रमाबाई आम्बेडकर
रमाबाई आम्बेडकर जो डॉ. भीमराव आम्बेडकर की पत्नी थीं. उनका जन्म 7 फरवरी 1897 को महाराष्ट्र के वणंद गांव में हुआ था और उनका निधन 27 मई 1935 को हुआ. रमाबाई का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने अपने पति डॉ. भीमराव आम्बेडकर के साथ हर मुश्किल में उनका साथ दिया और उनका संबल बनीं.
रमाबाई का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम भिकू धूतरे और रुक्मिणी था. रमाबाई और भीमराव आम्बेडकर की शादी 1906 में हुई थी, जब भीमराव आम्बेडकर सिर्फ 15 वर्ष के थे और रमाबाई 9 वर्ष की थीं. डॉ. भीमराव आम्बेडकर की शिक्षा और सामाजिक सुधार के कार्यों के दौरान रमाबाई ने उनका पूर्ण समर्थन किया. उन्होंने गरीबी और समाज की प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया और अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाया.
रमाबाई ने अपने जीवन को सादगी और धैर्य के साथ जीया. उनके पास साधारण साधन थे, लेकिन उन्होंने अपने पति की पढ़ाई और समाज सुधार के कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी. रमाबाई का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता था, लेकिन उन्होंने अपनी समस्याओं का सामना हिम्मत से किया. 27 मई 1935 को उनका निधन हो गया, जो डॉ. आम्बेडकर के लिए एक बड़ी क्षति थी.
रमाबाई का जीवन डॉ. आम्बेडकर के लिए प्रेरणा का स्रोत था. उनकी सहनशीलता, संघर्ष और समर्पण ने डॉ. आम्बेडकर को समाज सुधार के उनके महान कार्यों में मदद की. रमाबाई की स्मृति को सम्मानित करने के लिए कई संस्थान और संगठन उनके नाम पर स्थापित किए गए हैं. डॉ. आम्बेडकर ने अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्य उनके सम्मान में किए.
रमाबाई आम्बेडकर का जीवन एक महान संघर्ष और समर्पण की कहानी है. उन्होंने एक साधारण महिला के रूप में असाधारण कार्य किए और डॉ. भीमराव आम्बेडकर के जीवन और कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनका नाम भारतीय इतिहास में हमेशा सम्मान और श्रद्धा के साथ लिया जाएगा.
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क्रान्तिकारी मन्मथनाथ गुप्त
मन्मथनाथ गुप्त भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी और लेखक थे. वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सक्रिय सदस्य थे और काकोरी कांड (1925) में शामिल थे. मन्मथनाथ गुप्त का जन्म 7 फरवरी 1908 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था. महज 13 वर्ष की आयु में ही स्वतन्त्रता संग्राम में कूद गये और जेल भी गये.
वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सक्रिय सदस्य भी बने और 17 वर्ष की आयु में उन्होंने वर्ष 1925 में हुए काकोरी काण्ड में सक्रिय रूप से भाग लिया. गिरफ्तार होने के बाद उन्हें 14 साल की सजा हुई, लेकिन वर्ष 1937 में रिहा कर दिया गया.
उन्होंने चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया. उन्होंने HSRA के प्रचार और लेखन कार्य में योगदान दिया. स्वतंत्रता संग्राम के बाद मन्मथनाथ गुप्त ने लेखन और पत्रकारिता को अपनाया. उन्होंने 80 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें इतिहास, राजनीति और साहित्य पर आधारित कृतियाँ शामिल हैं.
प्रमुख पुस्तकें: – “काकोरी के शहीद”, “भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का इतिहास”, “संस्मरणों के झरोखे से” और “रानी लक्ष्मीबाई.
मन्मथनाथ गुप्त का निधन 26 अक्टूबर 2000 को हुआ था. वे स्वतंत्रता संग्राम के उन अमर नायकों में से एक थे, जिन्होंने अपने संघर्ष और लेखनी से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत किया. मन्मथनाथ गुप्त न केवल एक क्रांतिकारी थे, बल्कि एक उत्कृष्ट लेखक और इतिहासकार भी थे. उनकी कृतियाँ आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं.
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अभिनेता सुजीत कुमार
सुजीत कुमार एक फ़िल्म अभिनेता हैं, जिन्हें उनके अभिनय के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 07 फ़रवरी 1934 को वाराणसी में पैदा हुए थे, और उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक लंबे समय तक अभिनय किया. सुजीत कुमार का अभिनय कैरियर वर्ष 1969 में शुरू हुआ था, और उन्होंने कई हिट फ़िल्मों में अभिनय किया. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान बॉलीवुड के एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई.
फ़िल्में : – आराधना, आन मिलो सजना, गीत, अमर प्रेम, कलाबाज़, खानदान, यादगार और आखिर क्यों?.
सुजीत कुमार ने अपने कैरियर के दौरान नायक, खलनायक, और संवाददाता की भूमिकाओं में अभिनय किया और उनका अभिनय हिन्दी सिनेमा में महत्वपूर्ण माना जाता है. उन्होंने अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी जीते, और उनका योगदान भारतीय सिनेमा के इतिहास में याद किया जाता है. सुजीत कुमार का निधन 05 फ़रवरी 2010 को मुंबई में हुआ था.
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अभिनेत्री प्राची शाह
प्राची शाह एक टेलीविजन और फ़िल्म अभिनेत्री हैं. इनका पूरा नाम प्राची शाह पंड्या है. प्राची जन्म से ही एक गुजराती जैन हैं और इनका जन्म 7 फ़रवरी 1980 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में पैदा हुई थी. प्राची ने अपने कैरियर की शुरुआत टेलीविजन सीरियल्स से की थी. प्राची टीवी के लोकप्रिय शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ और ‘एक श्रृंगार-स्वाभिमान’ जैसे टेलीविजन शो में अपनी भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं.
प्रमुख टेलीविजन सीरियल्स: – कुंडली,कहीं दिया जले कहीं जिया,क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कयामत, इस प्यार को क्या नाम दूँ? एक बार फिर और रंगोली आदि.
प्रमुख फिल्मे: – राजा नटवरलाल, एबीसीडी 2, मुल्क और स्टूडेंट ऑफ द इयर आदि.
प्राची शाह एक प्रमुख टेलीविजन अभिनेत्री हैं, जिनका अभिनय कैरियर उनके विविध और उत्कृष्ट अभिनय कौशल के लिए जाना जाता है.
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अभिनेत्री अंकिता शर्मा
अंकिता शर्मा एक टेलीविजन अभिनेत्री हैं. जिनका जन्म 7 फरवरी 1987 को दिल्ली में हुआ था. अंकिता शर्मा ने 9 मार्च 2015 को मयंक शर्मा से विवाह किया. अंकिता शर्मा ने अपने कैरियर की शुरुआत 2009 में टेलीविजन सीरियल ‘ अगले जनम में मोहे बिटिया ही कीजो, से की थी.
टेलीविजन सीरियल्स: – बात हमारी पक्की है, मृत मंथन, चक्रवर्तीं अशोक सम्राट, देबांशी और काल भैरव रहस्य आदि.
अंकिता शर्मा ने अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं और वे भारतीय टेलीविजन के प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक हैं.
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अभिनेत्री शफाक नाज़
शफाक नाज़ भारतीय टेलीविजन और फिल्म अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी टीवी धारावाहिकों में अपने काम के लिए जानी जाती हैं. वे अपनी बेहतरीन अभिनय क्षमता और खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं.
शफाक नाज़ का जन्म 7 फरवरी 1993 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था.उनकी बड़ी बहन फलक़ नाज़ भी अभिनेत्री है. शफाक नाज़ ने टेलीविजन इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत की और कई लोकप्रिय धारावाहिकों में काम किया.
शफाक नाज़ ने कुंती का किरदार निभाया, जिससे उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली. उन्होंने कॉमेडी शो “चिड़ियाघर” में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने “कुल्फी कुमार बाजेवाला”, “महाकाली – अंत ही आरंभ है”, “संस्कार लक्ष्मी” और “सपना बाबुल का…बिदाई” में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
शफाक नाज़ ने टीवी के अलावा कुछ फिल्मों में भी काम किया है, हालाँकि उनकी पहचान मुख्य रूप से टेलीविजन से है.
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क्रांतिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल
क्रांतिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख क्रांतिकारी थे. उनका जन्म 1893 ई.को बनारस, उत्तर प्रदेश, ब्रिटिश भारत में हुआ था जबकि उनका निधन 7 फ़रवरी, 1942 को हुआ था. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण और प्रमुख नेता थे और उन्होंने विभाजन और आपसी एकता के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया.
शचीन्द्रनाथ सान्याल का प्रमुख कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बनारस क्षेत्र में था, जहाँ उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए संगठन की गठन की और उसकी नेतृत्व किया. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों में भाग लिए और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सशक्त और आक्रमक भूमिका निभाई.
शचीन्द्रनाथ सान्याल ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अनेक गिरफ्तारियों से गिरफ्तार होकर कठिनाइयों का सामना किया और उनकी साजिशों को खुद को बताया. उन्होंने आपसी एकता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और स्वतंत्रता संग्राम के लिए लोगों को जागरूक किया.
शचीन्द्रनाथ सान्याल का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों में शामिल है, और उनकी योगदान और संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण हैं.
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अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती
प्रवीण कुमार सोबती एक फ़िल्म अभिनेता थे. उनका जन्म 06 दिसम्बर 1947 को सरहली कलां, पंजाब में हुआ था. उन्होंने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत बॉलीवुड फ़िल्मों से की थी. प्रवीण सोबती ने अपने कैरियर के दौरान बी. आर. चोपड़ा के लोकप्रिय ऐतिहासिक टेली सीरियल महाभारत में ‘भीम’ की भूमिका निभाई. उन्होंने अपनी अद्वितीय अभिनय कला से लोगों का मनमोहन किया.
फ़िल्मों: – रक्षा, गज़ब, हम से है ज़माना, जागीर,करिश्मा कुदरत का, ज़बरदस्त,आखिर क्यों?, खुदगर्ज़, लोहा,शहंशाह, मोहब्बत के दुश्मन, अजूबा और पनाह आदि.
टेली-सीरियल: – महाभारत, सूर्यपुत्र शनिदेव और चाचा चौधरी.
प्रवीण सोबती का अभिनय कैरियर काफी सफल था, और उन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय कला के लिए कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं. वे भारतीय सिनेमा के अद्वितीय कलाकारों में से एक थे और उनका योगदान सिनेमा इंडस्ट्री के इतिहास में महत्वपूर्ण है.
प्रवीण सोबती का निधन 7 फ़रवरी 2022 को हुआ, लेकिन उनकी फ़िल्मों का अभिनय आज भी याद किया जाता है.