News

व्यक्ति विशेष – 698.

नवें गुरु तेग बहादुर

गुरु तेग बहादुर , सिख धर्म के नवें गुरु थे, जिनका जन्म 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था. वे गुरु हरगोबिंद साहिब के पुत्र और गुरु हर कृष्ण के पिता थे. गुरु तेग बहादुर को उनके त्याग, धर्म के प्रति अटूट आस्था, और सिख धर्म की रक्षा के लिए किए गए उनके असीम योगदान के लिए याद किया जाता है.

उन्होंने वर्ष 1665 में गुरु पद संभाला. उनका काल भारतीय इतिहास में एक कठिन समय था, जब मुगल सम्राट औरंगजेब के धार्मिक उत्पीड़न का सामना सिख समुदाय कर रहा था. गुरु तेग बहादुर ने धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता की वकालत की और उन्होंने हिंदू धर्म के अनुयायियों की रक्षा के लिए मुगल साम्राज्य के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया.

उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई का सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब उन्होंने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अपने आपको औरंगजेब के समक्ष पेश किया. उन्होंने मुगल सम्राट से अपील की कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ अपने धार्मिक उत्पीड़न को रोके. गुरु जी ने अपने जीवन की बलि देकर धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की, और उन्हें 24 नवंबर 1675 को दिल्ली में शहीद कर दिया गया.

==========  =========  ===========

अभिनेत्री उमा देवी खत्री (टून टून)

उमा देवी खत्री, जिन्हें फिल्मी दुनिया में टुन टुन के नाम से जाना जाता है, भारतीय सिनेमा की पहली महिला हास्य अभिनेत्री थीं. उनका जन्म 11 जुलाई 1923 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के एक ग्रामीण पंजाबी परिवार में हुआ था. टुन टुन ने अपने अनोखे अंदाज और हास्य प्रतिभा से भारतीय सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई थीं.

उमा देवी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. उन्हें संगीत और अभिनय का शौक बचपन से ही था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एक गायिका के रूप में की. वर्ष 1947 में उन्होंने फिल्म “दर्द” में गाया, जिसमें उनके गाए हुए गाने “अफसाना लिख रही हूँ” और “ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल” बेहद लोकप्रिय हुआ था.

उमा देवी को असली पहचान तब मिली जब उन्होंने फिल्मों में हास्य भूमिकाएँ निभानी शुरू कीं. निर्देशक महबूब खान ने उन्हें एक कॉमिक रोल में पेश किया और यहीं से उनका नाम ‘टुन टुन’ पड़ गया. उन्होंने लगभग 200 फिल्मों में काम किया, जिनमें उनकी कॉमिक टाइमिंग और अनोखी शैली को दर्शकों ने खूब सराहा.

टुन टुन ने “मिस्टर एंड मिसेज 55,” “प्यासा,” “साधना,” “नमक हलाल,” और “अमर अकबर एंथनी” जैसी प्रसिद्ध फिल्मों में अपने हास्य अभिनय का प्रदर्शन किया. उनकी भूमिकाएँ इतनी प्रभावी थीं कि वह भारतीय सिनेमा की सबसे पसंदीदा हास्य अभिनेत्रियों में से एक बन गईं.

टुन टुन का विवाह मोहन से हुआ था और उनके चार बच्चे थे. उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली और 24 नवंबर 2003 को उनका निधन हो गया. टुन टुन की हास्य प्रतिभा और अद्वितीय अभिनय शैली ने भारतीय सिनेमा में महिला हास्य अभिनेत्रियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया. उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और वे आज भी दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए हैं.

==========  =========  ===========

फिल्म निर्माता राजकुमार कोहली

राजकुमार कोहली एक भारतीय फ़िल्म निर्माता और निर्देशक हैं, जो मुख्य रूप से वर्ष 1970 – 80 के दशकों में अपनी मल्टीस्टारर और हॉरर थ्रिलर फ़िल्मों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने बॉलीवुड में कई हिट फ़िल्में दीं, जिनमें बड़े सितारों और रोमांचक कहानियों का मिश्रण होता था. कोहली की फ़िल्में आमतौर पर बड़े पैमाने पर बनाई जाती थीं और दर्शकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय होती थीं. उनका जन्म 14 सितंबर 1930. लाहौर , पंजाब , ब्रिटिश भारत (वर्तमान लाहौर, पाकिस्तान) में हुआ था.

प्रमुख फ़िल्में: –

नागिन (1976): – राजकुमार कोहली की यह फ़िल्म सबसे सफल और यादगार फ़िल्मों में से एक मानी जाती है. इस फ़िल्म में रीना रॉय, फिरोज़ ख़ान, सुनील दत्त, जीतेंद्र और संजय ख़ान जैसे बड़े सितारे थे. यह फ़िल्म एक इच्छाधारी नागिन की कहानी पर आधारित थी और बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई.

जानी दुश्मन (1979): – यह एक मल्टीस्टारर हॉरर फ़िल्म थी, जिसमें कई बड़े अभिनेता जैसे संजीव कुमार, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, सुनील दत्त और शत्रुघ्न सिन्हा थे. फ़िल्म में एक राक्षस की कहानी थी, जो शादी के दिन दुल्हनों को मार देता है. “जानी दुश्मन” अपने समय की सबसे चर्चित और लोकप्रिय फ़िल्मों में से एक रही.

बेताज बादशाह (1994): – इस फ़िल्म में रजनीकांत, जुही चावला और प्रेम चोपड़ा प्रमुख भूमिकाओं में थे. हालांकि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर उतनी सफल नहीं रही, लेकिन इसे राजकुमार कोहली की उल्लेखनीय फ़िल्मों में गिना जाता है.

राज तिलक (1984): – यह एक ऐतिहासिक ड्रामा फ़िल्म थी, जिसमें धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, राजकुमार, रीना रॉय और सुनील दत्त जैसे सितारे थे. यह भी एक मल्टीस्टारर फ़िल्म थी, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया.

कुली नं. 1 (1991): – इस फ़िल्म में गोविंदा और करिश्मा कपूर मुख्य भूमिकाओं में थे. यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और गोविंदा की कॉमेडी और अभिनय के लिए सराही गई.

राजकुमार कोहली को उनके द्वारा बनाई गई मल्टीस्टारर और हॉरर थ्रिलर फ़िल्मों के लिए जाना जाता है. उनकी फ़िल्में अक्सर बड़ी कास्ट, विचित्र कथानक और रहस्य से भरी होती थीं, जो दर्शकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय रहती थीं. कोहली की फ़िल्मों में एक खास तरह का मेलोड्रामा, सस्पेंस, और एक्शन का मिश्रण होता था, जो वर्ष 70 – 80 के दशक के सिनेमा की विशेषता थी.

राजकुमार कोहली के बेटे, अर्जुन कोहली, भी एक अभिनेता हैं, जिन्होंने अपने पिता की कुछ फ़िल्मों में काम किया. हालाँकि, अर्जुन कोहली का कैरियर उतना सफल नहीं रहा, लेकिन राजकुमार कोहली के निर्देशन और फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.

राजकुमार कोहली का निधन 24 नवंबर 2023 को मुंबई में हुआ था. उनका योगदान हिंदी सिनेमा में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर हॉरर और मल्टीस्टारर फ़िल्मों के संदर्भ में. उनकी फ़िल्में आज भी बॉलीवुड के क्लासिक दौर का हिस्सा मानी जाती हैं.

:

Related Articles

Back to top button