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व्यक्ति विशेष

भाग – 232.

कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान

सुभद्रा कुमारी चौहान हिंदी साहित्य की कवयित्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं. उनका जन्म 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में हुआ था. वे विशेष रूप से अपनी वीर रस से ओतप्रोत कविता “झांसी की रानी” के लिए जानी जाती हैं, जिसमें उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और संघर्ष को शब्दों में पिरोया है.

सुभद्रा कुमारी चौहान की लेखनी में देशप्रेम, सामाजिक समस्याओं और महिलाओं की स्थिति का विशेष उल्लेख मिलता है. उनके साहित्यिक कार्यों में कविताओं के साथ-साथ कहानियाँ भी शामिल हैं. उनकी प्रमुख कविताओं में “वीरों का कैसा हो बसंत”, “खूब लड़ी मर्दानी”, और “झांसी की रानी” शामिल हैं.

उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रूप से भाग लिया और कई बार जेल भी गईं. 15 फरवरी 1948 को एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया. उनका साहित्य आज भी प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है और उन्हें हिंदी साहित्य की अमर कवयित्रियों में गिना जाता है.

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अभिनेता सैफ़ अली ख़ान

सैफ़ अली ख़ान एक भारतीय अभिनेता और निर्माता हैं, जिन्हें हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता है.उनका जन्म 16 अगस्त 1970 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था. सैफ अली खान भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी और मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे हैं. वह पटौदी के नवाब भी हैं.

सैफ ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1993 में फिल्म “परंपरा” से की, लेकिन उन्हें मुख्य रूप से 1994 में आई फिल्म “ये दिल्लगी” और “मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी” से पहचान मिली. इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया, जिनमें “हम तुम,” “सलाम नमस्ते,” “ओमकारा,” “लव आज कल,” और “कॉकटेल” जैसी फिल्में शामिल हैं.

सैफ अली खान ने विभिन्न शैलियों की फिल्मों में काम किया है, और उन्हें अपने अभिनय कौशल के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं. इसके अलावा, सैफ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी सक्रिय हैं और उन्होंने वेब सीरीज़ “सेक्रेड गेम्स” में अपनी भूमिका के लिए काफी सराहना प्राप्त की.

सैफ अली खान की निजी जिंदगी भी चर्चा में रहती है. उनकी पहली शादी अभिनेत्री अमृता सिंह से हुई थी, जिनसे उनके दो बच्चे हैं—सारा अली खान और इब्राहिम अली खान. बाद में उनका तलाक हो गया और 2012 में उन्होंने अभिनेत्री करीना कपूर से शादी की. करीना से उनके दो बेटे हैं—तैमूर अली खान और जेह अली खान.

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अभिनेत्री मनीषा कोईराला

मनीषा कोईराला एक नेपाली-भारतीय अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में अपने काम के लिए जानी जाती हैं. उनका जन्म 16 अगस्त 1970 को नेपाल के काठमांडू में हुआ था. मनीषा कोईराला नेपाल के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं; उनके दादा बिश्वेश्वर प्रसाद कोईराला नेपाल के पहले लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री थे.

मनीषा ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत 1989 में नेपाली फिल्म “फेरी भेटौंला” से की, लेकिन हिंदी सिनेमा में उनकी शुरुआत 1991 में आई फिल्म “सौदागर” से हुई. इस फिल्म में उनके अभिनय की काफी सराहना हुई, और इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया, जैसे “1942: ए लव स्टोरी,” “बॉम्बे,” “अग्नि साक्षी,” “दिल से,” और “कंपनी.”

मनीषा को उनके अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं. वे अपने किरदारों में गहराई और संवेदनशीलता लाने के लिए जानी जाती हैं, विशेषकर सामाजिक मुद्दों और मानवाधिकारों से जुड़ी फिल्मों में.

वर्ष 2012 में मनीषा कोईराला को कैंसर का पता चला, लेकिन उन्होंने इसे बहादुरी से हराया और उसके बाद वे एक प्रेरणादायक वक्ता भी बन गईं, जो स्वास्थ्य और जीवन शैली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करती हैं. उन्होंने अपने जीवन के इस संघर्ष पर आधारित एक पुस्तक भी लिखी है. मनीषा कोईराला ने अपने कैरियर में विभिन्न प्रकार के भूमिकाएँ निभाई हैं और उन्हें भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है.

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संत रामकृष्ण परमहंस देव

रामकृष्ण परमहंस देव (1836-1886) एक महान भारतीय संत और धार्मिक गुरु थे, जिन्हें भारतीय आध्यात्मिकता और धर्म के पुनर्जागरण के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. उनका जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल (अब पश्चिम बंगाल) के हुगली जिले के कामारपुकुर गांव में हुआ था. उनका मूल नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था.

रामकृष्ण परमहंस देव ने अपनी युवावस्था में विभिन्न धार्मिक मार्गों का अनुसरण किया, जैसे कि तांत्रिक, वैष्णव, और ईसाई धर्म के सिद्धांतों का अभ्यास. उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य था कि सभी धर्मों के मार्ग एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं. उन्होंने स्वयं विभिन्न धर्मों का पालन कर यह अनुभव किया कि सभी धर्मों का सार एक ही है और सभी ईश्वर की प्राप्ति के साधन हैं.

रामकृष्ण परमहंस देव का सबसे प्रसिद्ध शिष्य स्वामी विवेकानंद थे, जिन्होंने उनके उपदेशों को पश्चिमी देशों में फैलाया. रामकृष्ण परमहंस देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में ध्यान और साधना के माध्यम से अपने शिष्यों को ज्ञान प्रदान किया और उन्हें ईश्वर की अनुभूति करवाई.

उनके उपदेश सरल, प्रेमपूर्ण, और साधारण भाषा में होते थे, और वे इस बात पर जोर देते थे कि ईश्वर की भक्ति और सेवा के माध्यम से ही मुक्ति प्राप्त की जा सकती है. उनके विचार और शिक्षाएँ आज भी दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. वर्ष 1886 में संत रामकृष्ण परमहंस देव का निधन गोधूलि वेला में हुआ था.

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी एक भारतीय राजनेता, प्रख्यात कवि, और पत्रकार थे, जिन्होंने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था. वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सह-संस्थापकों में से एक थे और भारतीय राजनीति में एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे.

वाजपेयी पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार केवल 13 दिनों तक चली. इसके बाद वे 1998 से 1999 तक और फिर 1999 से 2004 तक लगातार प्रधानमंत्री रहे. उनके शासनकाल में भारत ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिनमें पोखरण-2 परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, और नई आर्थिक नीतियों का कार्यान्वयन शामिल है. उन्होंने देश की विदेश नीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने का प्रयास किया, विशेषकर पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार के लिए.

वाजपेयी एक उत्कृष्ट वक्ता थे और उनके भाषणों में देशभक्ति, काव्यात्मक और संवेदनशीलता का मेल होता था. उन्होंने हिंदी साहित्य में भी योगदान दिया और उनकी कविताएँ और लेख आज भी लोकप्रिय हैं. उनकी प्रमुख रचनाओं में “मृत्यु या उत्सव,” “संघर्ष के बाद,” और “मेरी इक्यावन कविताएँ” शामिल हैं.

अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया. उन्होंने 2009 में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया और 16 अगस्त 2018 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गया. वे भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श नेता के रूप में सदैव याद किए जाएंगे.

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