Life Style

व्यक्ति विशेष

भाग – 458.

कवि भवानी प्रसाद मिश्र

कवि भवानी प्रसाद मिश्र भारतीय हिंदी कवि थे. उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के विभिन्न मुद्दों पर चिंतन किया और उन्हें उजागर किया.

भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च 1913 को होशंगाबाद में हुआ था. उनकी कविताएं विभिन्न हिंदी कवि संग्रहों में प्रकाशित हुईं, और उन्होंने अपने साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए. उनकी कविताओं में समाज, राष्ट्रीय भावनाएं, और व्यक्तिगत अनुभवों पर ध्यान दिया गया.

भवानी प्रसाद मिश्र की कविताओं में गहराई, भावनात्मकता, और विचारशीलता का अद्वितीय आलंबन था. उनका योगदान हिंदी साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है. उनका निधन 20 फरवरी 1980 को  हुआ था.

==========  =========  ===========

राजनीतिज्ञ रोमेश भंडारी

रोमेश भंडारी भारतीय राजनीतिज्ञ और भूतपूर्व राज्यपाल थे. उन्होंने  त्रिपुरा, गोवा और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था. रोमेश भंडारी का जन्म 29 मार्च 1928 में लाहौर में हुआ था.

भंडारी ने वर्ष 1950 में इन्होंने भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश किया और न्यूयॉर्क में भारतीय कान्स्यूलेट में भारत के उपकौन्सिल नियुक्त हुए. वर्ष 1970-71 में वे मॉस्को में स्थित भारतीय दूतावास में मंत्री रहे. वर्ष  1971-74 तक वे थाईलैंड में भारत के राजदूत रहे तथा तत्कालीन ‘‘ईकेस’’ एवं ‘‘इस्कैप’’ संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 1974-76 तक वे इराक में भारत के राजदूत रहे.

सेवानिवृत्ति के बाद भंडारी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (आई) के विदेश विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.  वर्ष 1988 को दिल्ली के उपराज्यपाल बने और उन्होंने 13 दिसम्बर, 1990 को इस पद से त्यागपत्र दे दिया. भंडारी ने भारतीय राजनीति में विभिन्न भूमिकाओं का भी निर्वाह किया है और उन्होंने अपने राज्यपाल कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया. रोमेश भंडारी का निधन 7 सितंबर 2013 को नई दिल्ली में हुआ था.

==========  =========  ===========

अभिनेता उत्त्पल दत्त

उत्त्पल दत्त एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेता थे, जिन्होंने बॉलीवुड में अपना नाम किया. उत्त्पल दत्त का जन्म 29 मार्च, 1929 को पूर्वी बंगाल (ब्रिटिश भारत) के बारीसाल में एक हिन्दू परिवार में हुआ था. उत्त्पल दत्त ने हिन्दी और बांग्ला फ़िल्मों में अपनी अमिट छाप छोड़ी. एक अभिनेता के रूप में उत्पल दत्त ने लगभग हर किरदार को निभाया. दत्त ने थिएटर और फ़िल्म एक्ट्रेस शोभा सेन से विवाह किया.

उत्त्पल दत्त ने कैरियर की शुरुआत थिएटर से की. थियेटर के दौरान नाटक ‘ओथेलो’ से उन्हें काफ़ी प्रशंसा मिली थी. वर्ष 1950 के बाद उन्होंने प्रोडक्‍शन कंपनी जॉइन कर बंगाली फ़िल्मों में अभिनय कैरियर की शुरुआत की.

उन्होंने अपने कैरियर के दौरान कई प्रमुख फ़िल्मों में काम किया, जैसे “मेमेंटो मोरी”, “आनंद”, “गोलमाल”, “बाज़ार” और “शान”. उत्त्पल दत्त की अदाकारी, उनकी व्यक्तित्व और उनकी एकल शैली काफी प्रशंसा प्राप्त कर चुकी थी. उनका कार्य सिनेमा के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में माना जाता है. उत्त्पल दत्त का निधन 19 अगस्त 1993 को हुआ था. 

==========  =========  ===========

अभिनेत्री ज़ोआ मोरानी

ज़ोआ मोरानी एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है. ज़ोआ मोरानी एक प्रतिभाशाली भारतीय अभिनेत्री हैं जिन्होंने ‘ऑलवेज कभी कभी’ और ‘मस्तान’ जैसी फिल्मों में काम किया है और वेब सीरीज ‘भौकाल’ में अपनी पहचान बनाई है. वह अपनी मेहनत और समर्पण से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

ज़ोआ मोरानी का जन्म 29 मार्च 1988 को नई दिल्ली में हुआ था. ज़ोआ प्रसिद्ध फिल्म निर्माता करीम मोरानी की बेटी हैं. एक फिल्मी परिवार से होने के बावजूद, ज़ोआ ने अपनी पहचान अपने अभिनय कौशल और आकर्षक व्यक्तित्व से बनाई है.

ज़ोआ ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 2011 में शाहरुख खान की होम प्रोडक्शन फिल्म ‘ऑलवेज कभी कभी’ से की. इस फिल्म में उन्होंने नंदिनी ठक्कर की भूमिका निभाई, जो युवा दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुई. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन ज़ोआ के अभिनय को सराहा गया.

इसके बाद, ज़ोआ वर्ष 2013 में रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘मस्तान’ में दिखाई दीं. इस फिल्म में उनके साथ नसीम अब्बास और तरुण बजाज मुख्य भूमिकाओं में थे. हालांकि यह फिल्म भी व्यावसायिक रूप से सफल नहीं रही, लेकिन ज़ोआ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

ज़ोआ ने फिल्मों के अलावा वेब सीरीज में भी काम किया है. वर्ष 2020 में, वह लोकप्रिय वेब सीरीज ‘भौकाल’ में दिखाई दीं, जिसमें उन्होंने रियाज भाटी की पत्नी रश्मि के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस सीरीज में उनके काम को दर्शकों ने काफी पसंद किया.

==========  =========  ===========

अभिनेत्री मंदाना करीमी

मंदाना करीमी एक अभिनेत्री और मॉडल हैं. जिनका जन्म 29 मार्च 1988 को तेहरान, ईरान में हुआ था. उनका असली नाम मनिज़ेह करीमी है. उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में सफलता हासिल करने के बाद बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई. मंदाना ने कई अंतरराष्ट्रीय मॉडलिंग प्रोजेक्ट्स पर काम किया और फिर भारतीय फिल्म उद्योग में कदम रखा.

मंदाना ने अपने कैरियर की शुरुआत एक एयर होस्टेस के रूप में की थी, जिसे उन्होंने बाद में मॉडलिंग में कैरियर बनाने के लिए छोड़ दिया. वर्ष 2010 में, वह एक मॉडलिंग असाइनमेंट के लिए तीन महीने के लिए मुंबई आईं. भारत में काम करने का उनका अनुभव काफी अच्छा रहा और वर्ष 2013 में उन्होंने मुंबई में स्थायी रूप से रहने और अभिनय में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया.

उन्होंने शाहरुख खान, सैफ अली खान, करीना कपूर, शाहिद कपूर और अर्जुन कपूर जैसे बड़े सितारों के साथ कई टीवी विज्ञापनों में काम किया. वर्ष 2015 में, उन्होंने फिल्म ‘रॉय’ में एक छोटी भूमिका निभाई. उसी वर्ष, उनकी दो और फिल्में ‘भाग जॉनी’ और ‘मैं और चार्ल्स’ रिलीज़ हुईं, जिनमें उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं. वर्ष 2016 में, वह कॉमेडी फिल्म ‘क्या कूल हैं हम 3’ में मुख्य अभिनेत्री के रूप में नज़र आईं. उन्होंने चीनी फिल्म ‘ज़ुआनज़ांग’ में भी काम किया है. उनकी हालिया फिल्म वर्ष 2022 में आई ‘थार’ है, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई थी.

मंदाना करीमी को असली पहचान वर्ष 2015 में लोकप्रिय रियलिटी टीवी शो ‘बिग बॉस 9’ में भाग लेने के बाद मिली. उन्होंने शो में अपने बेबाक अंदाज और मजबूत व्यक्तित्व से दर्शकों का ध्यान खींचा और वह शो की दूसरी रनर-अप रहीं. ‘बिग बॉस’ के बाद उनकी लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई. उन्होंने वर्ष 2018 में स्टार प्लस के शो ‘इश्कबाज़’ में नैंसी मल्होत्रा के रूप में भी काम किया. वर्ष 2022 में, वह कंगना रनौत द्वारा होस्ट किए गए रियलिटी शो ‘लॉक अप’ में भी एक प्रतियोगी के रूप में शामिल हुईं. मंदाना का जन्म तेहरान में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके पिता भारतीय मूल के हैं और उनकी माँ ईरानी हैं. उन्होंने वर्ष 2017 में भारतीय व्यवसायी गौरव गुप्ता से शादी की थी, लेकिन उनका यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया और वर्ष 2021 में उनका तलाक हो गया.

मंदाना करीमी ने अपने कैरियर में कुछ विवादों का भी सामना किया है. उन्होंने ‘क्या कूल हैं हम 3’ के निर्देशक उमेश घाडगे पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके अलावा, उन्होंने फिल्म निर्माता साजिद खान पर भी यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और वर्ष 2022 में साजिद खान के ‘बिग बॉस 16’ में प्रतियोगी के रूप में शामिल होने के बाद बॉलीवुड छोड़ने की इच्छा व्यक्त की थी.

मंदाना करीमी एक मजबूत और स्वतंत्र महिला के रूप में जानी जाती हैं, जिन्होंने अपने कैरियर में कई उतार-चढ़ाव देखे. मॉडलिंग से लेकर बॉलीवुड और फिर रियलिटी टेलीविजन तक, उन्होंने विभिन्न माध्यमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. अब इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में उनकी नई शुरुआत दर्शाती है कि वह चुनौतियों का सामना करने और नए रास्ते तलाशने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं.

==========  =========  ===========

फिल्म निर्देशक/स्क्रीन राइटर सुधा कोंगरा प्रसाद

सुधा कोंगरा प्रसाद एक भारतीय फिल्म निर्देशक और स्क्रीन राइटर हैं, जो मुख्य रूप से तमिल सिनेमा में सक्रिय हैं. उनका जन्म 29 मार्च 1989 को विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में एक तेलुगु भाषी परिवार में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ. उन्होंने चेन्नई के विमेंस क्रिश्चियन कॉलेज से इतिहास और मास कम्युनिकेशन में डिग्री हासिल की.

सुधा ने अपने कैरियर की शुरुआत एक स्क्रीन राइटर के तौर पर वर्ष 2002 में बनी अंग्रेजी फिल्म ‘मित्र, माय फ्रेंड’ से की. इस फिल्म को 49वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी फिल्म का पुरस्कार मिला. इसके बाद, उन्होंने सात वर्षों तक प्रसिद्ध निर्देशक मणि रत्नम के साथ एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में काम किया. इस दौरान उन्होंने ‘युवा’ (2004) और ‘आयूथा एज़ुथु’ (2004) जैसी फिल्मों में काम किया, जिससे उन्हें निर्देशन की बारीकियों को समझने में मदद मिली.

निर्देशक के तौर पर सुधा कोंगरा ने वर्ष 2010 में तमिल फिल्म ‘द्रोही’ से डेब्यू किया. यह फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल नहीं रही, लेकिन इसने एक निर्देशक के रूप में उनकी क्षमता को दर्शाया. इसके बाद, सुधा ने मुक्केबाजी पर आधारित एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म ‘इरुधि सुटरु’ (2016) लिखी और निर्देशित की. इस फिल्म को तमिल और हिंदी (साला खड़ूस के नाम से) में एक साथ बनाया गया था. आर. माधवन और नवोदित रितिका सिंह अभिनीत इस फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों दोनों से ही खूब सराहना मिली. ‘इरुधि सुटरु’ ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया और सुधा को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार – तमिल सहित कई पुरस्कार दिलाए. उन्होंने बाद में इसी फिल्म का तेलुगु रीमेक ‘गुरु’ (2017) भी निर्देशित किया, जिसमें वेंकटेश और रितिका सिंह ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं.

सुधा कोंगरा की सबसे बड़ी सफलता वर्ष 2020 में आई फिल्म ‘सूरराई पोट्टरु’ थी. यह फिल्म एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जी.आर. गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित थी. सूर्या और अपर्णा बालमुरली अभिनीत इस फिल्म का लेखन और निर्देशन सुधा ने ही किया था. कोविड-19 महामारी के कारण यह फिल्म सीधे अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई, लेकिन इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. ‘सूरराई पोट्टरु’ को न केवल व्यावसायिक सफलता मिली, बल्कि इसने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते. 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले (सुधा कोंगरा और शालिनी उषादेवी) सहित पाँच पुरस्कार अपने नाम किए.

वर्ष 2020 में, सुधा ने अमेज़न प्राइम वीडियो के एंथोलॉजी फिल्म ‘पुथम पुधु कालाई’ के सेगमेंट “इलामई इधो इधो” का भी निर्देशन किया. इसके अलावा, उन्होंने नेटफ्लिक्स की एंथोलॉजी फिल्म ‘पावा कढाइगल’ के सेगमेंट “थंगम” का निर्देशन और लेखन किया, जिसने ट्रांसजेंडर समुदाय के मुद्दों को संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया. हाल ही में, सुधा कोंगरा ने ‘सूरराई पोट्टरु’ का हिंदी रीमेक ‘सरफिरा’ (2024) निर्देशित किया है, जिसमें अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में हैं. यह फिल्म भी अपनी प्रेरणादायक कहानी और कलाकारों के प्रदर्शन के लिए सराही जा रही है.

सुधा कोंगरा प्रसाद एक ऐसी निर्देशक और लेखिका हैं जो मजबूत महिला किरदारों और प्रेरणादायक कहानियों को पर्दे पर लाने के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने विभिन्न भाषाओं में काम किया है और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. उनकी फिल्में अक्सर मानवीय भावनाओं, संघर्षों और सपनों को गहराई से छूती हैं, जिससे वे दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना लेती हैं. उनकी अगली फिल्म ‘परशक्ति’ है, जो 1965 के तमिलनाडु के हिंदी विरोधी आंदोलनों पर आधारित है और फिलहाल निर्माण के अधीन है. इसके अलावा, वह सूर्या के साथ एक और फिल्म (Suriya 43) पर भी काम कर रही हैं.

==========  =========  ===========

हास्य अभिनेता जगदीप

जगदीप जिनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था, भारतीय सिनेमा के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता थे. उनका जन्म 29 मार्च 1939 को दतिया, मध्य प्रदेश में हुआ था. जगदीप ने अपने कैरियर में सैकड़ों फिल्मों में काम किया और अपनी कॉमिक टाइमिंग और अभूतपूर्व अभिनय क्षमता के कारण दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई.

जगदीप ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी. उन्होंने अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए.

शोले (1975): – जगदीप का किरदार “सूरमा भोपाली” भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार और प्रतिष्ठित हास्य किरदारों में से एक है. इस किरदार ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया.

ब्रह्मचारी (1968): – इस फिल्म में उनके कॉमिक रोल ने उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए नामांकित किया.

अंदाज अपना अपना (1994): – इस फिल्म में जगदीप ने सलमान खान के पिता का किरदार निभाया, जो दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ.

पुराना मंदिर (1984): – इस हॉरर-कॉमेडी फिल्म में जगदीप का किरदार भी काफी पसंद किया गया.

जगदीप ने 400 से अधिक फिल्मों में काम किया और उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी की शैली ने उन्हें हास्य अभिनय की दुनिया में एक अलग स्थान दिलाया. उन्होंने अपने पूरे कैरियर में विभिन्न प्रकार के किरदार निभाए और हर किरदार में अपनी अनूठी छाप छोड़ी.

जगदीप का विवाह नज़मा से हुआ था और उनके छह बच्चे हैं. उनके बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी भी भारतीय फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में सफल कलाकार हैं. जगदीप का निधन 8 जुलाई 2020 को मुंबई में हुआ था. उनके निधन से भारतीय सिनेमा ने एक महान हास्य अभिनेता को खो दिया, लेकिन उनकी फिल्मों और किरदारों के माध्यम से वे हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगे.

जगदीप का जीवन और कैरियर उनके समर्पण, मेहनत, और हास्य अभिनय के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है. उनके योगदान को भारतीय सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा.

==========  =========  ===========

क्रिकेटर हनुमंत सिंह

क्रिकेटर हनुमंत सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान थे और भारतीय क्रिकेट की दिग्गज व्यक्तित्वों में से एक थे. उन्होंने वर्ष 1964 -69 तक भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला.

हनुमंत सिंह को विशेषत: उनकी बल्लेबाज़ी के क्षेत्र में प्रशंसा मिली थी, उन्होंने कई बार भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने टेस्ट मैचों में 14 और रनबन्दी में 2 शतक बनाए.

क्रिकेटर हनुमंत सिंह का जन्म 29 दिसम्बर 1939 को हुआ था. उनका निधन 29 जनवरी 2006 को हुआ था.

==========  =========  ===========

साहित्यकार सियारामशरण गुप्त

 

सियारामशरण गुप्त भारतीय हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध कवि थे. उनका जन्म 4 सितम्बर 1895 में उत्तर प्रदेश के चिरगांव में हुआ था. गुप्त जी का निधन 29 मार्च 1963 को हुआ. उनके साहित्य में देशभक्ति, प्रकृति, सामाजिक और आध्यात्मिक विचारों का सुंदर मिश्रण मिलता है. उन्होंने छंदबद्ध कविता को नया आयाम दिया और हिंदी साहित्य में उनकी रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं.

सियारामशरण गुप्त की प्रसिद्ध कृतियों में ‘आर्द्रा, ‘दुर्वादल, ‘विषाद, ‘बापू तथा ‘गोपिका आदि शामिल हैं. उनकी पहली रचना ‘मौर्य विजय’ थी. इसके अतिरिक्त इन्होंने ‘गोद, ‘नारी, ‘अंतिम आकांक्षा (उपन्यास), ‘मानुषी (कहानी संग्रह), नाटक, निबंध आदि लगभग 50 ग्रंथ रचे थे.

 गुप्त की भाषा-शैली पर घर के वैष्णव संस्कारों और गांधीवाद का प्रभाव था.  हिंदी में शुद्ध सात्विक भावोद्गारों के लिए गुप्त जी की रचनाएँ स्मरणीय रहेंगी. हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के वह प्रतिनिधि कवि हैं सियारामशरण गुप्त. उनका साहित्यिक योगदान हिंदी साहित्य को एक नई दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करता है.

==========  =========  ===========

कलाकार श्याम सुंदर कलानी

श्याम सुंदर कलानी का नाम हिंदी और राजस्थानी रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में उनके योगदान के संदर्भ में जाना जाता है. वे विशेष रूप से रामानंद सागर की प्रसिद्ध टेलीविजन श्रृंखला ‘रामायण’ में ‘सुग्रीव’ और ‘वालि’ की भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं. इस शो में उनकी अद्भुत अभिनय प्रतिभा और संवेदनशीलता ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई.

श्याम सुंदर कलानी ने राजस्थानी सिनेमा में भी काम किया और वहां की फिल्मों और रंगमंच के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा. उनकी अभिनय क्षमता और विविध भूमिकाओं में उनका निपुणता हासिल करने की क्षमता ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान प्रदान की.

श्याम सुंदर कलानी का जन्म 1940 में मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ और उनका निधन 29 मार्च 2020 को हुआ था.

:

Related Articles

Back to top button