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गोपाष्टमी…

गोपाष्टमी एक प्रमुख हिंदू पर्व है, जो भगवान कृष्ण और गायों के प्रति सम्मान को समर्पित है. यह त्योहार कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन, दीपावली के आठवें दिन मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 9  नवंबर 2024  को है. गोपाष्टमी का विशेष महत्व विशेष रूप से व्रजभूमि (मथुरा और वृंदावन) में है, जहाँ इसे उल्लासपूर्वक मनाया जाता है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने पहली बार ग्वालों के साथ मिलकर गायों को चराने का कार्य शुरू किया था. इसे गोचारण का पर्व भी कहा जाता है. गोपाष्टमी पर गायों और बछड़ों की पूजा की जाती है, उन्हें सजाया जाता है और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है. भक्त विशेष पूजा करते हैं, गायों को चारा खिलाते हैं, और उनके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं.

गोपाष्टमी का संदेश यह है कि गायों की सेवा और संरक्षण का कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण और समाज के लिए भी लाभकारी है.

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Gopashtami…

 

Gopashtami is a major Hindu festival dedicated to Lord Krishna and respect for cows. This festival is celebrated on the day of Kartik Shukla Ashtami, the eighth day of Diwali. This year the festival is on 9 November 2024. Gopashtami has special significance, especially in Vrajbhoomi (Mathura and Vrindavan), where it is celebrated with gaiety.

According to mythology, on this day Lord Krishna started grazing cows for the first time along with cowherds. It is also called the festival of Gocharan. On Gopashtami, cows and calves are worshipped and decorated and reverence is expressed towards them. Devotees perform special puja, feed fodder to cows, and pray for their health and well-being.

The message of Gopashtami is that the act of serving and protecting cows is not only important from a religious point of view but is also beneficial for the environment and society.

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