
स्वामी प्रणबानंद महाराज
स्वामी प्रणबानंद महाराज भारत के एक महान संत और योगी थे. वे “भारत सेवाश्रम संघ” (Bharat Sevashram Sangha) के संस्थापक थे, जो एक आध्यात्मिक और मानव सेवा संगठन है. उनका जन्म 29 जनवरी 1896 को पश्चिम बंगाल के जेस्सोर जिले (अब बांग्लादेश में) के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका मूल नाम बिनोद चंद्र घोषाल था.
स्वामी प्रणबानंद जी बचपन से ही आध्यात्मिक झुकाव वाले व्यक्ति थे. उन्होंने कठोर तप और साधना के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त किया. उन्हें अपने गुरुओं से योग और वेदांत की गहरी शिक्षा मिली. वर्ष 1917 में उन्होंने “भारत सेवाश्रम संघ” की स्थापना की. इस संगठन का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करना, शिक्षा का प्रसार करना, और प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य करना था.
भारत सेवाश्रम संघ ने कई प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, अकाल और भूकंप के समय राहत कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. संघ आज भी भारत और विदेशों में अपने सेवा कार्यों के लिए प्रसिद्ध है. उन्होंने वेदांत और सनातन धर्म के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया और समाज में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया.
स्वामी प्रणबानंद महाराज का निधन 8 जनवरी 1941 को हुआ. उनकी विरासत भारत सेवाश्रम संघ के रूप में आज भी जीवित है, जो लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है. यह संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आपदा राहत, और आदिवासी कल्याण जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है. संघ का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है और इसके भारत व विदेशों में कई शाखाएं हैं.
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निशानेबाज़ राज्यवर्धन सिंह राठौड़
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भारतीय सेना के पूर्व कर्नल, ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज, और राजनेता हैं. उनका जन्म 29 जनवरी 1970 को राजस्थान के जैसलमेर जिले में हुआ था. वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का मुख्य खेल डबल ट्रैप शूटिंग है. उन्होंने वर्ष 2004 के एथेंस ओलंपिक में भारत के लिए रजत पदक जीता. यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे भारत के पहले निशानेबाज बने. उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेल, और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी कई पदक जीते हैं. उनके खेल कैरियर के लिए उन्हें वर्ष 2004 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और वर्ष 2005 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भारतीय सेना में कर्नल के पद पर कार्यरत थे और सेना में सेवा के दौरान ही उन्होंने निशानेबाजी में प्रशिक्षण प्राप्त किया. उन्होंने सेना में रहते हुए भारत का प्रतिनिधित्व किया और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. वर्ष 2013 में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए. वर्ष 2014 में, उन्होंने राजस्थान के जयपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता. वर्ष 2017 में उन्हें केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री नियुक्त किया गया. उनके कार्यकाल में भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई गईं, जैसे “खेलो इंडिया”. उन्होंने भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कीं.
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का विवाह गायत्री राठौड़ से हुआ और उनके दो बच्चे हैं. वे अपने अनुशासन, कड़ी मेहनत और राष्ट्र के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं.राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने युवाओं को प्रेरित करने और खेलों को कैरियर के रूप में अपनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
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अभिनेत्री मीरा वासुदेवन
मीरा वासुदेवन एक प्रतिभाशाली भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं, जो मुख्य रूप से मलयालम, तमिल, तेलुगु, और हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने टेलीविज़न धारावाहिकों में भी काम किया है और एक सफल मॉडल के रूप में भी पहचान बनाई है. उनका जन्म 29 जनवरी 1982 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था.
मीरा ने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और जल्द ही उन्होंने विज्ञापन फिल्मों में काम करना शुरू किया. उन्होंने कई ब्रांड्स के लिए विज्ञापन किए, जिसमें उनके अभिनय को दर्शकों ने खूब पसंद किया.
मीरा ने वर्ष 2003 में “रूल्स: प्यार का सुपरहिट फार्मूला” नामक फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया. इस फिल्म में उनका किरदार और अभिनय काफी सराहा गया. मीरा का मलयालम सिनेमा में पदार्पण फिल्म “तनमतरा” (वर्ष 2005) के साथ हुआ. यह फिल्म निर्देशक ब्लेस्सी की थी और इसमें सुपरस्टार मोहनलाल के साथ उन्होंने अभिनय किया. इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का केरल राज्य फिल्म पुरस्कार मिला. उन्होंने तमिल फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनाई. उनकी फिल्म “ऊना केटे मोडहेन” दर्शकों के बीच काफी चर्चित रही.
मीरा ने टेलीविज़न में भी काम किया और कई धारावाहिकों में शानदार प्रदर्शन किया. उनका प्रमुख टीवी शो “चक्रवाकम” (तेलुगु) और “मायावी” (तमिल) है. मीरा वासुदेवन का विवाह अनिरुद्ध जयकर से हुआ था, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया. इसके बाद उन्होंने फिल्म निर्माता विशाल अग्रवाल से शादी की, लेकिन यह रिश्ता भी ज्यादा समय तक नहीं चला. उनके जीवन के व्यक्तिगत उतार-चढ़ावों के बावजूद, मीरा ने हमेशा अपने कैरियर पर ध्यान केंद्रित किया.
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जॉर्ज फ़र्नांडिस
जॉर्ज फ़र्नांडिस एक प्रमुख भारतीय राजनेता थे जो भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं. उनका पूरा नाम जॉर्ज माथेव फ़र्नांडिस था. वे 3 जून 1930 को मंगलुरु, कर्नाटका में पैदा हुए थे और 29 जनवरी 2019 को दिल्ली में निधन हुआ था.
जॉर्ज फ़र्नांडिस का राजनीतिक कैरियर बहुत लम्बा और विविध था. वे सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य थे और विभिन्न समयों पर विभिन्न सरकारों में मंत्री मंत्रिमंडल में भाग लिया. वर्ष 1989 -90 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर जनता पार्टी की सरकार में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई और रेलवे मंत्री बने.
उन्होंने रेलवे मंत्री के रूप में रेलवे सेवाओं को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. उन्होंने रेलवे में कर्मचारियों के हकों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए और रेलवे के सुधारों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की.
जॉर्ज फ़र्नांडिस के नाम भारतीय समाज में सोशलिस्ट और ट्रेड यूनियनों के प्रति उनकी संवेदनाओं के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने भारतीय समाजवाद पार्टी के सदस्य के रूप में भी अपने राजनैतिक कैरियर को जारी रखा और विभिन्न समयों पर सरकारों में भाग लिया. जॉर्ज फ़र्नांडिस के पूर्ण जीवन और राजनैतिक कैरियर में विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाएं थीं, और वे भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माने जाते हैं.
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अभिनेता अरविंद जोशी
अरविंद जोशी एक प्रख्यात भारतीय अभिनेता, निर्देशक, और गुजराती रंगमंच के जाने-माने कलाकार थे. वे मुख्य रूप से गुजराती थियेटर में अपने शानदार योगदान और अभिनय के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने हिंदी फिल्मों और गुजराती सिनेमा में भी काम किया. वे हिंदी फिल्म और टीवी अभिनेता शरमन जोशी के पिता थे.
अरविंद जोशी का जन्म 1936 में मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत रंगमंच से की और गुजराती थियेटर में अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाया. वे अपने समय के सबसे बेहतरीन नाटककारों में से एक थे.
अरविंद जोशी ने गुजराती नाटकों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं. उन्होंने कई नाटकों का निर्देशन और निर्माण भी किया. उनके नाटक न केवल गुजरात में, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों में भी बेहद लोकप्रिय हुए. उनकी प्रस्तुतियां मुख्यतः हास्य, सामाजिक मुद्दों, और पारिवारिक विषयों पर केंद्रित होती थीं.
अरविंद जोशी ने हिंदी फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाईं. उनकी अदाकारी अक्सर सरल और प्रभावी होती थी, जो दर्शकों को याद रहती थी. गुजराती सिनेमा में भी उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण था. उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और सिनेमा को समृद्ध किया.
अरविंद जोशी के बेटे शरमन जोशी बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता हैं, जो “3 इडियट्स” और “गोलमाल” जैसी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनकी बेटी मानसी जोशी रॉय भी एक अभिनेत्री हैं और टीवी धारावाहिकों में काम कर चुकी हैं. उनके परिवार में कला और अभिनय की परंपरा को शरमन और मानसी ने बखूबी आगे बढ़ाया.
अरविंद जोशी का जीवन सरल और अनुशासित था. वे एक सुलझे हुए कलाकार थे, जो हमेशा अपने काम के प्रति समर्पित रहते थे. अरविंद जोशी का निधन 29 जनवरी 2021 को मुंबई में हुआ. उनके निधन से गुजराती रंगमंच और फिल्म इंडस्ट्री ने एक महान कलाकार को खो दिया.