बालकृष्ण शिवराम मुंजे
बालकृष्ण शिवराम मुंजे, जिन्हें डॉ. बी. एस. मुंजे भी कहा जाता है, भारतीय इतिहास में एक जटिल व्यक्तित्व हैं. वे मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मेंटर के रूप में जाने जाते हैं और हिन्दु महासभा के प्रमुख सदस्य थे. उनकी गिनती स्वतंत्रता सेनानी के रूप में नहीं होती है, बल्कि वे एक राजनीतिक और सामाजिक विचारक के रूप में अधिक प्रसिद्ध हैं.
बालकृष्ण शिवराम मुंजे का जन्म 12 दिसंबर 1872 को मध्य प्रान्त (वर्तमान में छत्तीसगढ़) के बिलासपुर में हुआ था. उन्होंने वर्ष 1898 में मुम्बई में ग्रांट मेडिकल कॉलेज से मेडिकल डिग्री ली. फिर मुम्बई नगर निगम में चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम करने लगे. गांधीजी से मतभेद होने के कारण डॉ. मुंजे कांग्रेस से अलग हो गए और उनकी गिनती हिन्दू महासभा के तेजस्वी नेताओं में होने लगी. वर्ष 1930 – 31 के गोलमेज सम्मेलनों में वे हिन्दू महासभा के प्रतिनिधि के रूप में गए थे जबकि गांधीजी केवल वर्ष 1931 के गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में गए थे.
मुंजे एक शिक्षाविद और चिकित्सक थे और उन्होंने जापान और अन्य देशों की यात्राएं कीं, जहाँ उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण और राष्ट्रवादी शिक्षा प्रणालियों का अध्ययन किया. उनके विचारों ने बाद में RSS की स्थापना और इसके संगठनात्मक ढांचे पर गहरा प्रभाव डाला. मुंजे ने भारतीय युवाओं में सैन्य अनुशासन और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थी संघ और अन्य संगठनों की स्थापना की. उन्होंने भारतीय राजनीति और समाज में गहरे विचारों को प्रेरित किया.
बालकृष्ण शिवराम मुंजे का निधन 3 मार्च, 1948 को हुआ था. हालांकि, उनका योगदान और उनकी विचारधारा विवादास्पद रही है, और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सम्मेलनीय स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में नहीं आते. उनका जीवन और काम भारतीय इतिहास में विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से देखा जाता है.
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राजनीतिज्ञ शरद पवार
शरद पवार भारत के प्रमुख राजनीतिज्ञों में से एक हैं और महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम स्थान रखते हैं. उनका जन्म 12 दिसंबर 1940 को महाराष्ट्र के बारामती में हुआ था. वे राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party – NCP) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जो वर्ष 1999 में कांग्रेस पार्टी से अलग होकर बनाई गई थी.
शरद पवार ने पुणे के बृहन् महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ाई की. उनका झुकाव युवावस्था से ही राजनीति की ओर था. शरद पवार तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे (वर्ष 1978–80, वर्ष 1988–91, वर्ष 1993-95). वे केंद्र सरकार में कृषि मंत्री (वर्ष 2004–2014) और रक्षा मंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने वर्ष 1999 में एनसीपी की स्थापना की. पार्टी का मुख्य आधार महाराष्ट्र है, लेकिन इसका प्रभाव अन्य राज्यों में भी है.
शरद पवार के कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र में कई सुधार किए गए. उन्हें किसानों के नेता के रूप में जाना जाता है. शरद पवार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. शरद पवार को भारतीय राजनीति में एक चतुर रणनीतिकार के रूप में देखा जाता है. उनकी छवि एक अनुभवी, व्यावहारिक और दूरदर्शी नेता की है. वे विभिन्न दलों और विचारधाराओं के साथ काम करने में माहिर हैं, जिसे भारतीय राजनीति में एक दुर्लभ गुण माना जाता है.
शरद पवार की पत्नी का नाम प्रतिभा पवार है. उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं और वर्तमान में सांसद हैं. शरद पवार को वर्ष 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.
शरद पवार अक्सर महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हैं. एनसीपी के भीतर और बाहर के राजनीतिक घटनाक्रमों में उनकी भूमिका चर्चा का विषय रहती है. वे अपने अनुभव और नेतृत्व कौशल के कारण भारत के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं.
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अभिनेता रजनीकांत
रजनीकांत भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक हैं और उनकी लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर में फैली हुई है. वे तमिल फिल्म उद्योग के प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन उन्होंने कई भाषाओं में फिल्मों में काम किया है.
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950, बैंगलोर, कर्नाटक में हुआ था. उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था. रजनीकांत एक मराठी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ बैंगलोर पुलिस में कांस्टेबल थे. रजनीकांत पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बैंगलोर परिवहन सेवा में बस कंडक्टर के रूप में काम किया. अभिनय में रुचि होने के कारण उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट (अब चेन्नई) से एक्टिंग का प्रशिक्षण लिया.
रजनीकांत ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1975 में तमिल फिल्म “अपूर्व रागंगल” से की, जिसका निर्देशन के. बालाचंदर ने किया था. शुरुआत में उन्होंने सहायक और खलनायक की भूमिकाएं निभाईं, लेकिन उनकी प्रतिभा और करिश्माई स्क्रीन उपस्थिति ने उन्हें मुख्य अभिनेता बना दिया. रजनीकांत को तमिल सिनेमा में ‘सुपरस्टार’ का खिताब मिला. उनकी अनोखी संवाद अदायगी, स्टाइलिश अंदाज और एक्शन दृश्यों ने उन्हें आम जनता का प्रिय बना दिया. उनकी फिल्में न केवल तमिलनाडु में, बल्कि पूरे भारत और विदेशों में बड़े स्तर पर देखी जाती हैं.
फिल्में: – बाशा, एंथिरन (रोबोट), काला, कबाली, शिवाजी, पेट्टा, और जेलर जैसी फिल्में.
रजनीकांत के स्टाइलिश अंदाज और उनकी फिल्मों में उनके एंट्री दृश्यों को लेकर फैंस में जबरदस्त उत्साह होता है. उन्होंने एक्शन, ड्रामा, कॉमेडी और रोमांस सभी शैलियों में काम किया है. उनकी फिल्में हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और अन्य भाषाओं में डब होती हैं रजनीकांत ने वर्ष 2020 में अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की, लेकिन बाद में स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय भूमिका से पीछे हट गए. उनका समाज के प्रति योगदान और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता उन्हें एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बनाती है.
रजनीकांत की फिल्मों को कई बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. रजनीकांत को वर्ष 2000 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित और वर्ष 2016 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था. रजनीकांत को भारतीय सिनेमा में उनके असाधारण योगदान के लिए वर्ष 2021 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किया गया.
रजनीकांत ने लता रंगाचारी से 26 फरवरी 1981 को तिरुपति, आंध्र प्रदेश में विवाह किया था. लता रजनीकांत जो एक गायिका और फिल्म निर्माता हैं. उनकी दो बेटियां हैं ऐश्वर्या और सौंदर्या. ऐश्वर्या का विवाह अभिनेता धनुष से हुआ था. रजनीकांत केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक पॉप संस्कृति का हिस्सा हैं, जो पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं.
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अभिनेत्री प्राची शाह पंड्या
प्राची शाह पंड्या एक बहुमुखी भारतीय अभिनेत्री और कुशल कत्थक नृत्यांगना हैं. उन्होंने हिंदी टेलीविजन और फिल्मों में अपनी पहचान बनाई है. उनकी कला के प्रति समर्पण और सहज अभिनय क्षमता ने उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाया है.
प्राची शाह का जन्म 12 दिसंबर 1979 को मुंबई के एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था. उन्हें बचपन से ही नृत्य और कला में रुचि थी. उन्होंने कत्थक नृत्य में विशारद (उच्च शिक्षा) प्राप्त की. प्राची शाह ने कई लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों में काम किया है, जिनमें उन्होंने विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाई हैं.
प्रमुख शो: – क्योंकि सास भी कभी बहू थी (तुलसी की दोस्त ‘पायल’), कसम से, एक श्रृंगार-स्वाभिमान, पिया बसंती रे. उनकी भूमिकाएँ अक्सर संवेदनशील और परिवार-केंद्रित चरित्रों की होती हैं, जो दर्शकों से गहरा जुड़ाव बनाती हैं.
प्राची शाह ने बॉलीवुड में भी महत्वपूर्ण किरदार निभाए हैं. उनकी प्रमुख फिल्मों में –
प्रमुख फिल्में: – इसक, अनेक, मुल्क, रंग रसिया, जय हो.
प्राची शाह पंड्या एक प्रशिक्षित कत्थक नृत्यांगना हैं और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रस्तुतियाँ दी हैं. वे सबसे लंबे कत्थक नृत्य प्रदर्शन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं. प्राची शाह ने जाने-माने वकील विशवास पंड्या से शादी की है. उनका परिवार कला और संस्कृति के करीब है, और वे अपने व्यस्त शेड्यूल के बावजूद अपने परिवार के साथ संतुलन बनाए रखती हैं.
प्राची शाह को उनके अभिनय और नृत्य के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं. उनके कत्थक योगदान को कला जगत में बेहद सराहा गया है. प्राची शाह ने अपने अभिनय और नृत्य के बीच बेहतरीन संतुलन बनाया है. उनके काम में भारतीय परंपरा और संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है. प्राची शाह की बहुमुखी प्रतिभा और भारतीय कला के प्रति समर्पण उन्हें अन्य अभिनेत्रियों से अलग बनाता है.
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अभिनेत्री सिमरन नाटेकर
सिमरन नाटेकर एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से टेलीविज़न और फिल्मों में अपने काम के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी और विज्ञापनों और टीवी धारावाहिकों में अपनी पहचान बनाई. सिमरन ने कई लोकप्रिय धारावाहिकों और फिल्मों में काम किया है.
सिमरन नाटेकर का जन्म 12 दिसम्बर 2002 को सूरत, गुजरात में हुआ था. उन्होंने वर्ष 2014 में बॉलीवुड फिल्म दावत-ए-इश्क में भी अभिनय किया. वर्ष 2017 की रिलीज़ में विपुल मेहता द्वारा निर्देशित गुजराती फिल्म बेस्ट ऑफ लक लालू शामिल है.
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कवि मैथलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि थे. उन्हें “दद्दा” के नाम से भी जाना जाता है. वे हिंदी खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि माने जाते हैं. उनके काव्य में भारतीय संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीयता की भावना प्रमुखता से झलकती है.
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 चिरगाँव (झाँसी, उत्तर प्रदेश) के संभ्रांत वैश्य परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम ‘सेठ रामचरण’ और माता का नाम काशीबाई’ था. गुप्त के पिता रामचरण एक निष्ठावान् प्रसिद्ध राम भक्त थे साथ ही ‘कनकलता’ उप नाम से कविता किया करते थे. मैथिलीशरण गुप्त को कवित्व प्रतिभा और राम भक्ति पैतृक मिली थी.गुप्त बाल्यकाल में ही काव्य रचना करने लगे थी. एक दिन उनके पिता ने गुप्त के लिखे एक छंद को पढ़कर आशीर्वाद दिया कि “तू आगे चलकर हमसे हज़ार गुनी अच्छी कविता करेगा” और यह आशीर्वाद अक्षरशः सत्य हुआ.
मैथिलीशरण गुप्त स्वभाव से ही लोकसंग्रही कवि थे साथ ही अपने युग की समस्याओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहते थे. गुप्त का सम्पर्क महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू और विनोबा भावे से होने के बाद वो गांधीवाद के व्यावहारिक पक्ष और सुधारवादी आंदोलनों के समर्थक भी बने. महात्मा गांधी ने गुप्त को मैथिली काव्य–मान ग्रन्थ भेंट करते हुए राष्ट्रकवि का सम्बोधन दिया था. बताते चलें कि,गुप्तजी की काव्य–कला में निखार आया और उनकी रचनाएँ ‘सरस्वती’ में निरन्तर प्रकाशित होती रहीं. उनका पहला काव्य वर्ष 1909 में जयद्रथ-वध आया .
मैथिलीशरण गुप्त ने 59 वर्षों तक साहित्य साधना की. इस दौरान उन्होंने इस दौरान हिंदी में करीब 74 रचनाएँ प्रदान की, जिनमें दो महाकाव्य, 20 खंड काव्य, 17 गीतिकाव्य, चार नाटक और गीतिनाट्य शामिल हैं.
प्रमुख रचनाएँ: –
साकेत – रामायण पर आधारित एक महाकाव्य है, जिसमें उर्मिला की दृष्टि से रामकथा का वर्णन है.
यशोधरा – यह काव्य महात्मा बुद्ध की पत्नी यशोधरा की पीड़ा को अभिव्यक्त करता है.
जयद्रथ वध – महाभारत की कथा पर आधारित है.
पंचवटी – रामायण के एक अंश पर आधारित काव्य है.
भारत-भारती – इसमें देशभक्ति की भावना का प्रबल स्वरूप देखने को मिलता है.
मैथिलीशरण गुप्त को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए कई सम्मानों से नवाजा गया. वे भारतीय साहित्य और संस्कृति के प्रति अपनी गहरी निष्ठा के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे.