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अखबारों में…

मित्र, कोई खबर नहीं… झगड़ा – बाक्स खबर है…

शांति – कोई खबर नहीं…

युद्ध –  बड़ी खबर है…

सामाजिक समरसता छपाई गई, पेड न्यूज है…

जातिगत संघर्ष छाई हुई, हाफ पेज न्यूज है…

खेत में देशी बीज बोना, कोई खबर नहीं…

हाईब्रिड महंगे बीज (क्या हुआ जो अंकुरित नहीं होते) – रंगीन खबर है…

तीस मील के दायरे में अकेला बचा, खेल का मैदान, कोई खबर नहीं…

नेताजी के आर्डर से सालों बाद मंगवाया हुआ, एस्ट्रो टर्फ – ब्रेकिंग खबर है…

जिसने अपहरण रोकने जान दे दी, कोई खबर नहीं…

बलात्कार के पूरे विवरण, हाफ पेज खबर है…

बदहाल लोकतंत्र, कोई खबर नहीं…

धर्म के खुशहाल कट्टर प्रवचन – परिशिष्ट खबर है…

खबर –  कोई खबर नहीं

विज्ञापन – फुल पेज खबर है…

मरता विपक्ष – कोई खबर नहीं…

तंदरुस्त सत्ता –  पूरे अखबार में – न अंट पाने वाली खबर है!…

बाखबर!

बामुलाहिजा!

होशियार !

मेरे प्रश्नहीन देश !…

क्या तू अब एक अनपेड खबर है!…

जिसकी पूरी खबर अखबार की खबर में कहीं नहीं है!…

 

प्रभाकर कुमार… 

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