दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है, “दीप” का अर्थ होता है “दिया” और “आवली” का अर्थ होता है “ लाइन, श्रृंखला या पंक्ति. पद्म और स्कन्द पुराण में भी दीपावली का उल्लेख मिलता है. स्कन्द पुराण के अनुसार दीपक (दिया) को सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, सूर्य जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का श्रोत माना गया है और हिन्दू कैलंडर के अनुसार कार्तिक महीने में अपनी जगह बदलता है.यूँ तो दीपावली या दिवाली को रौशनी का त्यौहार कहा जाता है. भारतवर्ष में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में दीपावली का सामजिक, धार्मिक और आर्थिक महत्व होता है. भारत के कई भागों में इसे दीपोत्सव भी कहते हैं. “तमसो मा ज्योतिर्गमय” का अर्थ होता है ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ का वर्णन उपनिषद में मिलता है.
संकलन: – ज्ञानसागरटाइम्स टीम.
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