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स्वतन्त्रता सेनानी तिलका माँझी
तिलका माँझी भारत के प्रथम जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था. तिलका माँझी का जन्म 11 फ़रवरी 1750 में हुआ था. वे संथाल जनजाति से संबंध रखते थे और बिहार के भागलपुर जिले में जन्मे थे.
तिलका माँझी ने वर्ष 1770 के दशक में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया. जब अंग्रेजों ने संथालों पर भारी कर लगाया और उनके प्राकृतिक संसाधनों पर कब्ज़ा जमाने लगे, तो उन्होंने इसके खिलाफ विद्रोह किया. वर्ष 1784 में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ खुली बगावत की और भागलपुर के तत्कालीन गवर्नर ऑगस्टस क्लीवलैंड पर हमला कर उसे घायल कर दिया, जिसकी बाद में मृत्यु हो गई. इस घटना के बाद अंग्रेजों ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की.
13 जनवरी 1785 में तिलका माँझी को अंग्रेजों ने पकड़ लिया और घोड़े से बाँधकर घसीटा गया. इसके बाद भागलपुर में एक पीपल के पेड़ पर उन्हें फांसी दे दी गई. आज भी तिलका माँझी को एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है. भागलपुर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय रखा गया है.
तिलका माँझी ने अपने साहस और संघर्ष से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने. वे भारत के पहले जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हथियार उठाए.
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अभिनेत्री टीना मुनीम
टीना मुनीम एक प्रमुख भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपनी अभिनय कला के माध्यम से फ़िल्म उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है. उनके पति का नाम अनिल अंबानी है. टीना मुनीम का जन्म 11 फरवरी, 1955 को हुआ था. उन्होंने 1975 में एक अंतर्राष्ट्रीय सौन्दर्य प्रतियोगिता को जीता था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 1978 में फिल्म देस-परदेस से की थी.
फ़िल्में: – देस परदेस, आप के दीवाने, कर्ज़, रॉकी, ये वादा रहा, सुराग, पु्कार, बड़े दिल वाला, सौतन, आखिर क्यों?, समय की धारा और मुकद्दर का फैसला आदि.
टीना मुनीम को उनके अभिनय के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
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अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा
अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा भारतीय सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्री हैं. उन्होंने अपनी अभिनय कला के माध्यम से फिल्म उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाई है. अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा का जन्म जन्म 11 फ़रवरी 1984 को हैदराबाद में हुआ था.उनका वास्तविक नाम मोना चोपड़ा है. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 2005 में फिल्म टाइमपास से की थी.
फ़िल्में:- टाईम पास, रेड स्वस्तिक, गेम, दोस्ती और नॉटी बॉट आदि.
उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में सहायक भूमिकाये अदा की. निर्देशक रुपेश पॉल की इंग्लिश फिल्म कामसूत्र 3 डी की मुख्य हीरोइन भी रह चुकीं हैं. शर्लिन कलर्स के बहुचर्चित और बहु विवादित शो बिगबॉस सीजन 3 का हिस्सा रह चुकीं हैं.
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निर्माता-निर्देशक कमाल अमरोही
कमाल अमरोही एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान कई महत्वपूर्ण फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया है. वे भारतीय सिनेमा में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं. कमाल अमरोही का जन्म 17 जनवरी 1918 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा के ज़मींदार परिवार में हुआ था. उनका वास्तविक नाम सैयद आमिर हैदर है. कमाल अमरोही के काम पर उनके व्यक्तित्व की छाप रहती थी.
प्रसिद्ध फिल्में: –
फ़िल्म महल – रहस्य और रोमांस के ताने-बाने से बुनी मधुर गीत-संगीत और ध्वनि के कल्पनामय इस्तेमाल से बनी यह फ़िल्म सुपरहिट रही. इस फिल्म का निर्देशन कमाल अमरोही ने किया था.
फिल्म पाकीज़ा – पाकीज़ा कमाल की ज़िंदगी का ड्रीम प्रोजेक्ट थी और इस फिल्म का भी निर्देशन कमाल ने ही किया था. फिल्म पाकीजा की बेहतरीन संवाद, गीत-संगीत, दृश्यांकन और अभिनय से सजी इस फ़िल्म ने रिकार्डतोड़ कामयाबी हासिल की और आज यह फ़िल्म इतिहास की क्लासिक फ़िल्मों में गिनी जाती है.
जेलर (1938), मैं हारी (1940), भरोसा (1940), मज़ाक (1943), फूल (1945), शाहजहां (1946), महल (1949), दायरा (1953), दिल अपना और प्रीत पराई (1960), मुग़ले आजम (1960), पाकीज़ा (1971), शंकर हुसैन (1977) और रज़िया सुल्तान (1983), भरोसा (1940) आदि.
कमाल अमरोही ने अपने कलात्मक दृष्टिकोण और कला के प्रति उनकी समर्पणशीलता के लिए सिनेमा उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है. कमाल अमरोही का निधन 11 फरवरी 1993 को हुआ था.
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फ़ख़रुद्दीन अली अहमद
फ़ख़रुद्दीन अली अहमद भारत के पाँचवें राष्ट्रपति रहे हैं. उनका कार्यकाल 24 जुलाई 1974 से 24 जुलाई 1977 तक था. वे भारतीय राजनीति में एक प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्ति थे. उन्होंने भारतीय समाज और राजनीति में विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दिया.
फ़ख़रुद्दीन अली अहमद जी का जन्म 13 मई, 1905 को पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में हुआ था और उनका निधन 11 फरवरी 1977 को हुआ था. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना समर्थन प्रदान किया. उनके प्रमुख कार्यक्षेत्रों में शामिल भारतीय राजनीति, शिक्षा और सामाजिक न्याय शामिल हैं.
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पंडित दीनदयाल उपाध्याय
पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के एक प्रमुख नेता, विचारक, और राष्ट्रवादी थे, जिन्हें भारतीय राजनीति में “एकात्म मानववाद” और “अंत्योदय” के सिद्धांतों के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में हुआ था. उपाध्याय का जीवन राष्ट्र निर्माण और भारतीय संस्कृति के संरक्षण को समर्पित था.
एकात्म मानववाद: – पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एक प्रमुख सिद्धांत है, जिसमें वे कहते हैं कि समाज को पश्चिमी भौतिकवादी दृष्टिकोण से हटकर संपूर्ण मानवता के कल्याण की दिशा में सोचना चाहिए. उनका विचार था कि विकास केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उन्नति भी इसमें शामिल होनी चाहिए.
अंत्योदय: – इस सिद्धांत का अर्थ है कि समाज के सबसे निचले तबके के व्यक्ति का उत्थान किया जाना चाहिए. उनका मानना था कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास नहीं होगा, तब तक समग्र विकास संभव नहीं है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रूप में विकसित हुआ. वे 1967 में भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बने और पार्टी के संगठन को मजबूत किया. वे हमेशा से भारतीयता, स्वदेशी, और ग्रामीण भारत के पुनर्निर्माण के पक्षधर थे.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन काफी सादगीपूर्ण था. उनके माता-पिता का निधन उनके बचपन में ही हो गया था, और उनके पालन-पोषण का जिम्मा उनके नाना-नानी ने संभाला. शिक्षा के क्षेत्र में भी वे काफी मेधावी थे, लेकिन उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित कर दिया.
वर्ष 1968 में, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु बहुत ही रहस्यमय परिस्थितियों में हुई. वे मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर मृत पाए गए थे, और उनकी मृत्यु का कारण आज भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी भारतीय राजनीति और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं.
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उद्योगपति जमनालाल बजाज
जमनालाल बजाज भारत के एक प्रमुख उद्योगपति थे और भारतीय उद्योग के एक महत्वपूर्ण स्तम्भ माने जाते हैं. उन्होंने बजाज ग्रुप की स्थापना की, जो विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग और व्यापार में गतिविधियों को संचालित करता है.
जमनालाल बजाज का जन्म 4 नवम्बर, 1889 को राजस्थान के एक छोटे से गांव काशी का वास में हुआ था. उन्होंने उद्योग और व्यापार में अपनी कुशलता के बल पर बजाज ग्रुप को एक महान उद्यमी संस्था बनाया. उन्होंने उद्योग विकास में अपनी नेतृत्व की भूमिका निभाई और उनका योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता और समृद्धि में मदद करने में महत्वपूर्ण रहा.
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना की, जिसमें अटूल ऑटो, बजाज ऑटो, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, बजाज स्टील और बजाज फिन्सर्व को शामिल किया गया. जमनालाल बजाज के योगदान के लिए पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया. जमनालाल बजाज का निधन 11 फ़रवरी 1942 को हुआ था, लेकिन उनका योगदान उद्योग और समाज के लिए हमेशा याद किया जाएगा.
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फ़िल्म निर्देशक रवि टंडन
रवि टंडन एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक और निर्माता थे, जिन्होंने वर्ष 1970 – 80 के दशक में बॉलीवुड में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई. उन्होंने कई सफल फिल्मों का निर्देशन किया जिसमें विविध शैलियों की फिल्में शामिल हैं, जैसे कि रोमांस, ड्रामा, और एक्शन. रवि टंडन की फिल्मों में अक्सर मानवीय भावनाओं और संबंधों की गहराई को बड़े पर्दे पर उतारा गया है, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया.
रवि टंडन का जन्म 17 फ़रवरी, 1935 को उत्तर प्रदेश में आगरा शहर के माइथान में एक पंजाबी फैमिली में हुआ था. उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्मों में लव इन शिमला, ये रस्ते हैं प्यार के, अनहोनी, मजबूर, जिंदगी, झूठा कहीं का, वक्त की दीवार, आन और शान और नजराना शामिल हैं. रवि टंडन की फिल्में उनकी निर्देशन कला, कहानी कहने की शैली और किरदारों के चित्रण के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने अपने कैरियर में उस समय के कई प्रमुख अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के साथ काम किया, जिनमें राजेश खन्ना, विनोद मेहरा, रेखा, और अमिताभ बच्चन जैसे नाम शामिल हैं.
रवि टंडन ने अपनी फिल्मों के माध्यम से न केवल मनोरंजन प्रदान किया बल्कि सामाजिक संदेश देने की कोशिश भी की. उनकी फिल्में अक्सर उस समय के सामाजिक परिदृश्य को दर्शाती थीं और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती थीं. रवि टंडन का निर्देशन कैरियर उन्हें भारतीय सिनेमा के महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में से एक के रूप में स्थापित करता है. रवि टंडन की मृत्यु 11 फ़रवरी, 2022 को मुम्बई में हुई थी.