीवी शो रामायण में उन्होंने मेघनाद का किरदार निभाया और भारतीय घरों में ‘मेघनाथ’ के नाम से मशहूर हो गये.