तीन नए आपराधिक कानून – किस तरह बदलेगी भारतीय न्याय व्यवस्था?
भारत में 01 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू किया गया है , जिनका उद्देश्य भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और सुसंगत बनाना है.
भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita, BNS): – इस कानून ने भारतीय दंड संहिता, 1860 को प्रतिस्थापित किया है. इसमें राजद्रोह के प्रावधानों को हटाकर देशद्रोह पर ध्यान केंद्रित किया गया है. मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम्स के लिए आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान है.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, BNSS): – इसमें आतंकवाद से जुड़े अपराधों के लिए मौत की सजा या आजीवन (DW) (आज तक) पैरोल की सुविधा नहीं होगी. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है. जैसे, 18 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के बलात्कार के मामलों में आजीवन कारावास या मौत की सजा. गैंगरेप के मामले में 20 साल की सजा या उम्रकैद की सजा का प्रावधान है.
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam): – यह कानून सबूतों की मान्यता और संग्रहण से संबंधित प्रक्रियाओं को अद्यतन करता है. न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और सटीकता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
इन नए कानूनों का उद्देश्य भारतीय साक्ष्य अधिनियम को और अधिक प्रभावी करना साथ ही, त्वरित और न्यायसंगत बनाना है. इन बदलावों से न्याय तक पहुंचना आसान और त्वरित होने की उम्मीद है, जिससे समाज में अपराधों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी.
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Three new criminal laws – how will the Indian judicial system change?
Three new criminal laws will be implemented in India from 01 July 2024, which aim to make the Indian judicial system more effective and consistent. These new laws are: –
Indian Justice Code (Bharatiya Nyaya Sanhita, BNS): – This law has replaced the Indian Penal Code, of 1860. It focuses on treason by removing the provisions of treason. There is a provision for life imprisonment or the death penalty for mob lynching and hate crimes.
Indian Civil Security Code (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, BNSS): – It will not provide for the death penalty or life (DW) (Aaj Tak) parole for crimes related to terrorism. Strict punishment has been provided for crimes against women and children. For example, life imprisonment or death penalty in cases of rape of women under the age of 18. In case of gang rape, there is a provision of 20 years of imprisonment or life imprisonment.
Indian Evidence Act (Bharatiya Sakshya Adhiniyam): –This law updates the procedures related to the recognition and collection of evidence. It is designed to increase transparency and accuracy in the justice system. These new laws aim to make justice more effective, quick, and equitable. These changes are expected to make access to justice easier and quicker, which will also help in preventing crimes in society.
The aim of these new laws is to make the Indian Evidence Act more effective as well as quick and equitable. These changes are expected to make access to justice easier and quicker, which will also help in preventing crimes in society.