News

व्यक्ति विशेष

भाग – 193.

स्वतंत्रता सेनानी बनारसी दास

बनारसी दास गुप्ता भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक सिपाही  थे, जो हरियाणा राज्य से ताल्लुक रखते थे. उनका जन्म 5 नवम्बर 1917 को हुआ था और वे महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हुए थे. उनके महत्वपूर्ण योगदानों के लिए उन्हें कई बार ब्रिटिश सरकार द्वारा जेल भेजा गया.

स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य थे और हरियाणा में स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों का नेतृत्व किया. स्वतंत्रता के बाद, बनारसी दास ने राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री बने और उनके कार्यकाल में उन्होंने कई सामाजिक और आर्थिक सुधार किए.

बनारसी दास गुप्ता का जीवन प्रेरणादायक है, जो स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समाज सेवा के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है. उन्होंने अपने जीवन को देश और समाज की सेवा में समर्पित कर दिया, और उनकी विरासत आज भी लोगों को प्रेरित करती है. उनका निधन 29 अगस्त 2007 को हुआ था.

==========  =========  ===========

मार्क्सवादी राजनितिज्ञ ज्योति बसु

ज्योति बसु भारतीय राजनीति के एक प्रभावशाली नेता थे, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य थे. वे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने और लगातार 23 वर्षों तक इस पद पर रहे.

ज्योति बसु का जन्म 8 जुलाई 1914 को  पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश में) के एक समृद्ध मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनका पुरा नाम ज्योतिंद्र नाथ बसु है. उन्होंने कलकत्ता के एक कैथोलिक स्कूल और सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की. वकालत की पढ़ाई बसु ने लंदन में की. बसु ने वर्ष 1930 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया की सदस्यता ले ली और जब पार्टी का विभाजन हुआ, तो वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए. उन्होंने पहली बार 1946 में बंगाल विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया और जीत हासिल की.

 वर्ष 1977 में वे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने और लगातार 23 वर्षों तक इस पद पर रहे, जो भारतीय इतिहास में किसी भी मुख्यमंत्री के सबसे लंबे कार्यकाल में से एक है. उनका कार्यकाल 2000 में समाप्त हुआ था. उनके शासनकाल के दौरान, भूमि सुधार और पंचायत प्रणाली के विकास जैसे कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए गए. उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में भी सुधार के लिए काम किया था.

ज्योति बसु का विवाह कमला बसु से हुआ था और उनका एक बेटा भी है. उनके जीवन की कई घटनाएँ और फैसले भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ज्योति बसु का निधन 17 जनवरी 2010 को हुआ था. उनके निधन के बाद, उन्हें भारतीय राजनीति के एक महान नेता के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने सामाजिक और आर्थिक सुधारों के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।.

ज्योति बसु का जीवन और कैरियर भारतीय राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो उनके नेतृत्व और नीतियों के कारण लोगों के बीच लोकप्रियता और सम्मान प्राप्त करता है.

==========  =========  ===========

उपन्यासकार  गिरिराज किशोर

गिरिराज किशोर एक भारतीय उपन्यासकार, लेखक, और साहित्यकार थे, जिनका साहित्यिक योगदान हिंदी साहित्य में विशेष महत्व रखता है. उनका जन्म 8 जुलाई 1937 को हुआ था और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों का सृजन किया.

प्रमुख कृतियाँ:

पहला गिरमिटिया:  – महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका के संघर्ष और उनके जीवन पर आधारित यह उपन्यास गिरिराज किशोर की सबसे प्रसिद्ध और चर्चित कृति है. इसमें गांधीजी के प्रारंभिक जीवन और उनके संघर्षों को विस्तार से वर्णित किया गया है.

ढाई घर:  – यह उपन्यास भी उनकी एक महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें समाज और परिवार की जटिलताओं को गहनता से प्रस्तुत किया गया है.

यात्राएं:  – उनके यात्रा-वृतांत भी बहुत लोकप्रिय रहे हैं, जिनमें उन्होंने अपनी यात्राओं के अनुभवों और विभिन्न सांस्कृतिक संदर्भों को जीवंतता से प्रस्तुत किया है.

गिरिराज किशोर ने हिंदी साहित्य में अपने अनूठे लेखन शैली और विषयों के कारण महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया. उनके उपन्यास और कहानियों में सामाजिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक संदर्भों का उत्कृष्ट चित्रण मिलता है. उन्होंने न केवल साहित्यिक कृतियों की रचना की, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी लेखनी से महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

गिरिराज किशोर को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए. इनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, और पद्मश्री प्रमुख हैं. गिरिराज किशोर का निधन 9 फरवरी 2020 को हुआ. उनके निधन के बाद भी उनकी साहित्यिक कृतियाँ और योगदान हिंदी साहित्य में अमूल्य धरोहर के रूप में कायम हैं. गिरिराज किशोर का साहित्यिक यात्रा और उनके द्वारा रचित कृतियाँ साहित्य प्रेमियों और पाठकों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी.

==========  =========  ===========

राजनीतिज्ञ गंगा प्रसाद

गंगा प्रसाद एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य हैं और विभिन्न राजनीतिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. गंगा प्रसाद का जन्म 8 जुलाई 1937 को हुआ था. वे लंबे समय तक बिहार में भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे हैं और पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

गंगा प्रसाद बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण विधायी और प्रशासनिक कार्य किए. उन्हें अगस्त 2017 में सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वे भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता माने जाते हैं और पार्टी के भीतर विभिन्न नेतृत्व भूमिकाओं में रहे हैं.

गंगा प्रसाद ने अपने कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सुधार लाने के प्रयास किए हैं. उनकी राजनीतिक दृष्टि और नेतृत्व क्षमता के कारण वे एक सम्मानित राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं.

गंगा प्रसाद का राजनीतिक कैरियर उनकी नेतृत्व क्षमता, समर्पण, और संगठनात्मक कौशल का प्रतीक है. वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग देश और समाज की सेवा में किया है.

==========  =========  ===========

अभिनेत्री नीतू सिंह

नीतू सिंह, जिनका पूरा नाम नीतू कपूर है, एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं. उनका जन्म 8 जुलाई 1958 को दिल्ली में हुआ था. नीतू सिंह का असली नाम हरनीत कौर था. उन्होंने बाल कलाकार के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की और जल्दी ही एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई.

नीतू सिंह ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1960 के दशक के अंत में बाल कलाकार के रूप में की थी. उन्होंने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों का दिल जीत लिया और कई सफल फिल्मों में काम किया.

प्रमुख फिल्में: –

यादों की बारात (1973):  – इस फिल्म में उनके बाल कलाकार के रूप में प्रदर्शन ने उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया.

कभी कभी (1976):  – इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म में नीतू सिंह के अभिनय को बहुत सराहा गया.

अमर अकबर एंथनी (1977):  – इस मल्टीस्टारर फिल्म में उन्होंने ऋषि कपूर के साथ काम किया और यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई.

धर्मवीर (1977):   – इस फिल्म में भी उनके अभिनय को दर्शकों ने बहुत पसंद किया.

कसमें वादे (1978):  – इसमें नीतू सिंह ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

नीतू सिंह का विवाह अभिनेता ऋषि कपूर से हुआ था और उनके दो बच्चे हैं, रणबीर कपूर और रिद्धिमा कपूर. रणबीर कपूर एक सफल बॉलीवुड अभिनेता हैं, जबकि रिद्धिमा एक फैशन डिजाइनर हैं. कई सालों के ब्रेक के बाद, नीतू सिंह ने 2009 में फिल्म “लव आज कल” के साथ फिल्मों में वापसी की. इसके बाद उन्होंने “दो दूनी चार” (2010), “बेशरम” (2013), और “जुग जुग जीयो” (2022) जैसी फिल्मों में भी काम किया.

नीतू सिंह की फिल्मी यात्रा में उनके अभिनय कौशल, खूबसूरती और मेहनत ने उन्हें एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है. वे भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण अभिनेत्री मानी जाती हैं. उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं. नीतू सिंह का जीवन और कैरियर कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है, और वे आज भी अपने काम और जीवन के प्रति अपनी सकारात्मकता और समर्पण के लिए जानी जाती हैं.

==========  =========  ===========

क्रिकेट खिलाड़ी सौरव गांगुली

सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक हैं. उनका पूरा नाम सौरव चंडीदास गांगुली है और उन्हें “दादा” के नाम से भी जाना जाता है. उनका जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था.

सौरव गांगुली का क्रिकेट करियर शानदार और प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 1992 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते हुए की थी. सौरव गांगुली ने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में की थी, जहाँ उन्होंने शानदार शतक (131 रन) बनाया. इस पारी ने उन्हें तुरंत ही स्टार बना दिया. गांगुली ने वनडे मैचों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कई शानदार पारियां खेली और भारत के लिए कई मैच जीताए.

सौरव गांगुली को 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया. उनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ और विदेशों में भी जीत दर्ज की. उनकी कप्तानी में भारत ने 2002 में इंग्लैंड में नेटवेस्ट सीरीज और 2003 में दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल जीता. गांगुली का आक्रामक और प्रेरणादायक नेतृत्व भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ. उनके नेतृत्व में टीम ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ उनकी धरती पर जीत दर्ज की. गांगुली ने अपने कैरियर में 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन और 311 वनडे मैचों में 11,363 रन बनाए। उनके नाम कई शतक और अर्ध शतक दर्ज हैं.

सौरव गांगुली ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया. इसके बाद उन्होंने क्रिकेट प्रशासन और कमेंट्री में अपना योगदान दिया. वर्ष 2019 में, उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. सौरव गांगुली का विवाह डोना गांगुली से हुआ है, जो एक प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना हैं. उनकी एक बेटी है, जिसका नाम सना है. सौरव गांगुली को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें 2004 में भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं.

सौरव गांगुली की जीवन यात्रा और क्रिकेट कैरियर ने भारतीय क्रिकेट में एक नई दिशा दी और उनकी कप्तानी के तहत भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक मजबूत पहचान बनाई. उनके नेतृत्व और क्रिकेट के प्रति समर्पण ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में एक महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है.

==========  =========  ===========

हास्य अभिनेता जगदीप

जगदीप जिनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था, भारतीय सिनेमा के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता थे. उनका जन्म 29 मार्च 1939 को दतिया, मध्य प्रदेश में हुआ था. जगदीप ने अपने कैरियर में सैकड़ों फिल्मों में काम किया और अपनी कॉमिक टाइमिंग और अभूतपूर्व अभिनय क्षमता के कारण दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई.

जगदीप ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी. उन्होंने अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए.

शोले (1975): – जगदीप का किरदार “सूरमा भोपाली” भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार और प्रतिष्ठित हास्य किरदारों में से एक है. इस किरदार ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया.

ब्रह्मचारी (1968): – इस फिल्म में उनके कॉमिक रोल ने उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए नामांकित किया.

अंदाज अपना अपना (1994): – इस फिल्म में जगदीप ने सलमान खान के पिता का किरदार निभाया, जो दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ.

पुराना मंदिर (1984): – इस हॉरर-कॉमेडी फिल्म में जगदीप का किरदार भी काफी पसंद किया गया.

जगदीप ने 400 से अधिक फिल्मों में काम किया और उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी की शैली ने उन्हें हास्य अभिनय की दुनिया में एक अलग स्थान दिलाया. उन्होंने अपने पूरे कैरियर में विभिन्न प्रकार के किरदार निभाए और हर किरदार में अपनी अनूठी छाप छोड़ी.

जगदीप का विवाह नज़मा से हुआ था और उनके छह बच्चे हैं. उनके बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी भी भारतीय फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में सफल कलाकार हैं. जगदीप का निधन 8 जुलाई 2020 को मुंबई में हुआ था. उनके निधन से भारतीय सिनेमा ने एक महान हास्य अभिनेता को खो दिया, लेकिन उनकी फिल्मों और किरदारों के माध्यम से वे हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगे.

जगदीप का जीवन और कैरियर उनके समर्पण, मेहनत, और हास्य अभिनय के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है. उनके योगदान को भारतीय सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा.

5/5 - (1 vote)
:

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!