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व्यक्ति विशेष

भाग – 329.

नायक यदुनाथ सिंह

यदुनाथ सिंह भारतीय सेना के एक वीर जवान थे, जिन्हें उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र, भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान, से नवाजा गया. वह 13वीं राजपूताना राइफल्स के एक बहादुर सैनिक थे. यदुनाथ सिंह का जन्म 21 नवम्बर 1916 को शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश) के गाँव खजूरी में हुआ था. इनके पिता बीरबल सिंह एक किसान थे. यदुनाथ सिंह बचपन से ही देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक माने जाते थे.

यदुनाथ सिंह ने 6 फरवरी 1948 को जम्मू-कश्मीर में नौशेरा के युद्ध में अद्वितीय बहादुरी दिखाई. पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों ने नौशेरा पर हमला किया, और लेफ्टिनेंट यदुनाथ सिंह की कंपनी को उस हमले को रोकने की जिम्मेदारी दी गई. उनकी कंपनी के अधिकांश सैनिक शहीद हो चुके थे, लेकिन यदुनाथ सिंह ने अकेले ही मोर्चा संभालते हुए दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया. दुश्मन की भारी गोलीबारी के बावजूद, उन्होंने न केवल पोस्ट की रक्षा की बल्कि दुश्मन के हमले को विफल भी कर दिया. इस वीरता के दौरान, उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी.

उनकी अदम्य साहस और बलिदान के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें मरणोपरांत प्रदान किया गया, और उनकी वीरता को आज भी भारतीय सेना और देशवासियों द्वारा सलाम किया जाता है. यदुनाथ सिंह की कहानी न केवल देशभक्ति का उदाहरण है, बल्कि हर भारतीय को प्रेरणा देती है. उनके बलिदान को इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा.

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अभिनेता प्रेम नाथ

प्रेम नाथ भारतीय सिनेमा के एक जाने-माने अभिनेता थे, जिन्होंने हिंदी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय और करिश्माई व्यक्तित्व से खास पहचान बनाई. उनका फिल्मी कैरियर पांच दशकों तक फैला और उन्होंने मुख्य भूमिकाओं के साथ-साथ खलनायक के रूप में भी दर्शकों का दिल जीता.

प्रेम नाथ का जन्म 21 नवंबर 1926 को पेशावर (अब पाकिस्तान में) के घंटाघर के पास करीमपुरा इलाके में हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार जबलपुर चला आया और उसके बाद वह बंबई चले गए. उनका निधन 3 नवंबर 1992 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था.

प्रेम नाथ कपूर परिवार से संबंधित थे. मशहूर अभिनेता राज कपूर और शशि कपूर उनके करीबी रिश्तेदार थे. प्रेम नाथ ने वर्ष 1947 में आई फिल्म ‘अजित’ से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की. उनका कैरियर कई दशकों तक चला, और उन्होंने वर्ष 1960-70 के दशक में अपनी पहचान बनाई.

प्रमुख फिल्में: –

हिन्दुस्तान हमारा, बरसात, आग, प्यार मोहब्बत,  तीसरी मंज़िल,आम्रपाली, जॉनी मेरा नाम, गोरा और काला, शोर, बॉबी, रोटी कपड़ा और मकान, सन्यासी, कालीचरण,  नागिन, जानी दुश्मन, कर्ज़,  देश प्रेमी…

प्रेम नाथ अपनी दमदार आवाज़ और व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे. उन्होंने खलनायक, चरित्र अभिनेता और सहायक भूमिकाओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया. उनकी हर भूमिका में एक खास ऊर्जा देखने को मिलती थी.

प्रेम नाथ ने मशहूर अभिनेत्री बिना राय से विवाह किया. उनके चार बच्चे हुए. प्रेम नाथ और बिना राय की जोड़ी को उनके समय में आदर्श जोड़ी माना जाता था. प्रेम नाथ की एक्टिंग और उनके यादगार डायलॉग आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. उनकी अदाकारी और फिल्मों का योगदान भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम दौर का हिस्सा है.

प्रेम नाथ का नाम भारतीय सिनेमा में हमेशा अमर रहेगा. उनके अभिनय की छाप आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी.

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राजनीतिज्ञ मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक थे. उनका जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के सैफई गाँव में हुआ. उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत वर्ष 1967 में की और भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में तीन बार कार्य किया: – पहली बार वर्ष 1989 से 91, दूसरी बार वर्ष 1993 से 95, और तीसरी बार वर्ष 2003 – 07.

समाजवादी पार्टी की स्थापना: – उन्होंने वर्ष 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की, जो उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख राजनीतिक दल बन गई. सपा ने राज्य में विकास और सामाजिक न्याय की नीतियों पर जोर दिया.

केंद्रीय राजनीति में योगदान: – मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया.

मुलायम सिंह यादव को उनकी विशेष शैली, सामर्थ्य और जनसंख्या के प्रति अपनी नीतियों के लिए जाना जाता है. वे समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से आवाज उठाते थे. उनका राजनीतिक सफर उनके पुत्र अखिलेश यादव द्वारा आगे बढ़ाया गया, जो वर्तमान में समाजवादी पार्टी के प्रमुख हैं.

उनका निधन 10 अक्टूबर 2022 को हुआ, और उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रेरणादायक नेता के रूप में याद किया जाता है. उनके योगदान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई​.

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राजनीतिज्ञ आनंदिबेन पटेल

आनंदिबेन पटेल एक अनुभवी भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ी हुई हैं. वह भारत की राजनीति में महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं और विभिन्न उच्च पदों पर कार्य कर चुकी हैं. वर्तमान में, वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं. आनंदिबेन पटेल का जन्म 21 नवंबर 1941 को खरोद गांव, विजापुर, गुजरात में हुआ था. उन्होंने साइंस में स्नातक और बाद में मास्टर डिग्री प्राप्त की. आनंदिबेन ने शिक्षण के क्षेत्र में भी काम किया और एक प्रेरणादायक शिक्षिका के रूप में सम्मान प्राप्त किया.

आनंदिबेन पटेल का राजनीतिक जीवन भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ा है. वर्ष 1998 में गुजरात विधानसभा के लिए चुनी गईं. गुजरात में वह राज्य कैबिनेट मंत्री के रूप में शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, और स्वास्थ्य जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं. वर्ष 2014 में वह गुजरात की मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री पद संभाला. उनकी मुख्यमंत्री अवधि वर्ष 2014 – 16 तक रही.

जुलाई 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया गया. वर्ष  2019 में ही वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं और वर्तमान में भी इस पद पर कार्यरत हैं. उनकी भूमिका राज्यपाल के रूप में भी प्रशंसनीय रही है. शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने गुजरात के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए कई कदम उठाए. उन्होंने महिला विकास और सुरक्षा के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कीं. मुख्यमंत्री और राज्यपाल के रूप में उनकी प्रशासनिक क्षमता की सराहना की गई.

आनंदिबेन पटेल का विवाह एक सहपाठी के साथ हुआ था. बाद में दोनों ने आपसी सहमति से अलगाव का निर्णय लिया. उनकी एक बेटी अनार पटेल हैं. वर्ष 1988 में आनंदिबेन पटेल को गुजरात सरकार द्वारा यह सम्मान मिला. उन्हें भारतीय राजनीति में अनुशासन, ईमानदारी, और महिला नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देखा जाता है.

आनंदिबेन पटेल का जीवन संघर्ष, सेवा और सफलता की मिसाल है. उनका कार्यक्षेत्र और समर्पण उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व बनाता है.

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अभिनेत्री आरती छाबड़िया

आरती छाबड़िया भारतीय फिल्म और टेलीविजन उद्योग की अभिनेत्री और मॉडल हैं. उन्होंने बॉलीवुड, तेलुगु, कन्नड़ और पंजाबी फिल्मों में काम किया है. अपने आकर्षक व्यक्तित्व और बहुमुखी अभिनय के कारण आरती ने भारतीय दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई.

आरती छाबड़िया का जन्म 21 नवंबर 1982 को मुंबई, महाराष्ट्र के एक सिंधी परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की. उन्होंने कई बड़े ब्रांड्स के विज्ञापनों में काम किया, जिनमें अमूल, क्रैक जैक, और मैगी नूडल्स प्रमुख हैं. वर्ष 2000 में उन्होंने “मिस इंडिया वर्ल्डवाइड” का खिताब जीता, जिसने उनके कैरियर को नई ऊंचाई दी.

आरती ने बॉलीवुड में वर्ष 2002 की फिल्म ‘तुमसे अच्छा कौन है’ से डेब्यू किया. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया.

प्रमुख फिल्में: –

तुमसे अच्छा कौन है (2002): – रोमांटिक भूमिका में उनकी शानदार शुरुआत.

आवारा पागल दीवाना (2002): – अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी के साथ कॉमेडी-एक्शन फिल्म.

शादी नं. 1 (2005): – हल्की-फुल्की कॉमेडी में उनका दमदार अभिनय.

डैडी कूल (2009): – कॉमेडी ड्रामा फिल्म.

लज्जा (2001): – सहायक भूमिका में.

उन्होंने तेलुगु, कन्नड़ और पंजाबी फिल्मों में भी काम किया और विभिन्न भाषाओं में अपनी पहचान बनाई. आरती ने फिल्मों के अलावा टेलीविजन में भी अपनी जगह बनाई.

खतरों के खिलाड़ी (सीजन 4): – वह इस एडवेंचर रियलिटी शो की विजेता रहीं.

झलक दिखला जा (सीजन 6): – इस डांस रियलिटी शो में उन्होंने भाग लिया.

आरती ने कई म्यूजिक वीडियोज़ में भी काम किया, जिनमें ‘नशा ही नशा है’ और ‘चाहत’ काफी लोकप्रिय हुए. उन्होंने शॉर्ट फिल्मों और सामाजिक जागरूकता अभियानों में भी योगदान दिया. आरती अपने परिवार के काफी करीब हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं. वह फिटनेस और योग की शौकीन हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन करती हैं.

आरती छाबड़िया का कैरियर भले ही मुख्यधारा के बड़े सितारों जितना लंबा न रहा हो, लेकिन उन्होंने अपने अभिनय, मॉडलिंग और रियलिटी शोज़ में भाग लेकर अपनी एक अलग पहचान बनाई. उनका उत्साह और मेहनत उन्हें हमेशा प्रशंसकों के दिलों में बनाए रखता है.

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अभिनेत्री नेहा शर्मा

नेहा शर्मा एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं, जो अपने अभिनय और स्टाइलिश व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के साथ-साथ तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है. नेहा ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से फिल्म उद्योग में एक खास पहचान बनाई है.

नेहा शर्मा का जन्म 21 नवंबर 1987 को भागलपुर, बिहार में हुआ था. उनके पिता अजीत शर्मा एक राजनेता हैं और बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं. नेहा ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT), दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग में पढ़ाई की.

नेहा शर्मा ने वर्ष 2007 में तेलुगु फिल्म ‘चिरुथा’ से अभिनय की शुरुआत की, जो एक बड़ी हिट रही. इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा.

प्रमुख फिल्में: –

क्रूक (2010): – इमरान हाशमी के साथ उनकी पहली हिंदी फिल्म।

क्या सुपर कूल हैं हम (2012): – एक कॉमेडी फिल्म, जिसमें नेहा के अभिनय की सराहना हुई.

जयंताभाई की लव स्टोरी (2013): – रोमांटिक-कॉमेडी में विवेक ओबेरॉय के साथ.

यंगिस्तान (2014): – राजनीति पर आधारित फिल्म, जिसमें जैकी भगनानी के साथ.

तुम बिन 2 (2016): – रोमांटिक ड्रामा.

तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर (2020): – इसमें उन्होंने काजोल के साथ सहायक भूमिका निभाई.

नेहा शर्मा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी काम किया है.

“इल्लीगल – जस्टिस आउट ऑफ ऑर्डर” (2020): – इस वेब सीरीज में उनके अभिनय को खूब सराहा गया.

नेहा शर्मा अपनी सुंदरता, स्टाइल और बहुमुखी अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने न केवल ग्लैमरस भूमिकाएं निभाई हैं, बल्कि गंभीर किरदारों को भी बेहतरीन तरीके से पेश किया है.

नेहा को फैशन डिजाइनिंग का शौक है और उनका ड्रेसिंग सेंस हमेशा चर्चा में रहता है. वह फिटनेस और डांस की शौकीन हैं. उन्होंने कथक और वेस्टर्न डांस की ट्रेनिंग ली है. वह एक पशु प्रेमी हैं और अक्सर सोशल मीडिया पर अपने पालतू जानवरों के साथ तस्वीरें साझा करती हैं.

नेहा शर्मा की खूबसूरती और अभिनय का सफर आगे भी दर्शकों को आकर्षित करता रहेगा. उनके फैंस को उनसे और बेहतरीन फिल्मों की उम्मीद है.

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वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रामन

चंद्रशेखर वेंकट रामन एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे, जिनका मुख्य योगदान भौतिकी के क्षेत्र में रहा है. उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था. वे प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) पर अपने शोध के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसे “रामन प्रभाव” के नाम से जाना जाता है. इसी खोज के लिए उन्हें वर्ष 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला, और वे यह सम्मान पाने वाले पहले एशियाई और पहले भारतीय वैज्ञानिक बने.

रामन ने वर्ष 1928 में “रामन प्रभाव” की खोज की, जिसमें उन्होंने यह सिद्ध किया कि जब प्रकाश की किरण किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरती है, तो प्रकाश के कुछ अंश अपने पथ को बदलते हैं और उनकी तरंगदैर्ध्य (wavelength) में बदलाव होता है. यह खोज इस बात की पुष्टि करती है कि प्रकाश की किरणें अपने माध्यम में से गुजरने पर उसकी संरचना और गुणधर्म से प्रभावित होती हैं. यह खोज विज्ञान और विशेष रूप से रसायन विज्ञान में अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हुई, क्योंकि इससे पदार्थों की आणविक संरचना का अध्ययन संभव हो सका.

रामन ने भौतिकी के क्षेत्र में अनेक शोध किए और भारत में वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा दिया. उन्होंने भारतीय विज्ञान अनुसंधान (Indian Association for the Cultivation of Science) के संस्थान में अनुसंधान किया और आगे चलकर बेंगलुरु में “रामन रिसर्च इंस्टीट्यूट” की स्थापना की. उनके शोध और योगदान ने भारतीय विज्ञान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया.

चंद्रशेखर वेंकट रामन का वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उनके कार्य आज भी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. उनका योगदान भौतिकी और विज्ञान की दुनिया में महत्वपूर्ण माना जाता है, और भारत सरकार ने उनके सम्मान में 28 फरवरी को “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया, क्योंकि इसी दिन उन्होंने “रामन प्रभाव” की खोज की थी. चंद्रशेखर वेंकट रामन का निधन  21 नवम्बर 1970 को हुआ था.

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