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व्यक्ति विशेष

भाग – 457.

गणितज्ञ गोरख प्रसाद

गोरख प्रसाद एक प्रतिष्ठित भारतीय गणितज्ञ थे, जिनका जन्म 28 मार्च 1896 को गोरखपुर में हुआ था. उन्होंने वर्ष 1918 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से एम.एस-सी. की परीक्षा पास की और वे डॉ. गणेश प्रसाद के शिष्य थे. उन्होंने अपने शिक्षक के साथ वर्ष 1920 तक अनुसंधान किया और पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रेरणा से एडिनबरा गए, जहाँ उन्होंने वर्ष 1924 में गणित पर अपनी गवेषणा के लिए डी.एस-सी. की उपाधि प्राप्त की. वर्ष 1925 – 57 तक वे प्रयाग विश्वविद्यालय के गणित विभाग में रीडर के पद पर कार्यरत रहे और इसके बाद ‘हिंदी विश्वकोश’ के संपादन का भार संभाला​​​​​​.

गोरख प्रसाद की मुख्य कृतियों में ‘फलसंरक्षण’, ‘उपयोगी नुस्खे’, ‘तर्कीबें और हुनर’, ‘लकड़ी पर पालिश’, ‘घरेलू डाक्टर’, ‘तैरना’ और ‘सरल विज्ञानसागर’ शामिल हैं. ज्योतिष और खगोलशास्त्र में उनका गहरा ज्ञान था और इस विषय पर उनकी मुख्य पुस्तकें ‘नीहारिका’, ‘आकाश की सैर’, ‘सूर्य’, ‘सूर्यसारिणी’, ‘चंद्रसारिणी’ और ‘भारतीय ज्योतिष का इतिहास’ हैं. उन्होंने अंग्रेजी में भी गणित पर बी.एस-सी. स्तर के कई पाठ्य ग्रंथ लिखे हैं.

गोरख प्रसाद को कई सम्मान भी प्राप्त हुए. वर्ष 1931 में, उन्हें ‘फोटोग्राफी’ ग्रंथ पर हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा ‘मंगला प्रसाद पारितोषिक’ से सम्मानित किया गय. वर्ष 1932-33 में, काशी नागरी प्रचारिणी सभा से उन्हें उनकी पुस्तक ‘सौर परिवार’ पर डॉ. छन्नूलाल पुरस्कार, ग्रीब्ज़ पदक और रेडिचे पदक प्राप्त हुए. गोरख प्रसाद अपने नौकर की प्राणरक्षा के प्रयत्न में 5 मई 1961 को वाराणसी में निधन हुआ था​.

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अभिनेता अक्षय खन्ना

अक्षय खन्ना भारतीय सिनेमा के एक बहुमुखी अभिनेता हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों में अपनी अद्वितीय अभिनय शैली और गहराई से दर्शकों का दिल जीता है. उनका जन्म 28 मार्च 1975 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. वे प्रसिद्ध अभिनेता विनोद खन्ना और गीतांजलि तलेयर खन्ना के पुत्र हैं. उनके सौतेले भाई राहुल खन्ना भी एक अभिनेता हैं.

अक्षय ने अपनी शिक्षा मुंबई के बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल और एच.आर. कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से पूरी की.अभिनय में रुचि होने के कारण उन्होंने नमित कपूर एक्टिंग स्कूल से अभिनय की बारीकियां भी सीखी. अक्षय खन्ना ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1997 में फिल्म “हिमालय पुत्र” से की, जिसे उनके पिता विनोद खन्ना ने बनाया था. हालांकि, उन्हें असली पहचान वर्ष 1999 में आई फिल्म “ताल” से मिली. इसके बाद वह फरहान अख्तर की निर्देशन डेब्यू फिल्म ‘दिल चाहता है’ में नजर आये। यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर सेमी-हिट रही थी.

प्रमुख फिल्में: –  ताल, बॉर्डर, दिल चाहता है, हमराज़, दीवानगी, आनंद, रेस, हंगामा, गांधी, माय फादर, शांतिता, एयरलिफ्ट, नेय्याडि, द फैमिली मैन (वेब सीरीज़, 2019-2023).

अक्षय खन्ना को उनकी शांत, गंभीर और मैच्योर एक्टिंग के लिए जाने  जाते  है.उन्होंने अपने कैरियर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन अपनी लगन और प्रतिभा से उन्होंने खुद को बॉलीवुड में एक सम्मानित अभिनेता के रूप में स्थापित किया है.

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अभिनेता रजाक खान

रजाक खान भारतीय सिनेमा के एक अद्वितीय और प्रतिभाशाली कॉमेडियन थे, जिन्होंने अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली किरदारों से दर्शकों का दिल जीता. उनका जन्म 28 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. वे अपनी कॉमिक टाइमिंग और अतरंगी किरदारों के लिए जाने जाते थे, जो आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं.

रजाक खान ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1986-87 में टीवी शो “नुक्कड़” से की, जिसमें उन्होंने उल्लास भाई का किरदार निभाया. इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा और वर्ष 1992 में फिल्म “मीरा का मोहन” से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की. रजाक खान ने अपने कैरियर में लगभग 186 फिल्मों में काम किया

प्रमुख फिल्में: –  हेरा फेरी, खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे, हंगामा, हेलो ब्रदर.

रजाक खान के किरदारों के अतरंगी नाम जैसे कलीम ढीला, फेंकू, मुन्ना हटेला, और फैय्याज टक्कर ने उन्हें एक अलग पहचान दी.रजाक खान ने फिरोजा खान से शादी की और उनके तीन बच्चे हैं – खुर्शीद, यासीन और अलिशा.

रजाक खान ने अपने अभिनय से दर्शकों को खूब हंसाया. उनका निधन 1 जून 2016 को हार्ट अटैक के कारण हुआ.

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अभिनेत्री संध्या मृदुल

संध्या मृदुल भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं, जो अपनी गहरी और प्रभावशाली भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं. उनका जन्म 28 मार्च 1975 को मुंबई में हुआ था.

संध्या मृदुल का पालन-पोषण मुंबई और दिल्ली में हुआ. उनके पिता पी. आर. मृदुल एक न्यायाधीश थे. जब संध्या मात्र 14 वर्ष की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद उनके बड़े भाई सिद्धार्थ मृदुल ने उनकी परवरिश की. उन्होंने जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल और दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की.

संध्या ने अपने कैरियर की शुरुआत टेलीविजन धारावाहिक “स्वाभिमान” से की. इसके बाद उन्होंने “बनेगी अपनी बात”, “कोशिश – एक आशा”, और “हूबहू” जैसे धारावाहिकों में काम किया. संध्या मृदुल ने फिल्मों में अपनी शुरुआत वर्ष 2002 में यशराज फिल्म्स की “साथिया” से की, जिसमें उन्होंने रानी मुखर्जी की बहन का किरदार निभाया. इसके बाद उन्होंने “पेज 3”, “हनीमून ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड”, और “रागिनी एमएमएस 2” जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया.

संध्या मृदुल ने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. उनकी भूमिकाएँ और अभिनय शैली उन्हें भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की एक अद्वितीय अभिनेत्री बनाती हैं.

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मॉडल नफीसा जोसफ

नफीसा जोसफ एक भारतीय मॉडल और एमटीवी वीडियो जॉकी थीं. उन्होंने 12 वर्ष की आयु में मॉडलिंग शुरू की और 1997 में मिस इंडिया यूनिवर्स जीता.

उन्होंने एमटीवी हाउज़ फुल और C.A.T.S जैसे शोज़ होस्ट किए.29 जुलाई 2004 को, नफीसा ने मुंबई केअपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली, उनकी शादी के कुछ ही सप्ताह पहले. इस त्रासदी के पीछे का कारण उनकी शादी का टूटना बताया गया था.

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अभिनेत्री सोनिया अग्रवाल

सोनिया अग्रवाल एक भारतीय अभिनेत्री हैं. जिनका जन्म 28 मार्च 1982 को चंडीगढ़ में हुआ था. वे मुख्य रूप से तमिल सिनेमा में अपने कार्यों के लिए जानी जाती हैं और कुछ तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है.

उन्हें कादल कोंडेन (2003), 7G रेनबो कॉलोनी (2004) और पुधुपेट्टै (2006) जैसी फिल्मों में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ जाना जाता है. विशेष रूप से, कादल कोंडेन में उनके सह-कलाकार धनुष के साथ उनका काम बहुत सफल रहा.

उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में एक ज़ी टीवी सीरियल में एक भूमिका की पेशकश की थी. अग्रवाल ने नी प्रेमकाई (2002), एक रोमांटिक तेलुगु फिल्म के साथ अपनी अभिनय शुरुआत की और फिर चंदु (2002), एक रोमांटिक कन्नड़ नाटक में अभिनय किया, जिसमें अभिनेता सुदीप के साथ काम किया.​

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गुरु अंगद देव

गुरु अंगद देव सिख धर्म के दूसरे गुरु थे. उनका जन्म 31 मार्च, 1504 को लहौर (वर्तमान में पाकिस्तान में) के पास माते की सराय नामक स्थान पर हुआ था. उनका मूल नाम लहिना था. गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनकाल में लहिना को अपना उत्तराधिकारी चुना और उन्हें अंगद का नाम दिया.

गुरु अंगद देव ने सिख धर्म में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए. उन्होंने गुरमुखी लिपि की शुरुआत की, जो कि एक लिखित भाषा है जिसका उपयोग पंजाबी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है. यह लिपि अब सिख धर्म के धार्मिक ग्रंथों को लिखने के लिए प्रमुखता से उपयोग में लाई जाती है.

गुरु अंगद देव ने समाज में समानता और एकता के प्रसार पर बल दिया. उन्होंने लंगर (सामूहिक भोजन) की परंपरा को और भी मजबूत किया, जो कि सभी जातियों और धर्मों के लोगों के बीच भेदभाव रहित समानता पर आधारित है.

गुरु अंगद देव ने अपने जीवन के दौरान धार्मिक और सामाजिक सुधारों पर जोर दिया और सिख धर्म के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी मृत्यु 28मार्च, 1552 को हुई थी.

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स्वतन्त्रता सेनानी बंसीलाल

बंसीलाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे. हालांकि, उनका नाम स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य नेताओं में नहीं गिना जाता है, वे भारतीय राजनीति, खासकर हरियाणा राज्य में, के एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे. बंसीलाल का जन्म 26 अगस्त, 1927 को हुआ था और उन्होंने भारतीय राजनीति में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दीं.

वे हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कई बार सेवारत रहे और उनके कार्यकाल में कई विकासपरक परियोजनाएं शुरू की गईं. उनका राजनीतिक कैरियर उल्लेखनीय था और उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों में काम किया. बंसीलाल का निधन 28 मार्च 2006 को हुआ था.

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