व्यक्ति विशेष– 699.
स्वतंत्रता सेनानी दीप नारायण सिंह
दीप नारायण सिंह एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता थे.उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में अपना अमूल्य योगदान दिया. बिहार के रहने वाले दीप नारायण सिंह का नाम स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में साहस और देशभक्ति के लिए जाना जाता है.
दीप नारायण सिंह का जन्म 25 नवंबर 1894 को पुरानतांड, हाजीपुर, बिहार एक साधारण परिवार में हुआ था. उनका झुकाव बाल्यकाल से ही देशभक्ति और सामाजिक न्याय की ओर था. उन्होंने शिक्षा के दौरान भारतीय समाज की विषमताओं और ब्रिटिश शासन के अन्याय के प्रति जागरूकता प्राप्त की, जो उनके जीवन को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित करने वाला प्रमुख कारण बना.
दीप नारायण सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया.उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में सम्मिलित हुए. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जागरूकता फैलाने और लोगों को संगठित करने का काम किया. उन्होंने भारतीय जनता को स्वदेशी वस्त्रों और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के लिए प्रेरित किया और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार में अहम भूमिका निभाई.
स्वतंत्र भारत में पहले भारतीय संसद के एक अहम् हिस्से रूप में भी दीप नारायण सिंह ने काम किया तथा बिहार विधानसभा के सदस्य भी रहे. बिहार केसरी कृष्ण सिंह के मृत्युपरांत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दीप नारायण सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया, हालाँकि इनका कार्यकाल मात्र 18 दिनों का ही था.
दीप नारायण सिंह ने सामाजिक सुधारों के लिए भी काम किया. उन्होंने शिक्षा, समानता, और सामाजिक न्याय पर जोर दिया. ग्रामीण इलाकों में उन्होंने शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने और गरीबों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए. उनका निधन 7 दिसंबर 1977 को हाजीपुर में हुआ था.
दीप नारायण सिंह का जीवन देशभक्ति, त्याग, और सामाजिक न्याय के लिए प्रेरणादायक है. उनके संघर्ष और समर्पण ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी कहानी नई पीढ़ी के लिए साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बनी हुई है.
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निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक चन्दूलाल शाह
चंदूलाल शाह भारतीय सिनेमा के प्रारंभिक युग के एक प्रमुख निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक थे. उन्होंने वर्ष 1920 – 30 के दशक में अपने कैरियर की शुरुआत की और अपने समय के कुछ सबसे लोकप्रिय और सफल फिल्मों का निर्माण किया. चंदूलाल शाह का जन्म 13 अप्रैल, 1898 में जामनगर, गुजरात में हुआ था और उन्होंने अपना अधिकांश समय मुंबई में बिताया, जो उस समय भारतीय सिनेमा का केंद्र था.
चंदूलाल शाह ने रंजीत मूवीटोन स्टूडियो की स्थापना की, जो उस दौरान के सबसे प्रसिद्ध फिल्म स्टूडियोज में से एक बन गया. उनकी फिल्मों में भव्य सेट, विशाल कलाकार समूह और गहन भावनात्मक ड्रामा की विशेषताएं होती थीं, जो उस समय के दर्शकों को बहुत भाती थीं. उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में ‘गुणसुंदरी’, ‘बहार’ और ‘सुलोचना’ शामिल हैं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर खूब सफलता पाई.
चंदूलाल शाह का निधन 25 नवंबर 1975 को मुंबई में हुआ था. उनका योगदान भारतीय सिनेमा के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. उनकी फिल्में न केवल मनोरंजक थीं बल्कि समाज में व्याप्त मुद्दों पर प्रकाश डालने में भी सक्षम थीं, जिसने उन्हें एक जिम्मेदार फिल्म निर्माता के रूप में स्थापित किया.
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संगीतकार आर. सी. बोराल
आर. सी. बोराल (राय चंद बोराल) भारतीय सिनेमा के प्रारंभिक दौर के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे, जिन्हें भारतीय फिल्म संगीत का पितामह भी कहा जाता है. उनका जन्म 19 अक्टूबर 1903 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था. वे भारतीय सिनेमा में ध्वनि फिल्म (टॉकीज़) के आने के समय के प्रमुख संगीतकारों में से एक थे और उन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को एक नई दिशा दी.
आर. सी. बोराल का नाम विशेष रूप से इसलिए जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारतीय सिनेमा में बैकग्राउंड म्यूजिक और प्लेबैक सिंगिंग (जहां गायक पर्दे के पीछे गाता है और अभिनेता स्क्रीन पर अभिनय करता है) की शुरुआत की. उन्होंने सिनेमा के लिए पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत को अपनाया और उन्हें आधुनिक संगीत के साथ जोड़ा.
बोराल ने शुरुआती ध्वनि फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया, जब भारतीय सिनेमा में तकनीकी उन्नति हो रही थी. उन्होंने कई हिंदी और बंगाली फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया, जिनमें “देवदास” (1935) और “मुखरबाशी” (1931) जैसी फिल्में शामिल हैं.
वे न्यू थिएटर्स स्टूडियो से जुड़े थे, जो उस समय का प्रमुख फिल्म स्टूडियो था. न्यू थिएटर्स ने कई बंगाली और हिंदी क्लासिक फिल्में बनाईं, जिनमें बोराल का संगीत महत्वपूर्ण था. उनके द्वारा दी गई धुनें और राग-संगीत सिनेमा संगीत की नई परंपरा बन गईं. उन्होंने कई प्रतिष्ठित गायकों के साथ काम किया, जिनमें कुंदनलाल सहगल (के. एल. सहगल) भी शामिल थे. सहगल की कई अमर धुनें आर. सी. बोराल द्वारा संगीतबद्ध की गई थीं.
आर. सी. बोराल को भारतीय फिल्म संगीत में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. वर्ष 1978 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान है. उनके संगीत ने भारतीय फिल्म उद्योग में साउंडट्रैक और बैकग्राउंड स्कोर की परिभाषा को बदल दिया, और उनके योगदान को आज भी सराहा जाता है. उनका निधन 25 नवंबर 1981 को हुआ, लेकिन उनका संगीत आज भी भारतीय सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जीवित है.
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राजनीतिज्ञ यशवंतराव चव्हाण
यशवंतराव चव्हाण एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिनका जन्म 12 मार्च 1913 को महाराष्ट्र के सातारा जिले में हुआ था. वे महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री और भारत के पाँचवें उप-प्रधानमन्त्री के रूप में सेवा कर चुके हैं. चव्हाण एक मजबूत कांग्रेस नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सहकारी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक थे. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए काम किया और महाराष्ट्र में किसानों की बेहतरी के लिए सहकारी समितियों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी शिक्षा बम्बई विश्वविद्यालय से हुई और वे वर्ष 1940 में सतारा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बने.
चव्हाण ने वर्ष 1956 में द्विभाषिक मुंबई राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में काम किया और वर्ष 1960 में महाराष्ट्र के निर्माण के बाद महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री बने. वर्ष 1962 में उन्हें चीन युद्ध के दौरान भारत के संरक्षण मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उनकी कार्यकाल में उन्होंने उपपंतप्रधान, केंद्रीय गृहमंत्री, अर्थमंत्री, संरक्षणमंत्री और परराष्ट्रमंत्री के रूप में सेवाएँ दीं. वर्ष 1977-78 के दौरान जनता पक्ष के सरकार में वे विरोधी पक्ष के नेता रहे और आठवें केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष भी बने.
चव्हाण ने आर्थिक नीतियों में भी महत्वत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके आर्थिक विचार कृषि, उद्योग, सहकार, समाजवाद, और आर्थिक विषमता पर केंद्रित थे. उन्होंने खेती में मालिकी हकों, भूमिहीनों के मुद्दों, और कृषि विकास के उपायों पर जोर दिया. उनका मानना था कि खेतकरी को अपनी जमीन का मालिक होना चाहिए और खेती को व्यापारी तत्त्वाने करना चाहिए. उन्होंने नदियों का पानी खेती में इस्तेमाल करने और नदियों पर धरणे बांधने की वकालत की. उनके विचारों में सामाजिक न्याय और सामाजिक क्षमता के दृष्टिकोण को भी महत्व दिया गया था.
उन्होंने नाशिक से लोकसभा के लिए बिना किसी विरोध के चुनाव जीता और 14 नवंबर 1966 को देश के गृह मंत्री के रूप में नियुक्त हुए. उन्होंने अपने कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण पद संभाले. आपातकाल के बाद जब कांग्रेस की हार हुई, तब वे विरोधी पक्ष के नेता बने और बाद में कांग्रेस से अलग हो गए. हालांकि, वर्ष 1981 में वे फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए और वर्ष 1982 में उन्हें भारत के आठवें वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया. उनका निधन 25 नवंबर 1984 को दिल्ली में हुआ.
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कथक नृत्यांगना सितारा देवी
सितारा देवी भारतीय शास्त्रीय नृत्य “कथक” की महान नृत्यांगना थीं, जिन्हें “कथक क्वीन” और “कथक साम्राज्ञी” के रूप में भी जाना जाता है. उनका जन्म 8 नवंबर 1920 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सितारा देवी का जीवन और कला का सफर बेहद प्रेरणादायक था.
वह एक ऐसी नृत्यांगना थीं जिन्होंने अपने समय में शास्त्रीय नृत्य को मुख्यधारा में लाने के लिए न केवल मंचों पर नृत्य किया, बल्कि सिनेमा में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया. उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी कथक नृत्य को प्रस्तुत किया और उसे व्यापक दर्शकों तक पहुँचाया. उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में मदर इंडिया, रोटी, और नगीना शामिल हैं.
सितारा देवी ने कथक नृत्य में भाव और गति का अद्भुत संतुलन बनाया, और उनकी प्रस्तुतियों में ऊर्जा, शुद्धता और गहराई देखने को मिलती थी. उनका नृत्य शैली बेहद जीवंत, तेज और उत्कृष्ट तकनीक से भरपूर थी, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते थे.
भारतीय कला में उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री, और कालिदास सम्मान शामिल हैं. उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित करने की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि उनके योगदान के लिए यह सम्मान पर्याप्त नहीं था.
सितारा देवी का निधन 25 नवंबर 2014 को मुंबई में हुआ. उनकी अद्वितीय कला और नृत्य के प्रति उनकी समर्पण भावना ने उन्हें भारतीय शास्त्रीय नृत्य जगत में अमर बना दिया है, और वह आज भी कथक के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत हैं.



